जयपुर. रोडवेज मुख्यालय में सोमवार को 'नो व्हीकल डे' अधिकारियों तक ही सीमित रहा. रोडवेज मुख्यालय के अधिकारी 'नो व्हीकल डे' के तहत पैदल ही दफ्तर पहुंचे, लेकिन 'नो व्हीकल डे' को लेकर कर्मचारी जागरूक नहीं दिखे वे अपनी गाड़ी से ही दफ्तर में आए.
परिवहन विभाग में 'नो व्हीकल डे' की शुरुआत पिछले महीने 1 जनवरी को हुई थी. इसके बाद 3 फरवरी को दूसरा 'नो व्हीकल डे' था. विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को पैदल या साइकिल से ही दफ्तर पहुंचने के लिए पाबंद किया गया था. इन्हें सोमवार को ही पैदल ही दफ्तर पहुंचना था.
सोमवार को 'नो व्हीकल डेट' पर ईटीवी भारत की टीम सुबह 9 बजे रोडवेज मुख्यालय पहुंची. 9:15 बजे कर्मचारियों का पहुंचना शुरू हुआ. रोडवेज मुख्यालय के अधिकतर कर्मचारी अपने ही गाड़ियों से दफ्तर पहुंचे कुछ कर्मचारी बाइक पर तो कुछ कर्मचारी अपनी अपने चौपहिया वाहनों से दफ्तर आए. जो कर्मचारी प्रतिदिन पैदल ही दफ्तर पहुंचते हैं, वे पैदल ही अपने दफ्तरों में पहुंचे.
अपनी गाड़ियों से दफ्तर पहुंचे कुछ कर्मचारियों ने कैमरे से भी बचने की कोशिश की. सबसे पहले रोडवेज मुख्यालय के सचिव जैकब रिजु कार से कार्यालय पहुंचे. रोडवेज मुख्यालय की कार्यवाहक प्रबंध निदेशक यूडी खान पैदल ही अपने कार्यालय पहुंचे. एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन एमपी मीणा, फाइनेंशियल एडवाइजर वीना गुप्ता के अलावा ममता यादव, मुकेश राणा आदि भी पैदल ही रोडवेज़ मुख्यालय अपने दफ्तर पहुंचे. चेयरमैन रविशंकर 11 बजे तक दफ्तर नहीं पहुंचे थे. रोडवेज मुख्यालय में 400 कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं.
पढ़ें- आज का इतिहास : भारत ने चौथी बार जीता अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने नो व्हीकल डे की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा था कि परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी महीने के पहले कार्यदिवस पर पैदल या साइकिल से अपने कार्यालय पहुंचे ताकि पर्यावरण संरक्षण किया जा सके और सेहत भी ठीक रहे, लेकिन जब रोडवेज मुख्यालय मुख्यालय में रियलिटी में नो व्हीकल डे केवल अधिकारियों तक ही सीमित रहा अधिकतर कर्मचारी अपने-अपने साधनों से ही दफ्तर पहुंचे.