जयपुर. राजधानी जयपुर में राह चलती युवतियों से छेड़छाड़, गंदे कमेंट और यहां तक कि महिला पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की करने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की (Strict action taken against miscreants) जाएगी. शहर में मनचलों को काबू करने वाली निर्भया स्क्वाड की महिला पुलिसकर्मियों (women police of nirbhaya squad) ने अब बॉडी वार्न कैमरे का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. ऐसे में वर्दी पर लगे इन कैमरों में सब कुछ रिकॉर्ड होगा. वहीं, आवारागर्दी (Jaipur women police technically covered) करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए कड़ी धाराओं में मुकदमे दर्ज किए जाएंगे.
इससे पुलिस की कार्रवाई में भी पारदर्शिता बनी रहेगी और कार्रवाई के दौरान रिकॉर्ड हुए वीडियो के आधार पर एविडेंस भी रखे जा सकेंगे. इसी कड़ी में शुक्रवार को एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर कैलाश विश्नोई ने निर्भया स्क्वाड की नोडल अधिकारी सुनीता मीणा को एक दर्जन बॉडी वार्न कैमरे उपलब्ध करवाए. इसके बाद एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने निर्भया टीम की एक दर्जन महिला कांस्टेबल की वर्दी पर इन बॉडी वार्न कैमरे लगाया. इन कैमरों में टीम के आपसी संवाद और व्यस्ततम स्थानों की रिकॉर्डिंग हो सकेगी.
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काम में आएगी पारदर्शिता: एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर कैलाश विश्नोई ने बताया कि जयपुर शहर में निर्भया टीम अच्छा काम कर रही है. इनके काम में अधिक (cameras monitor the activities of miscreants) पारदर्शिता लाने के लिए और कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर इवेंट्स को तकनीकी रूप से सुबूत के तौर पर कवर करने के लिए ये कैमरे उपलब्ध करवाए गए हैं. कार्य का आउटपुट देखते हुए निर्भया स्क्वाड टीम को आगे और कैमरे मुहैया कराए जाएंगे.
बॉडी वार्न कैमरे की खासियत: इन बॉडी वार्न कैमरों में ऑडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ ही नाइट विजन की सुविधा भी उपलब्ध है. कैमरे के ऊपर लगे लैंस को चारों तरफ घुमाया (Women police equipped with body worn cameras) जा सकता है. इसकी रिकॉर्डिंग सॉफ्टवेयर के जरिए कम्प्यूटर में 15 दिनों तक सेव रहेगी. कई बार सुबूतों के अभाव में बच निकलने वाले बदमाश भी अब नहीं बच सकेंगे.