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मास्टर भंवर लाल के निधन को एक साल, गहलोत मंत्रिमंडल में Cabinet स्तर का नहीं कोई दलित चेहरा...Expansion से उम्मीद बरकरार

सुजानगढ़ विधानसभा सीट (Sujangah Vidhansabha Seat) से विधायक (MLA) रहे मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) को एक साल पूरा हो चुका है. वो गहलोत मंत्रिमण्डल (Gehlot Cabinet) का एकमात्र दलित चेहरा थे. उनकी मौत के बाद अब तक एक भी दलित (Dalit) चेहरा इस कैबिनेट में जगह नहीं बना पाया है. उम्मीद कैबिनेट विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) पर टिकी है जो टलती ही जा रही है.

Rajasthan Cabinet Expansion
मास्टर भंवर लाल
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Published : Nov 16, 2021, 10:23 AM IST

Updated : Nov 16, 2021, 2:08 PM IST

जयपुर: कांग्रेस पार्टी में दलितों के हितों की आवाज उठाने वाले और वर्तमान गहलोत सरकार (Gehlot Government) में एक मात्र कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) रहे मास्टर भंवरलाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) का निधन हुए आज पूरा 1 साल हो गया है.

उनकी विधानसभा सीट सुजानगढ़ (Sujangah Vidhansabha Seat) में तो उनके बेटे मनोज मेघवाल विधायक (MLA Manoj Meghwal) बन उनकी कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं,लेकिन राजस्थान (Rajasthan) में आज भी दलितों की आवाज उठाने वाले नेता मास्टर भंवरलाल मेघवाल की कमी कांग्रेस पार्टी को खल रही है.

सचिन पायलट ने जनसभा में सरकार को दिलाया था याद

पढ़ें-राजस्थान में कैबिनेट विस्तार की चर्चा ने पकड़ा जोर, सोनिया गांधी से मिले सीएम गहलोत

केवल कांग्रेस पार्टी में ही नहीं बल्कि गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet) में भी मास्टर भंवरलाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) की कमी महसूस हो रही है और बार-बार एक दलित कैबिनेट मंत्री (Dalit Cabinet Minister) बनाने की मांग राजस्थान में उठ रही है, लेकिन राजस्थान में अटके हुए मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) के चलते मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के बाद अब तक उनकी जगह कोई दूसरा कैबिनेट स्तर का दलित मंत्री नहीं बन सका है.

कांग्रेस पार्टी में दलित विधायकों की ओर से ही नहीं बल्कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने भी राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) से यह मांग रखी थी कि मास्टर भंवर लाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) के निधन होने के चलते जो कैबिनेट मंत्री की जगह खाली हुई है उसे जल्द भरा जाए.

बार-बार उठने वाली मांगों के बावजूद अब तक प्रदेश में कैबिनेट विस्तार या पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Expansion) नहीं हो सका है. ऐसे में एक दलित कैबिनेट स्तर के मंत्री की जगह भी 1 साल से खाली है. सबको इंतजार और उम्मीद कैबिनेट विस्तार का ही है. अटकलों के बीच निगाहें सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) पर टिकी हैं कि कब वो विस्तार करते हैं और कब और लोगों को जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं.

पढ़ें-Sonia Gandhi की मंत्रिमंडल विस्तार-राजनीतिक नियुक्तियों को हरी झंडी...CM गहलोत हाईकमान से अलग से मिले


दलित राज्यमंत्री 3

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने जब अपनी कैबिनेट बनाई तो मास्टर भंवर लाल मेघवाल (Master Bhanwar Lal Meghwal) को कैबिनेट मंत्री बनाते हुए टीकाराम जूली (Tikaram Juli), भजन लाल जाटव (Bhajan Lal Jatav) और ममता भूपेश (Mamta Bhupesh) को राज्यमंत्री बनाया. भले ही 3 एससी वर्ग के राज्यमंत्री हो लेकिन सवाल दलित नेता को कैबिनेट दर्जे का है.


