दूदू (जयपुर). देश और प्रदेश में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए गहलोत सरकार और सरकारी मशीनरी लगातार काम कर रही है. इसके लिए No Mask No Entry कैंपन भी चलाया जा रहा है. लेकिन इसे फेल करने और उसकी खिल्ली उड़ाने वाली तस्वीरों के लिए हमें राजधानी से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ा. राजधानी जयपुर से महज 60 किलोमीटर दूर दूदू में ईटीवी भारत की टीम ने उपखंड के डीटीओ कार्यालय, पंचायत समिति, शिक्षा विभाग के दफ्तर, एसडीएम कोर्ट और तहसील कार्यालय का रियलिटी चेक किया. उसके बाद जो हाल हमने देखा वह बेदह चौंकाने वाला था.
दूदू के डीटीओ दफ्तर का रियलिटी चेक
सबसे पहले हमने दूदू के DTO दफ्तर का रियलिटी चेक किया. जहां खुद डीटीओ गौरव यादव, गार्ड और अन्य कर्मचारी बिना मास्क के काम करते नजर आए. जब ईटीवी भारत ने डीटीओ गौरव यादव से मास्क को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने बड़ी बेशर्मी से कहा कि सब कर्मचारी अकेले ही बैठे हैं तो मास्क की जरूरत नहीं है. जबकि गौरव यादव खुद कोरोना पॉजिटिव होकर इस बीमारी से मुक्त हो चुके हैं. लेकिन अब भी वे सावधानी नहीं बरत रहे हैं.
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दूदू पंचायत समिति का रियलिटी चेक
दूसरा रियलिटी चेक हमने दूदू पंचायत समिति का किया. यहां विकास अधिकारी नारायण सिंह के अलावा किसी भी कर्मचारी ने मास्क नही पहना था. यहां पर तो 90 फीसदी कर्मचारी बिना मास्क के ही ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गए. यहां तक कि बाहर से आने वाले फरियादियों ने भी मास्क नहीं पहना था और न ही उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला था.
दूदू थाना परिसर का रियलिटी चेक
अब हमारी टीम पहुंची दूदू थाना परिसर. जहां डीओ साहब के साथ-साथ अन्य पुकिसकर्मी भी बिना मास्क के नजर आए. यहां आने वाले फरियादियों के चेहरे से भी मास्क गायब था. कुर्सी पर बैठे पुलिसकर्मी भी बिना मास्क के ही फरियाद सुन रहे थे जबकि थाना परिसर में लिखा था- No Mask No Entry
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आईटी सेंटर, पंचायत समिति का रियलिटी चेक
दूदू थाने के बाद हमारी टीम पहुंची आईटी सेंटर. यहां पँचायत समिति के एक कर्मचारी ने पहले ही अलर्ट कर दिया था कि मीडिया वाले आ रहे हैं, सभी मास्क लगा लो. लेकिन बेशर्मी और लापरवाही की हद ये कि इसके बाद भी कर्मचारियों को कोई फर्क नहीं पड़ा और जिसने मास्क नहीं लगाया था उसने यह जहमत भी नहीं उठाई कि मास्क लगा लिया जाए. कुछ कर्मचारियों के सिवा सभी कर्मचारी और फरीयादी न तो मास्क में थे और न ही सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे थे. जब उनसे मास्क के बारे में पूछा गया तो तरह तरह के बहाने बनाते नजर आए. हालांकि ईटीवी भारत के कैमरे को देखकर कई लोग हाथ से मुंह छुपाते भी नजर आए. बीडीओ नारायण सिंह ने कहा कि ऐसे लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
दूदू कस्बे के बाजार में लोग दिखे लापरवाह
अब हमने दूदू कस्बे के मुख्य बाजार का रियलटी चेक किया. यहां लोग बिना रोक-टोक के बिना मास्क घूमते नजर आए. चाय की थड़ी और ऐसी ही जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग भी नदारद थी. जबकि एसडीएम की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. लेकिन जहां अधिकारी और कर्मचारी ही नियमों की पालना नहीं कर रहे हों वहां आमजन को क्या दोष दिया जाए.
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एसडीएम कोर्ट में सुधरे हुए दिखे हालात
हमारी टीम दूदू एसडीएम कोर्ट भी पहुंची जहां हालात पहले की तुलना में सुधरे नजर आए. यहां एकाध लोगों के अलावा सभी मास्क में नजर आए. जबकि दूदू तहसील कार्यालय में कुछ कार्मिक ऐसे थे जिन्होंने मास्क नही लगा रखा था. पूरे मामले को लेकर एसडीएम राजेन्द्र सिंह शेखावत से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि समय समय पर अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठकें ली गई थी और सभी को निर्देश दिये गए थे कि कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाए. अब ईटीवी भारत के कैमरे में जो अधिकारी और कर्मचारी बिना मास्क के दिखे हैं उनकी पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी वसूला जाएगा.
बहरहाल, एक तरफ सरकार ने पूरी सरकारी मशीनरी को नो मास्क-नो एंट्री जैसे अभियानों को सफल बनाने झौंक रखा है, घर-घर पहुंच लोगों को कोविड़-19 महामारी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है. लेकिन दूसरी ही तरफ सरकार के यही कर्मचारी मास्क का मजाक बनाए हुए हैं. ऐसे में सवाल ये कि जब आमजन को मास्क पहनाने वाले ही नियम की पालना नहीं करेंगे तो फिर पब्लिक में क्या संदेश जाएगा. कैसे आमजन सुरक्षित रह पाएगा. कैसे कोरोना से जंग जीत पायेगा प्रदेश. ईटीवी भारत आपसे अपील करता है कि कोरोना गाइड लाइन का पालन करें और सुरक्षित रहें.