जयपुर. राजस्थान के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षकों के नहीं होने से इस जरूरी शिक्षा का हाल बेहाल है. ऐसे हालात में प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मुहिम को राजस्थान के सरकारी स्कूल मुंह ही चिढ़ाते दिख रहे हैं. देश में जहां कंप्यूटर शिक्षा आज के विद्यार्थियों के लिए जरूरी है. वहीं प्रदेश के 65 हजार सरकारी स्कूलों में एक भी स्थाई कंप्यूटर शिक्षक तैनात नहीं है. स्थाई शिक्षक नहीं होने के बावजूद सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर विषय को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाया जा रहा है. साथ ही छात्रों का इसमें मूल्यांकन होने के साथ उसका परिणाम भी जारी किया जा रहा है.
ऐसे हुई थी कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति
2008 में प्रथम फेस में 2500 स्कूलों में और 2009 में सेकंड फेस में दो हजार स्कूलों से आईसीटी परियोजना में कंप्यूटर शिक्षा शुरू हुई. जिसके माध्यम से प्रत्येक स्कूल में एक कंप्यूटर शिक्षक लगाया गया. अप्रैल 2014 में यह परियोजना पूरी होने के बाद सभी 4500 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक हटा दिए गए. तब से लैब के ताले लग गए और कंप्यूटर धूल खा रहे है. 2014 में तृतीय फेज में दो हजार स्कूलों में आईसीटी परियोजना में कंप्यूटर शिक्षा शुरू हुई. जिसमें 5 विद्यालयों पर एक कंप्यूटर शिक्षक लगाया गया. ये परियोजना फरवरी 2019 में पूरी हो गयी और वर्तमान सरकार ने 400 कार्यरत शिक्षकों को भी हटा दिया.
6000 कंप्यूटर शिक्षक हुए बेरोजगार
बता दे पिछली कांग्रेस सरकार ने करीब 6000 कंप्यूटर शिक्षकों को संविदा पर लगाया था. लेकिन 2013 में भाजपा सरकार ने आते ही कंप्यूटर शिक्षकों की सेवाओं को समाप्त कर दिया था. इसके बाद यह 6000 कंप्यूटर शिक्षक तो बेरोजगार हुए थे. साथ ही सरकारी नौकरी की आस देख रहे करीब 40000 कंप्यूटर कोर्स किए हुए बेरोजगार की उम्मीदों को भी झटका लगा.
बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षक दर-दर की ठोकरें खा रहे
वर्तमान सरकार ने प्रत्येक जिले में अंग्रेजी माध्यम की सरकारी स्कूल खोलने का फैसला लिया. प्रत्येक स्कूल में एक कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति भी कर दी. लेकिन यह आदेश भी इन बेरोजगारों की उम्मीद को तोड़ने वाला ही रहा. क्योंकि शिक्षा विभाग ने सिर्फ उन्हीं शिक्षकों को वरीयता दी. जो पहले से शिक्षण कार्य करवा रहे है. वहीं जिन्होंने आरएससीआईटी का कोर्स किया हुआ है. वह बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षक दर-दर की ठोकरें खा रहे है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्णय का इंतजार
कंप्यूटर शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि अगर अंग्रेजी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक लगाए जा रहे हैं, तो हिंदी माध्यम के स्कूलों में यह आदेश क्यों लागू नहीं किया जा रहा है. कुल 8500 सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब है. लेकिन शिक्षकों के अभाव से लैब बंद पड़ी है. हिंदी स्कूल में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति पर शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा हिंदी मीडियम स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है. चुकी वित्त मंत्री खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है तो वित्त मंत्री का जो भी निर्णय होगा उस आधार पर शिक्षक लगाए जाएंगे.