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भरतपुर में बिना लाईसेंस चल रहे विवाह स्थल तत्काल बंद करने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर में बिना मापदंडों और बिना लाईसेंस के चल रहे सभी विवाह स्थलों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शैलेश पाराशर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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बिना लाईसेंस चल रहे विवाह स्थल तत्काल बंद करने के आदेश
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Published : Dec 23, 2019, 11:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर में बिना मापदंडों और बिना लाईसेंस के चल रहे सभी विवाह स्थलों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने संबंधित अधिकारियों को 29 जनवरी को अदालत में पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शैलेश पाराशर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि निगम और स्थानीय प्रशासन मनमर्जी से अपने चहेतों को छोड़कर दूसरे विवाह स्थलों को सीज कर रहा है. कई विवाह स्थलों के पास जरूरी लाईसेंस और सुरक्षात्मक संसाधन भी नहीं है. इसके बावजूद केवल तीन विवाह स्थलों को सीज करने की कार्रवाई हुई है. इस पर अदालत ने बिना मापदंड और बिना लाईसेंस चल रहे विवाह स्थलों को तत्काल बंद कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

पढ़ेंः संसद के बने कानून का विरोध करना है तो पहले मुख्यमंत्री का संवैधानिक पद छोड़े गहलोत: शिवराज सिंह चौहान

गौरतलब है कि पूर्व में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि भरतपुर में विवाह स्थलों में रात दस बजे बाद भी लाउड स्पीकर चलाए जाते हैं और पटाखे फोडे़ जाते हैं. इसके अलावा शादी विवाह के कचरे को नालियों में डाला जाता है. जिसके चलते आम लोगों को परेशानी होती है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पूर्व में अवैध विवाह स्थलों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर में बिना मापदंडों और बिना लाईसेंस के चल रहे सभी विवाह स्थलों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने संबंधित अधिकारियों को 29 जनवरी को अदालत में पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शैलेश पाराशर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि निगम और स्थानीय प्रशासन मनमर्जी से अपने चहेतों को छोड़कर दूसरे विवाह स्थलों को सीज कर रहा है. कई विवाह स्थलों के पास जरूरी लाईसेंस और सुरक्षात्मक संसाधन भी नहीं है. इसके बावजूद केवल तीन विवाह स्थलों को सीज करने की कार्रवाई हुई है. इस पर अदालत ने बिना मापदंड और बिना लाईसेंस चल रहे विवाह स्थलों को तत्काल बंद कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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गौरतलब है कि पूर्व में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि भरतपुर में विवाह स्थलों में रात दस बजे बाद भी लाउड स्पीकर चलाए जाते हैं और पटाखे फोडे़ जाते हैं. इसके अलावा शादी विवाह के कचरे को नालियों में डाला जाता है. जिसके चलते आम लोगों को परेशानी होती है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पूर्व में अवैध विवाह स्थलों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर में बिना मापदंडों और बिना लाईसेंस के चल रहे सभी विवाह स्थलों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने संबंधित अधिकारियों को 29 जनवरी को अदालत में पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शैलेष पाराशर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिका में कहा गया कि निगम और स्थानीय प्रशासन मनमर्जी से अपने चहेतों को छोडकर दूसरे विवाह स्थलों को सीज कर रहा है। कई विवाह स्थलों के पास जरूरी लाईसेंस और सुरक्षात्मक संसाधन भी नहीं है। इसके बावजूद केवल तीन विवाह स्थलों को सीज करने की कार्रवाई हुई है। इस पर अदालत ने बिना मापदंड और बिना लाईसेंस चल रहे विवाह स्थलों को तत्काल बंद कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। गौरतलब है कि पूर्व में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि भरतपुर में विवाह स्थलों में रात दस बजे बाद भी लाउड स्पीकर चलाए जाते हैं और पटाखे फोडे जाते हैं। इसके अलावा कचरे को नालियों में डाला जाता है। जिसके चलते आम लोगों को परेशानी भुगतनी पड़ती है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पूर्व में अवैध विवाह स्थलों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे।Conclusion:
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