जयपुर. एक लाख से ज्यादा निवेशकों के 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड डायवर्जन कर निवेशकों को चूना लगाने के बहुचर्चित नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में अब एसओजी ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. वह पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट है. इस घोटाले में अब तक एसओजी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनसे पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं.
एसओजी-एटीएस के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले को लेकर एसओजी पुलिस स्टेशन में साल 2019 में आईपीसी की धारा 420, 406, 409, 477ए और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. एसओजी के डीआईजी के मार्गदर्शन में टीमों का गठन कर इस मुकदमे में 27 मई को कनिष सिंघल को गिरफ्तार किया गया है. वह चार्टेड अकाउंटेंट है और बाड़मेर का रहने वाला है. उसे एसओजी कोटा के एएसपी ने दबिश देकर गिरफ्तार किया है. उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है और पूछताछ की जा रही है.
पढ़ेंः नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला, एसओजी ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
पांच साल तक फर्जी खातों को वैरिफाई कियाः एसओजी की पड़ताल में सामने आया है कि चार्टेड अकाउंटेंट कनिष सिंघल साल 2012 से 2017 तक पांच साल नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी का सीए रहा और इस दौरान सोसायटी के कूटरचित बुक्स ऑफ अकाउंट्स को वैरिफाई किया. इसके चलते निवेशकों को सोसायटी की वित्तीय स्थिति की सही जानकारी नहीं मिल पाई. उसका काम व्हिसल ब्लोअर का था, लेकिन वह खुद ही आरोपियों के साथ गड़बड़ी में भागीदार बन गया. एसओजी उससे पूछताछ कर कई और अहम जानकारियां जुटा रही है.
पढ़ेंः नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला: SOG ने सीज किए 6 वाहन
पहले पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में अहम खुलासेः इस मामले में एसओजी ने 22 मई को बाड़मेर निवासी खुमान सिंह और 23 मई को रेशम कंवर को गिरफ्तार किया था. अनुसंधान में सामने आया है कि रेशम कंवर के बुक्स ऑफ अकाउंट्स से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से हुई है. जबकि खुमान सिंह नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के 40 से अधिक खातों में सिग्नेचरी अथॉरिटी था. अब एसओजी खुमान सिंह और रेशम कंवर के साथ ही सीए कनिष सिंघल से भी पूछताछ कर रही है. उल्लेखनीय है कि नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों ने 1,93,821 निवेशकों के 400 करोड़ रुपए की रकम का डायवर्जन अपने परिचितों, रिश्तेदारों और उनकी कंपनियों में कर निवेशकों को चूना लगाया और धोखाधड़ी की.