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राष्ट्रीय लोक अदालत 13 मई को, आपसी राजीनामे से निपटेंगे मुकदमे - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राज्य विधि सेवा प्राधिकरण की ओर से इस (National Lok Adalat on May 13 ) साल का दूसरा राष्ट्रीय लोक अदालत शनिवार को होगी. इस लोक अदालत में आपसी राजीनामे से मुकदमों का निस्तारण होगा.

National Lok Adalat,  National Lok Adalat on May 13
राष्ट्रीय लोक अदालत 13 मई को.
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Published : May 11, 2023, 10:23 PM IST

जयपुर. राज्य विधि सेवा प्राधिकरण की ओर से हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों, रेवेन्यू कोर्ट, प्रशासनिक अधिकरण व उपभोक्ता आयोगों में इस साल की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत शनिवार को होगी. राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जयपुर पीठ में सुबह दस बजे हाईकोर्ट के एक्टिंग सीजे व प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एमएम श्रीवास्तव करेंगे.

प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि लोक अदालत में 8 मई तक प्रिलिटिगेशन के 5,75,844 मुकदमे और 3,44,889 पेंडिंग केस रेफर किए जा चुके हैं. इस संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है. लोक अदालत में केसों की सुनवाई के लिए 517 बेंच गठित की गई है. लोक अदालत में निस्तारण के लिए कोर्ट में पेंडिंग एनआई एक्ट से जुडे़ केस, धन वसूली के केसेज, एमएसीटी केस, श्रम व नियोजन संबंधी विवाद के मामले, कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति केसेज सूचीबद्ध किया गया है.

पढ़ेंः मुख्यमंत्री ऋण माफी योजना में अनियमितताएं, हाईकोर्ट ने जांच दल गठित करने के दिए निर्देश

इसी प्रकार बिजली व पानी के विवाद, पारिवारिक केसेज, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के मामले, उपभोक्ताओं के मामले, रोडवेज, परिवहन, राजस्व, रेलवे क्लेम्स एवं किराएदारी व बंटवारे से जुडे़ राजीनामा योग्य मामलों को सूचीबद्ध किया गया है. प्राधिकरण के सदस्य सचिव माथुर ने बताया कि लोक अदालत में मुकदमों का निस्तारण पक्षकारों की आपसी सहमति से होता है. ऐसे में न तो किसी पक्षकार की जीत होती है और न हार होती है. वहीं दूसरी ओर मुकदमें का अंतिम रूप से निस्तारण होता है, जिससे अदालतों पर लंबित मुकदमों का बोझ भी कम हो जाता है.

जयपुर. राज्य विधि सेवा प्राधिकरण की ओर से हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों, रेवेन्यू कोर्ट, प्रशासनिक अधिकरण व उपभोक्ता आयोगों में इस साल की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत शनिवार को होगी. राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जयपुर पीठ में सुबह दस बजे हाईकोर्ट के एक्टिंग सीजे व प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एमएम श्रीवास्तव करेंगे.

प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि लोक अदालत में 8 मई तक प्रिलिटिगेशन के 5,75,844 मुकदमे और 3,44,889 पेंडिंग केस रेफर किए जा चुके हैं. इस संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है. लोक अदालत में केसों की सुनवाई के लिए 517 बेंच गठित की गई है. लोक अदालत में निस्तारण के लिए कोर्ट में पेंडिंग एनआई एक्ट से जुडे़ केस, धन वसूली के केसेज, एमएसीटी केस, श्रम व नियोजन संबंधी विवाद के मामले, कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति केसेज सूचीबद्ध किया गया है.

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इसी प्रकार बिजली व पानी के विवाद, पारिवारिक केसेज, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के मामले, उपभोक्ताओं के मामले, रोडवेज, परिवहन, राजस्व, रेलवे क्लेम्स एवं किराएदारी व बंटवारे से जुडे़ राजीनामा योग्य मामलों को सूचीबद्ध किया गया है. प्राधिकरण के सदस्य सचिव माथुर ने बताया कि लोक अदालत में मुकदमों का निस्तारण पक्षकारों की आपसी सहमति से होता है. ऐसे में न तो किसी पक्षकार की जीत होती है और न हार होती है. वहीं दूसरी ओर मुकदमें का अंतिम रूप से निस्तारण होता है, जिससे अदालतों पर लंबित मुकदमों का बोझ भी कम हो जाता है.

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