जयपुर. राजस्थान में चुनाव नजदीक है और बयानबाजी का दौर परवान पर है. इन्हीं राजनितिक बयानाबाजियों के बीच अब पोस्टर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. जयपुर शहर में गली, मोहल्लों और चौराहों पर लगे पोस्टर भले ही संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का विरोध जताने के लिए हैं, लेकिन इस चुनावी साल में इसकी आड़ में निशाने पर बीजेपी ही रहती है.
इन्हें लगाने वाले ने अपना नाम लिखा है और अपने संघठन का नाम भी. पोस्टर लगाने वाले गिरीश शर्मा को भाजपा ने कांग्रेस पार्टी से जुड़ा नेता बताया है. शर्मा भले ही अभी कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हों, लेकिन वो पहले कांग्रेस से जुड़े रहे हैं जिसकी गवाही उनके राहुल गांधी के साथ पुराने फोटो दे रहे हैं. यही आरोप भाजपा भी लगा रही है. इन पोस्टरों में संघ प्रमुख के बयान को काले अक्षरों में लिखा है, 'जाति भगवान ने नहीं ब्राह्मणों ने बनाई है'. इन पोस्टरों पर भगवान परशुराम की तस्वीर भी है और उसके ठीक नीचे संघ प्रमुख भागवत के लिए लिखा गया है, 'ब्राह्मण समाज को अपमानित करने के लिए मोहन भागवत माफी मांगें'.
पढ़ें : Mohan Bhagwat : 'जाति भगवान ने नहीं पुजारियों ने बनाई, ईश्वर के लिए सभी एक हैं'
यह अलग बात है कि संघ प्रमुख के पिछले दिनों दिए गए बयान ने ब्राह्मण शब्द का नहीं, बल्कि शास्त्र सम्मत पंडित शब्द का उल्लेख किया गया था. जिसके बाद मामला ठंडा भी पड़ गया, लेकिन यहां मामले को फिर से तूल देने के लिए पंडित की जगह पोस्टरों में ब्राह्मण शब्द का प्रयोग किया गया है. मामले पर राजस्थान में मानो फिर से राजनीति शुरू हो गई है. गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह ने पोस्टरों पर अपना समर्थन जारी करते हुए कहा है कि इसमें क्या गलत है. भागवत को माफी मांगनी ही चाहिए.
खाचरियावास ने कहा कि ब्राह्मण हमेशा सम्मानीय रहा है. वहीं, बीजेपी और बजरंग दल ने इसे चुनावी एजेंडा बताते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. मामले पर कानूनी कार्रवाई की भी ये दोनों संगठन चेतावनी दे रहे हैं. चूंकि मामला मोहन भागवत से जुड़ा है, इसलिए बीजेपी आक्रामक है और कांग्रेस पोस्टर का माइलेज लेने में जुटी है. यदि मामले पर बीजेपी कानूनी कारवाई करती है तो मामला और तूल पकड़ सकता है.