जयपुर. राजस्थान में जेलकर्मी एक बार फिर वेतन विसंगति दूर करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर जेलकर्मी बीते 7 दिन से मैस का बहिष्कार कर ड्यूटी कर रहे हैं. भूखे रहकर ड्यूटी करने से जेलकर्मी बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. आज मंगलवार को भी आंदोलन जारी रहा. इस आंदोलन के कारण अब तक प्रदेशभर की जेलों में मैस का बहिष्कार कर रहे करीब एक हजार जेलकर्मी बीमार होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं.
ऐसे में जेलों की सुरक्षा के लिए जेल महानिदेशालय ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर जेलों की सुरक्षा के लिए आरएसी के जवान तैनात करने की मांग की है. इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस मुख्यालय ने आरएसी के जवानों को जेलों की सुरक्षा में तैनात किया है. पुलिस मुख्यालय के आईजी (कानून-व्यवस्था) गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि जेलों में सुरक्षा के हालात के मद्देनजर आरएसी के दो प्लाटून सेंट्रल जेल अजमेर में और एक प्लाटून हाई सिक्योरिटी जेल अजमेर में तैनात करने के निर्देश आरएसी की चौथी बटालियन कमांडेंट को दिए गए हैं.
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि पहले कारागार विभाग में प्रहरी व मुख्य प्रहरी का वेतनमान पुलिस के कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के बराबर था. वित्त विभाग ने 1 मार्च 1998 को पुलिस कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन किया था. इसके बाद से ही जेल महकमे के कर्मचारी पुलिस महकमे के समान वेतन-भत्तों की मांग कर रहे हैं. अपनी मांग को लेकर साल 2017 में जेल कर्मचारियों ने मैस का बहिष्कार किया तो सरकार ने समझौता कर वेतन भत्तों में संशोधन करने का भरोसा दिया. छह साल बाद भी सरकार ने वादा पूरा नहीं किया तो इस साल की शुरुआत में जेलकर्मियों ने फिर आंदोलन किया.
इस बार भी आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म किया गया. सीएम ने भी जेलकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ तो अब एक बार फिर जेलकर्मी आंदोलन की राह पर हैं.