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Om Birla Big Statement : कानून बनाने से पहले होनी चाहिए चर्चा, न्यायपालिका को मर्यादा में रहने के लिए प्रस्ताव पास

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Published : Jan 12, 2023, 4:58 PM IST

Updated : Jan 12, 2023, 9:09 PM IST

राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि (Om Birla Big Statement) एक घंटे में हंगामे के बीच कानून बनाने की जगह चर्चा होनी चाहिए.

Om Birla
लोकसभा स्पीकर
राजस्थान विधानसभा में ओम बिरला का बड़ा बयान

जयपुर. पीठासीन अधिकारियों के 83वें सम्मेलन के समापन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस सम्मेलन में जो प्रस्ताव रखे गए हैं, उनमें एक प्रस्ताव न्यायपालिका को लेकर भी है. जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उस भावना को रखा गया है कि विधायिका सर्वोच्च है और उसे कानून बनाने का अधिकार है. न्यायपालिका को मर्यादा में रहना चाहिए, उस पर भी प्रस्ताव पास किया गया है. बिरला ने कहा कि ऐसा होने से सभी संवैधानिक संस्थाएं अपने प्राप्त अधिकारों के अनुसार काम कर सकेंगी और जनता को फायदा होगा.

एक घंटे में कानून बनाने की जगह विधानसभा में हो सही तरीके से डिबेट : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि जिन जनप्रतिनिधियों को चुनकर जनता भेजती है, उनका व्यवहार और आचरण गरिमा में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में डिबेट हो, ना कि डिस्टरबेंस. उन्होंने कहा कि आज हमारी सबसे बड़ी चिंता यही है कि किसी भी दल की सरकार किसी भी राज्य में क्यों ना हो, सुनियोजित तरीके से सदनों को स्थगित करवाना वेलों में आना, डिस्टरबेंस करना, यह देश के लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है.

Om Birla Big Statement in Rajasthan Assembly
राजस्थान विधानसभा में लोकसभा स्पीकर

पढ़ें : पीठासीन अधिकारी सम्मेलन: लोकसभा अध्यक्ष बोले-न्यायपालिका भी संवैधानिक मर्यादा का पालन करें

इस तरह की परिस्थितियों को देखते हुए एक प्रस्ताव यह भी रखा गया है कि सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं बेहतर कानून बनाने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि विधायी संस्थाओं में नियमों, प्रक्रिया परंपराओं को समीक्षा करने की आवश्यकता है. हम चाहते हैं कि सभी राज्यों की विधानसभा और केंद्रीय विधान मंडल में एकरूपता हो, उसमें शालीनता, गरिमा और मर्यादा बनी रहे.

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चिंता है कि 1 घंटे में कानून पास हो रहे हैं, जबकि कानून बनाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए. जनप्रतिनिधियों को जनता से संवाद कर बेहतर तरीके से डिबेट कर ही कानून बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधानसभा में जितनी अधिक डिबेट में लोगों की भागीदारी होगी, उतनी ही लोगों की आस्था भी संवैधानिक संस्थाओं के प्रति बढ़ेगी. बिरला ने कहा कि एक प्रस्ताव विधानसभा की बैठकों की संख्या बढ़ाने का भी रखा गया है.

83rd Presiding Officers Conference
पीठासीन अधिकारियों ने राजभवन में देखा संविधान उद्यान

पीठासीन अधिकारियों ने राजभवन में देखा संविधान उद्यान : देशभर से आए पीठासीन अधिकारियों ने गुरुवार को राजभवन में बने संविधान उद्यान को देखा. इस दौरान उन्होंने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों की प्रतिमाओं सहित यहां प्रदर्शित मूर्ति शिल्प, छाया चित्रों और मॉडल्स की सराहना की. उन्होंने कहा कि संविधान उद्यान का भ्रमण संविधान का एक प्रकार से साक्षात्कार करने जैसा है.

83rd Presiding Officers Conference
संविधान पार्क में खिंचवाई फोटो

संविधान पार्क में खिंचवाई फोटो : पीठासीन अधिकारियों ने संविधान की मूल प्रति में 22 भागों में चित्रित कलाकृतियों के कला-रूपों को बारीकी से देखा. उन्होंने चरखा चलाते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष फोटो खिंचवाई और स्वदेशी आंदोलन के जरिए स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा देने के उनके अभिनव प्रयोग को याद किया. पीठासीन अधिकारियों ने राजभवन के प्राकृतिक परिवेश में घूम रहे मोरों के बीच मयूर स्तम्भ की सुंदरता को अद्भुत बताया. इसके साथ अपने प्रिय घोड़े के साथ विश्राम करते महाराणा प्रताप की प्रतिमा देखकर कई पीठासीन अधिकारी काफी खुश हुए.

83rd Presiding Officers Conference
पीठासीन अधिकारियों के साथ राज्यपाल कलराज मिश्र

संविधान पार्क अपने आप में उदाहरण : उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि संविधान उद्यान पूरे देश में अपने आप में एक उदाहरण है. वहीं, इसके लिए राज्यपाल मिश्र की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान की संस्कृति के प्रसार के अग्रदूत के रूप में पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. संवैधानिक जागरूकता के बारे में प्रयासों को नई गति प्रदान की है. हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्यपाल मिश्र को हिमाचल की पारम्परिक टोपी पहनाकर उनका अभिनंदन किया.

