जयपुर. राजधानी स्थित जिला और सेटेलाइट अस्पताल, SMS मेडिकल कॉलेज से जुडे़ हुए हैं. इन अस्पतालों को विकसित करने की तैयारी कॉलेज प्रशासन ने कर ली है.
बता दें कि जिला और सेटेलाइट अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध ना होने के चलते मरीजों को मजबूरन SMS अस्पताल की तरफ रुख करना पड़ता है. फिलहाल SMS की बात करें तो मरीजों के लिए यह छोटा पड़ने लगा है, जिसको देखते हुए अब कॉलेज प्रशासन ने तय किया है की जो सुविधाएं एस एम एस हॉस्पिटल में मिल रही हैं. उनको सेटेलाइट और जिला अस्पतालों तक भी पहुंचाया जाएगा. ताकि मरीजों को उन्हीं के इलाकों में स्थित जिला और सेटेलाइट अस्पताल में इलाज मिल सके.
एक आंकड़े की बात करें तो एसएमएस अस्पताल की ओपीडी दिल्ली एम्स को भी पीछे छोड़ चुकी है. ऐसे में जब तक अन्य सरकारी अस्पताल विकसित नहीं होंगे. तब तक एसएमएस पर भार कम नहीं हो सकता.
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी का कहना है कि अस्पताल मेंस्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी नहीं है. लेकिन उन पर भार बहुत ज्यादा है. ऐसे में मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता, जिसके तहत अन्य ऐसे अस्पताल जो एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अटैच हैं उनको विकसित करना उनका पहला लक्ष्य है.