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राजस्थान हाईकोर्ट ने दिए नहर भूमि का नक्शा और रिकॉर्ड पेश करने के आदेश

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Published : Oct 4, 2019, 9:57 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भरतपुर की सीएफसीडी नहर का वर्ष 1947 और 1955 की जमाबंदियां और नक्शों सहित अन्य रिकॉर्ड पेश करने को कहा है. यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए गए.

राजस्थान हाईकोर्ट, rajasthan highcourt

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर की सीएफसीडी नहर का वर्ष 1947 और 1955 की जमाबंदियां और नक्शों सहित अन्य रिकॉर्ड पेश करने को कहा है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट, rajasthan highcourt
राजस्थान हाईकोर्ट

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि रामगढ़ बांध के मामले में हाईकोर्ट ने सभी प्राकृतिक जल स्त्रोतों की 1947 और 1955 की स्थिति पुन: कायम करने के निर्देश दिए थे. इसकी पालना में भरतपुर की सीएफसीडी नहर के किनारों पर 272 अतिक्रमण चिंहित किए गए थे.

पढ़ें- 'सिलिकोसिस पॉलिसी' लागू करने वाला पहला प्रदेश बनेगा राजस्थान

प्रशासन ने इनमें से 171 अतिक्रमण हटा दिए हैं. वहीं प्रभावितों की ओर से कहा गया कि वे 1947 से पहले से इस जमीन पर काबिज हैं. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को नहर से जुडा रिकॉर्ड पेश करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर की सीएफसीडी नहर का वर्ष 1947 और 1955 की जमाबंदियां और नक्शों सहित अन्य रिकॉर्ड पेश करने को कहा है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट, rajasthan highcourt
राजस्थान हाईकोर्ट

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि रामगढ़ बांध के मामले में हाईकोर्ट ने सभी प्राकृतिक जल स्त्रोतों की 1947 और 1955 की स्थिति पुन: कायम करने के निर्देश दिए थे. इसकी पालना में भरतपुर की सीएफसीडी नहर के किनारों पर 272 अतिक्रमण चिंहित किए गए थे.

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प्रशासन ने इनमें से 171 अतिक्रमण हटा दिए हैं. वहीं प्रभावितों की ओर से कहा गया कि वे 1947 से पहले से इस जमीन पर काबिज हैं. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को नहर से जुडा रिकॉर्ड पेश करने को कहा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर की सीएफसीडी नहर का वर्ष 1947 और 1955 की जमाबंदियां और नक्शों सहित अन्य रिकॉर्ड पेश करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि रामगढ़ बांध के मामले में हाईकोर्ट ने सभी प्राकृतिक जल स्त्रोतों की 1947 और 1955 की स्थिति पुन: कायम करने के निर्देश दिए थे। इसकी पालना में भरतपुर की सीएफसीडी नहर के किनारों पर 272 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। प्रशासन ने इनमें से 171 अतिक्रमण हटा दिए हैं। वहीं प्रभावितों की ओर से कहा गया कि वे 1947 से पहले से इस जमीन पर काबिज हैं। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को नहर से जुडा रिकॉर्ड पेश करने को कहा है।
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