जयपुर. राजधानी जयपुर में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के वार रूम में चल रही बैठक में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से बात करने के लिए विधायक भरत सिंह पहुंचे थे. बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद का मोह छोड़ने की सलाह देते हुए नए चेहरों को आगे करने की बात कही.
सत्ता का मोह शराब से भी बुरा : विधायक भरत सिंह ने कहा कि यह माया है, माया छूटती नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी ने सलाह नहीं दी कि चुनाव मत लड़ो, यह बात वो खुद ही बोल रहे हैं. भरत सिंह ने कहा कि वो चाहते हैं कि चुनाव में अब युवाओं को आगे आने दिया जाए. मुख्यमंत्री गहलोत भी अपने बेटे को आगे करें, विधायक बनाएं, लेकिन नए लोगों को आगे आने दें. अगर इस सुझाव पर चलेंगे तो सरकार रिपीट होगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत अगर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहें राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आएगी और मैं मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं हूं, नव युवकों को आगे करूंगा तो कल ही नतीजा मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि सत्ता के मोह का नशा शराब से भी ज्यादा बुरा होता है.
समझदार वही, जो गलती माने : पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने कहा कि मैं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खुले मंच से बोलता हूं, पायलट अपनी जगह बोलते हैं. हम दोनों अलग-अलग हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ बात रख रहे हैं. भरत सिंह ने कहा कि न मैं किसी के खिलाफ हूं न मैं किसी के पक्ष में हूं. मुझे जो सही लग रहा है वही मैं बोल रहा हूं. भरत सिंह ने कहा कि गलती हर कोई करता है, लेकिन समझदार वह है जो गलती मान ले. गलती नहीं मानने वाला अहंकारी राजनीति करने का प्रतीक बनता है.
मुख्यमंत्री नीलकंठ बने : इशारों-इशारों में मंत्री प्रमोद जैन भाया को मुख्यमंत्री के सपोर्ट होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि गलत आदमी को राजी रखने के लिए जहर पीना पड़ता है. इस मामले में तो मुख्यमंत्री नीलकंठ बने हुए हैं. भरत सिंह ने एलान किया कि 20 अगस्त को वह सांगोद में एक बड़ी रैली करेंगे, जिसमें सचिन पायलट को भी बुलाया है. इसमें आने के लिए प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी हामी भरी है. मुख्यमंत्री को भी निमंत्रण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर इनमें से कोई भी नहीं आएगा तो भी वो अकेले ही जनता के साथ मिलकर यह रैली निकालेंगे.
भाजपा में दम नहीं : विधायक भरत सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि जो बात भाजपा को करनी चाहिए वह मुझे करनी पड़ रही है. भाजपा में तो दम ही नहीं है. उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस में होकर भी साहस करते हैं, अपनी बात रखते हैं. यह कांग्रेस पार्टी ही है जो सुनती है, अगर भाजपा होती तो मुझे मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया गया होता. उन्होंने कहा कि सुनने की ताकत कांग्रेस पार्टी में है, भाजपा में नहीं. जो बच्चा पढ़ाई में कमजोर होता है उसे अलग तरीके से समझाया जाता है.