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अब दोनों निगमों के अतिरिक्त आयुक्त उद्यान अधीक्षक पर निगरानी रखेंगे नियंत्रक अधिकारी

जयपुर के हेरिटेज और ग्रेटर निगम में कई अधिकारी उद्यान शाखा में नियुक्ति के लिए प्रयासरत थे. जिसके बाद स्थानीय विधायकों की दखलंदाजी के बाद तत्कालीन आयुक्त ने उद्यान अधीक्षक पर निगरानी के लिए नियंत्रक अधिकारी नियुक्त किया गया है. ग्रेटर नगर निगम में उद्यान विज्ञ और हेरिटेज नगर निगम में उद्यान अधीक्षक का अतिरिक्त काम देख रहे रविंद्र सिंह चारण पर अतिरिक्त आयुक्त नियंत्रक अधिकारी होंगे.

स्वायत्त शासन विभाग, jaipur nagar nigam
उद्यान की फोटो
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Published : Jun 4, 2021, 1:14 PM IST

जयपुर. राजधानी के हेरिटेज और ग्रेटर निगम में कई अधिकारी उद्यान शाखा में नियुक्ति के लिए प्रयास करे थे. ऐसे में मामला विधानसभा समिति तक पहुंच गया. जिसके बाद तत्कालीन आयुक्त ने उद्यान अधीक्षक पर निगरानी के लिए नियंत्रक अधिकारी नियुक्त किया है. निगरानी की जिम्मेदारी ग्रेटर नगर निगम में उद्यान विज्ञ और हेरिटेज नगर निगम में उद्यान अधीक्षक का अतिरिक्त काम देख रहे रविंद्र सिंह चारण को सौंपी गई है. इस सम्बंध में स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.

copy of order
आदेश की कॉपी....

कई अधिकारी कर रहे थे प्रयास...

बता दें कि बीते दिनों हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम में कई अधिकारी उद्यान शाखा में नियुक्ति के लिए प्रयास कर रहे थे. ऐसे में मामला विधानसभा की समिति तक पहुंचा और स्थानीय विधायकों की दखलंदाजी के बाद तत्कालीन आयुक्त ने राजस्व शाखा के एक अधिकारी को उद्यान उपायुक्त भी बना दिया था.

मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के संज्ञान के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश रद्द कर दिये. जिसके बाद अब मामला उद्यान अधीक्षक पर निगरानी के लिए उपायुक्त की तैनाती का उठा और यूडीएच मंत्री के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग ने दोनों नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त को नियंत्रक अधिकारी बनाने के आदेश जारी किए हैं.

पढ़े: AICC की कोविड टास्क फोर्स की वर्चुअल बैठक, डोटासरा बोले- राजस्थान में किए जा रहे सबसे ज्यादा टेस्ट

दोनों ही निगम में कुछ अधिकारी उद्यान उपायुक्त बनने के लिए स्वायत्त शासन विभाग के चक्कर काट रहे हैं. जबकि हेरिटेज नगर निगम में एक अधिकारी उद्यान उपायुक्त के पद पर भी है. ऐसे में उनका कामकाज क्या होगा, ये एक बड़ा सवाल बन गया है.

पढ़े: बिजली मीटर गड़बड़ी मामले में डिस्कॉम ने कंपनी का भुगतान रोका, बैंक गारंटी रिलीज करने पर भी रोक

उधर, ग्रेटर नगर निगम ने जिस हेड कांस्टेबल शिवराज सिंह की प्रतिनियुक्ति निरस्त कर पुलिस मुख्यालय को उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा था, उसे 24 घंटे बाद ही संशोधित आदेश निकालते हुए विभागीय कार्रवाई की बजाए हेरिटेज नगर निगम में भेजने के आदेश दिए हैं.

आपको बता दें कि शिवराज पर निगम के कॉन्स्टेबलों को हटाने का षड्यंत्र रचने और कभी कांग्रेस कार्यकर्ता, कभी वकील बनकर फर्जी नामों से शिकायतें करने का आरोप है.

जयपुर. राजधानी के हेरिटेज और ग्रेटर निगम में कई अधिकारी उद्यान शाखा में नियुक्ति के लिए प्रयास करे थे. ऐसे में मामला विधानसभा समिति तक पहुंच गया. जिसके बाद तत्कालीन आयुक्त ने उद्यान अधीक्षक पर निगरानी के लिए नियंत्रक अधिकारी नियुक्त किया है. निगरानी की जिम्मेदारी ग्रेटर नगर निगम में उद्यान विज्ञ और हेरिटेज नगर निगम में उद्यान अधीक्षक का अतिरिक्त काम देख रहे रविंद्र सिंह चारण को सौंपी गई है. इस सम्बंध में स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.

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कई अधिकारी कर रहे थे प्रयास...

बता दें कि बीते दिनों हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम में कई अधिकारी उद्यान शाखा में नियुक्ति के लिए प्रयास कर रहे थे. ऐसे में मामला विधानसभा की समिति तक पहुंचा और स्थानीय विधायकों की दखलंदाजी के बाद तत्कालीन आयुक्त ने राजस्व शाखा के एक अधिकारी को उद्यान उपायुक्त भी बना दिया था.

मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के संज्ञान के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश रद्द कर दिये. जिसके बाद अब मामला उद्यान अधीक्षक पर निगरानी के लिए उपायुक्त की तैनाती का उठा और यूडीएच मंत्री के निर्देश पर स्वायत्त शासन विभाग ने दोनों नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त को नियंत्रक अधिकारी बनाने के आदेश जारी किए हैं.

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दोनों ही निगम में कुछ अधिकारी उद्यान उपायुक्त बनने के लिए स्वायत्त शासन विभाग के चक्कर काट रहे हैं. जबकि हेरिटेज नगर निगम में एक अधिकारी उद्यान उपायुक्त के पद पर भी है. ऐसे में उनका कामकाज क्या होगा, ये एक बड़ा सवाल बन गया है.

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उधर, ग्रेटर नगर निगम ने जिस हेड कांस्टेबल शिवराज सिंह की प्रतिनियुक्ति निरस्त कर पुलिस मुख्यालय को उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा था, उसे 24 घंटे बाद ही संशोधित आदेश निकालते हुए विभागीय कार्रवाई की बजाए हेरिटेज नगर निगम में भेजने के आदेश दिए हैं.

आपको बता दें कि शिवराज पर निगम के कॉन्स्टेबलों को हटाने का षड्यंत्र रचने और कभी कांग्रेस कार्यकर्ता, कभी वकील बनकर फर्जी नामों से शिकायतें करने का आरोप है.

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