राजस्थान विधानसभा में ओम बिरला का बड़ा बयान

जयपुर. पीठासीन अधिकारियों के 83वें सम्मेलन के समापन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस सम्मेलन में जो प्रस्ताव रखे गए हैं, उनमें एक प्रस्ताव न्यायपालिका को लेकर भी है. जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उस भावना को रखा गया है कि विधायिका सर्वोच्च है और उसे कानून बनाने का अधिकार है. न्यायपालिका को मर्यादा में रहना चाहिए, उस पर भी प्रस्ताव पास किया गया है. बिरला ने कहा कि ऐसा होने से सभी संवैधानिक संस्थाएं अपने प्राप्त अधिकारों के अनुसार काम कर सकेंगी और जनता को फायदा होगा.

एक घंटे में कानून बनाने की जगह विधानसभा में हो सही तरीके से डिबेट : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि जिन जनप्रतिनिधियों को चुनकर जनता भेजती है, उनका व्यवहार और आचरण गरिमा में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में डिबेट हो, ना कि डिस्टरबेंस. उन्होंने कहा कि आज हमारी सबसे बड़ी चिंता यही है कि किसी भी दल की सरकार किसी भी राज्य में क्यों ना हो, सुनियोजित तरीके से सदनों को स्थगित करवाना वेलों में आना, डिस्टरबेंस करना, यह देश के लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है.

Om Birla Big Statement in Rajasthan Assembly
राजस्थान विधानसभा में लोकसभा स्पीकर

पढ़ें : पीठासीन अधिकारी सम्मेलन: लोकसभा अध्यक्ष बोले-न्यायपालिका भी संवैधानिक मर्यादा का पालन करें

इस तरह की परिस्थितियों को देखते हुए एक प्रस्ताव यह भी रखा गया है कि सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं बेहतर कानून बनाने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि विधायी संस्थाओं में नियमों, प्रक्रिया परंपराओं को समीक्षा करने की आवश्यकता है. हम चाहते हैं कि सभी राज्यों की विधानसभा और केंद्रीय विधान मंडल में एकरूपता हो, उसमें शालीनता, गरिमा और मर्यादा बनी रहे.

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चिंता है कि 1 घंटे में कानून पास हो रहे हैं, जबकि कानून बनाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए. जनप्रतिनिधियों को जनता से संवाद कर बेहतर तरीके से डिबेट कर ही कानून बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधानसभा में जितनी अधिक डिबेट में लोगों की भागीदारी होगी, उतनी ही लोगों की आस्था भी संवैधानिक संस्थाओं के प्रति बढ़ेगी. बिरला ने कहा कि एक प्रस्ताव विधानसभा की बैठकों की संख्या बढ़ाने का भी रखा गया है.

83rd Presiding Officers Conference
पीठासीन अधिकारियों ने राजभवन में देखा संविधान उद्यान

पीठासीन अधिकारियों ने राजभवन में देखा संविधान उद्यान : देशभर से आए पीठासीन अधिकारियों ने गुरुवार को राजभवन में बने संविधान उद्यान को देखा. इस दौरान उन्होंने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों की प्रतिमाओं सहित यहां प्रदर्शित मूर्ति शिल्प, छाया चित्रों और मॉडल्स की सराहना की. उन्होंने कहा कि संविधान उद्यान का भ्रमण संविधान का एक प्रकार से साक्षात्कार करने जैसा है.

83rd Presiding Officers Conference
संविधान पार्क में खिंचवाई फोटो

संविधान पार्क में खिंचवाई फोटो : पीठासीन अधिकारियों ने संविधान की मूल प्रति में 22 भागों में चित्रित कलाकृतियों के कला-रूपों को बारीकी से देखा. उन्होंने चरखा चलाते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष फोटो खिंचवाई और स्वदेशी आंदोलन के जरिए स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा देने के उनके अभिनव प्रयोग को याद किया. पीठासीन अधिकारियों ने राजभवन के प्राकृतिक परिवेश में घूम रहे मोरों के बीच मयूर स्तम्भ की सुंदरता को अद्भुत बताया. इसके साथ अपने प्रिय घोड़े के साथ विश्राम करते महाराणा प्रताप की प्रतिमा देखकर कई पीठासीन अधिकारी काफी खुश हुए.

83rd Presiding Officers Conference
पीठासीन अधिकारियों के साथ राज्यपाल कलराज मिश्र

संविधान पार्क अपने आप में उदाहरण : उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि संविधान उद्यान पूरे देश में अपने आप में एक उदाहरण है. वहीं, इसके लिए राज्यपाल मिश्र की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान की संस्कृति के प्रसार के अग्रदूत के रूप में पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. संवैधानिक जागरूकता के बारे में प्रयासों को नई गति प्रदान की है. हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्यपाल मिश्र को हिमाचल की पारम्परिक टोपी पहनाकर उनका अभिनंदन किया.

Last Updated : Jan 12, 2023, 9:09 PM IST
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