जयपुर. भीलवाड़ा में नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त के मामले में राजस्थान पुलिस के रवैये को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने नाराजगी जताई है. अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आरोप लगाया कि राज्य के डीजीपी एमएल लाठर महिलाओं और बच्चियों के मुद्दों पर बात करने को तैयार नहीं हैं. केवल अपने पर्सनल काम में लगे हैं.
मिलने का टाइम मांग जवाब आया में रिटायर होने वाला हूं: राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि हमारा ऑफिस 3 दिन से डीजीपी ऑफिस से तालमेल बिठा रहा है. लेकिन प्रदेश के डीजीपी को आयोग से मिलने का टाइम नहीं (DGP reply to Rekha Sharma) है. पहले तो कहते रहे मिलते हैं, लेकिन फिर वह मिलने से बचते रहे. आज सुबह से ही हम उनसे लगातार मिलने की बात कर रहे हैं. पहले तो सुबह से फोन नहीं उठा रहे थे. बाद में जब फोन उठाया तो कहा कि में तो रिटायर्ड होने वाला हूं. अपने पर्सनल काम वाइंड अप कर रहा हूं. आप से मिलने के लिए जूनियर को भेजता हूं.
रेखा शर्मा ने कहा कि प्रदेश के पुलिस मुखिया ये जवाब बहुत ही चौंकाने और हैरान करने वाला है. इस तरह के जवाब से अंदाजा लगाया जा सकता है प्रदेश की सरकार और पुलिस महकमा कितना गंभीर है महिलाओं और बच्चियों को लेकर. प्रदेश में मासूम बच्चियों को बेचा जा रहा है. मानव तस्करी हो रही है और डीजीपी कहते हैं उनके पास टाइम नहीं है. रेखा शर्मा ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, बच्चियों खरीद-फरोख्त सहित कई सारे मुद्दे थे, जिन पर हमें उनसे बात करनी थी. उनको बताना था कि राजस्थान में महिलाओं की स्थिति क्या है.
रेखा शर्मा ने कहा कि डीजीपी से भीलवाड़ा सहित कई अन्य मुद्दों पर बात करनी थी. आप सोच सकते हैं कि एक प्रदेश का डीजीपी महिलाओं के मुद्दों पर बात करने में इंटरेस्टेड नहीं है. यदि मुद्दों को गंभीरता से लेकर नहीं सुनेंगे नहीं तो, काम क्या करेंगे. दो साल से डीजीपी बने बैठे हैं, लेकिन आपको पता ही नहीं मुद्दा क्या है. लेकिन सुना तो जा सकता है. मुख्य सचिव से नहीं मिल पाई, वो किसी काम से गई हैं. लेकिन डीजीपी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि राज्य सरकार भी इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करेगी.
एसआईटी गठन की करेंगी सिफारिश: रेखा शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा की खबर आई थी कि वहां पर बच्चों को बेचा जा रहा है. हमने हमारी टीम को वहां पर भेजा और स्थिति की जानकारी जुटाई. लेकिन जब वहां स्थानीय पुलिस से बात की तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि यह पुरानी न्यूज है. इस बीच में हमने सवाई माधोपुर में स्वयं आसपास के उन इलाके में गई जहां देह व्यापार होता है. मैंने खुद ने देखा कि किस तरह से नाबालिग बच्चियों को सेक्स रैकेट में धकेला जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि देखने में आया कि पूरे राजस्थान में हाइवे पर एक ही कम्युनिटी की छोटी बच्चियां सेक्स वर्कर का काम कर रही हैं. यहां पूरा गिरोह काम कर रहा है, जो बच्चियों को अगवा करके ला रहा है. पुलिस की मिलीभगत से ही दे व्यापार चल रहा है. लेकिन यहां का प्रशासन आंखों पर पट्टी बांध कर बैठा है. आयोग केंद्र सरकार से इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की सिफारिश करेगा. संभव हो तो बड़ी जांच एजेंसी से मामले की जांच के लिए कहा जाएगा.
पुलिस को पता, फिर भी कार्रवाई नहीं: रेखा शर्मा ने कहा कि सवाई माधोपुर में उन्होंने खुद एसपी से बातचीत की तो उन्होंने सर्वे कराने की बात कही. सर्वे शुरु भी किया गया, कुछ मामले में जानकारी भी सामने आई. आयोग अध्यक्ष ने कहा कि घटना स्थल से पांच कदम की दूरी पर महिला थाना है, लेकिन फिर भी पुलिस को जानकारी नहीं है. इस पर सवाल उठना जायज है कि पुलिस जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रही है. सवाई माधोपुर के एसपी की मिलीभगत इस मामले में सामने आई है.