जयपुर. भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री बने सुरेश सिंह रावत ने सोमवार को शासन सचिवालय में मंत्रोच्चार के साथ अपना पदभार ग्रहण किया. इस दौरान उन्होंने बरसात के पानी का बूंद-बूंद संचयन को अपनी प्राथमिकता बताई. साथ ही किसानों तक ज्यादा से ज्यादा पानी पहुंचाने का प्रयास करने की बात कही. इसके अलावा उन्होंने ईआरसीपी के जल्द मूर्त रूप लेने की बात कही.
मंत्री सुरेश सिंह रावत ने संभाला पदभार : आम जनता की मुख्य जरूरतों से जुड़ा महकमा जल संसाधन विभाग के मंत्री सुरेश सिंह रावत ने सोमवार को पदभार संभाल लिया. इस दौरान अपनी प्राथमिकता बताते हुए रावत ने कहा, ''ये एक महत्वपूर्ण विभाग है. जल ही जीवन है, जल है तो कल है. ऐसे में उनकी प्राथमिकता रहेगी कि जितना भी बरसात का पानी है, उसका संचयन हो. साथ ही उसका किस तरह से सही उपयोग हो इस पर वो काम करेंगे.''
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वर्षा जल संचयन पर जोर : आगे उन्होंने कहा, ''देश में राजस्थान भू-भाग की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है. यहां किसान बड़ी तादाद में खेती करते हैं, जो बरसात की खेती पर निर्भर हैं. किसानों को किस तरह से ज्यादा से ज्यादा पानी मिले, उसके लिए प्रयास करेंगे. दूसरा ज्यादा से ज्यादा राजस्थान में बांध डेवलप हो, ताकि बरसात का पानी का संचयन किया जा सके. इस दिशा में योजना बना कर काम करेंगे.''
इस बीच उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ''कर्नाटक के बेंगलुरु में हर घर में वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम अनिवार्य किया गया है और वहां उसका पालन भी किया जाता है. इसी तरह के प्रयास राजस्थान में भी किया जाएगा, ताकि जन जागृति और जन आंदोलन के जरिए बूंद-बूंद संचयन का काम किया जा सके.''
ईआरसीपी पर दिया बड़ा बयान : वहीं, उन्होंने कहा, ''इस विभाग में बहुत सी चुनौतियां भी हैं और जिम्मेदारियां हैं. ऐसे में विभाग से जुड़ी तमाम योजनाओं का अध्ययन किया जा रहा है. ऐसे में पूरी दक्षता और क्षमता से विभाग को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा.'' इस दौरान उन्होंने ईआरसीपी के मुद्दे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, ''ये एक जीवनदायिनी काम होने वाला है. मुख्यमंत्री ने आते ही इस पर संज्ञान लिया. इसके लिए उन्हें और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को धन्यवाद. जल्द ये योजना मूर्त रूप ले लेगी.''