विस्तार से संभावना

राजस्थान में अब कैबिनेट विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) पर हर किसी की नजर है, तो वही इंतजार राजस्थान के कम से कम एक कैबिनेट स्तर के दलित मंत्री (Dalit Minister) की भी हो रही है, जो दलितों की आवाज को कैबिनेट में पुरजोर तरीके से उठा सके. सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में राज्य मंत्री टीकाराम जूली को प्रमोट कर राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है. साथ ही पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व मंत्री मंजू मेघवाल और कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ दलित विधायक परसराम मोरदिया में से किसी को भी कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है.

जयपुर: कांग्रेस पार्टी में दलितों के हितों की आवाज उठाने वाले और वर्तमान गहलोत सरकार (Gehlot Government) में एक मात्र कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) रहे मास्टर भंवरलाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) का निधन हुए आज पूरा 1 साल हो गया है.

उनकी विधानसभा सीट सुजानगढ़ (Sujangah Vidhansabha Seat) में तो उनके बेटे मनोज मेघवाल विधायक (MLA Manoj Meghwal) बन उनकी कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं,लेकिन राजस्थान (Rajasthan) में आज भी दलितों की आवाज उठाने वाले नेता मास्टर भंवरलाल मेघवाल की कमी कांग्रेस पार्टी को खल रही है.

सचिन पायलट ने जनसभा में सरकार को दिलाया था याद

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केवल कांग्रेस पार्टी में ही नहीं बल्कि गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet) में भी मास्टर भंवरलाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) की कमी महसूस हो रही है और बार-बार एक दलित कैबिनेट मंत्री (Dalit Cabinet Minister) बनाने की मांग राजस्थान में उठ रही है, लेकिन राजस्थान में अटके हुए मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) के चलते मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के बाद अब तक उनकी जगह कोई दूसरा कैबिनेट स्तर का दलित मंत्री नहीं बन सका है.

कांग्रेस पार्टी में दलित विधायकों की ओर से ही नहीं बल्कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने भी राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) से यह मांग रखी थी कि मास्टर भंवर लाल मेघवाल (MLA Master Bhanwar Lal Meghwal) के निधन होने के चलते जो कैबिनेट मंत्री की जगह खाली हुई है उसे जल्द भरा जाए.

बार-बार उठने वाली मांगों के बावजूद अब तक प्रदेश में कैबिनेट विस्तार या पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Expansion) नहीं हो सका है. ऐसे में एक दलित कैबिनेट स्तर के मंत्री की जगह भी 1 साल से खाली है. सबको इंतजार और उम्मीद कैबिनेट विस्तार का ही है. अटकलों के बीच निगाहें सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) पर टिकी हैं कि कब वो विस्तार करते हैं और कब और लोगों को जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं.

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दलित राज्यमंत्री 3

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने जब अपनी कैबिनेट बनाई तो मास्टर भंवर लाल मेघवाल (Master Bhanwar Lal Meghwal) को कैबिनेट मंत्री बनाते हुए टीकाराम जूली (Tikaram Juli), भजन लाल जाटव (Bhajan Lal Jatav) और ममता भूपेश (Mamta Bhupesh) को राज्यमंत्री बनाया. भले ही 3 एससी वर्ग के राज्यमंत्री हो लेकिन सवाल दलित नेता को कैबिनेट दर्जे का है.


विस्तार से संभावना

राजस्थान में अब कैबिनेट विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) पर हर किसी की नजर है, तो वही इंतजार राजस्थान के कम से कम एक कैबिनेट स्तर के दलित मंत्री (Dalit Minister) की भी हो रही है, जो दलितों की आवाज को कैबिनेट में पुरजोर तरीके से उठा सके. सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में राज्य मंत्री टीकाराम जूली को प्रमोट कर राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है. साथ ही पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व मंत्री मंजू मेघवाल और कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ दलित विधायक परसराम मोरदिया में से किसी को भी कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है.

Last Updated : Nov 16, 2021, 2:08 PM IST
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