जयपुर. आज पूरे देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है. इस बार 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम 'वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम' है. इस थीम को लेकर राज्य निर्वाचन विभाग ने कई नवाचार किए हैं, जिसका डंका देशभर में बज रहा है. इसके तहत अब तक वोटिंग से वंचित वर्गों को मतदाता सूची में शामिल करने में निर्वाचन विभाग को सफलता मिली है. इन्हीं नवाचारों को लेकर राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता से खास बातचीत की.
वोट डालना अधिकार ही नही, कर्तव्य: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश की नींव वहां के नागरिकों को मिले मतदान के अधिकार पर निर्भर करती है. भारत एक लोकतांत्रिक और संवैधानिक देश है, जहां जनता की ओर से, जनता के लिए, जनता का शासन होता है. यहां देश के प्रत्येक नागरिक को वोट डालने का अधिकार है, जो अधिकार से अधिक कर्तव्य है. साथ ही उन्होंने राज्य की जनता से वोटिंग राइट्स के इस्तेमाल पर जोर देते हुए अपील की और कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपनी भागीदारी जरूर निभाएं. उन्होंने कहा कि वोटर अपने बहुमूल्य मत से अपनी पसंद के नेता और दल विशेष को पांच साल के लिए सत्ता में लाते हैं.
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शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित हो: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इस साल भारत निर्वाचन आयोग की ओर से निर्धारित राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम 'मतदान जैसा कुछ नहीं, मतदान जरूर करेंगे हम' पर कार्यक्रम के जरिए कैंपेन चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस का प्रमुख उद्देश्य भारत के सभी नागरिक, जो निर्वाचक सूची में पंजीकरण के योग्य हैं का निर्वाचक सूची में शत प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित कराया जाना और निर्वाचन में उनकी शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित कराना है.
20 लाख नए मतदाता जुड़े: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन विभाग की ओर से पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 20 लाख नवीन मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि महिला मतदाताओं के पंजीयन में 2.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. साथ ही चार करोड़ 9 लाख से अधिक मतदाताओं ने अपना ईपिक कार्ड आधार से लिंक कराया है. प्रदेश में वर्तमान में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 15 लाख 91 हजार 929 है. वहीं, विशेष योग्यजन, ट्रांसजेंडर, घुमंतू जनजाति और अन्य जनजाति समूह के मतदाताओं का भी विशेष शिविर आयोजित कर वोटर लिस्ट में नाम जोड़ा गया है.
राजस्थान बना नंबर वन: गुप्ता ने बताया कि इस साल 20 लाख नए मतदाता वोटर हेल्पलाइन ऐप और गरुड़ ऐप के माध्यम से ऑनलाइन जुड़े हैं. खास बात ये है कि सभी प्राप्त आवेदन पत्रों में से 99.3 प्रतिशत फॉर्म ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं, जो पूरे देश में सर्वाधिक हैं. वहीं, इस बार राज्य में 12 हजार से ज्यादा विशेषतः वल्नरेबल ट्राइबल ग्रुप्स, नोटिफाइड घुमंतू , कमजोर जनजाति समूह के सदस्यों के साथ ही 347 ट्रांसजेंडर्स को भी मतदाता सूची में शामिल कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया गया है.
सी विजिल ऐप कारगर: गुप्ता ने बताया कि मतदाताओं की सुविधा के लिए चुनाव से संबंधित किसी भी शिकायत के लिए सी विजिल ऐप काम में लिया जा सकता है. साथ ही एक मोबाइल नंबर से 6 परिवारजन का ई ईपिक डाउनलोड किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मात्र एक पखवाड़े में एक लाख 33 हजार ने ई ईपिक डाउनलोड किया है. साथ ही आगामी कार्य योजना में यूथ चला बूथ थीम पर विद्यालयों और महाविद्यालयों में मतदाता जागरूकता संबंधी विशेष कार्य किए जा रहे हैं.
होम वोट की सुविधा: राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्दशों पर 'यूथ चला बूथ' के जरिए मतदाता को मतदान के लिए जागरूक किया जा रहा है. इस बार आने वाले विधानसभा चुनाव में दिव्यांग और 80 साल से अधिक आयु के मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा, दिव्यांगजन के लिए बने सक्षम ऐप के अधिक प्रचार-प्रसार जैसे सभी कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.