जयपुर. कोरानाकाल में विद्यार्थी शिक्षा से वंचित ना हो इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग का ई-लर्निंग, ई-ट्रेनिंग, ई-कम्युनिकेशन, वेबिनार, ऑनलाइन रोजगार मेलों सहित ई-प्लेसमेंट पर फोकस रहे. ये कहना है तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का.
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने बुधवार को तकनीकी शिक्षा भवन में आयोजित तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित किया. बैठक में गर्ग ने पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों की अंतिम साल की परीक्षा के लिए 142 परीक्षा केन्द्रों पर फ्लाइंग स्कायड, इनविजिलेटर नियुक्त करने के निर्देश दिए. इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग का भी सहयोग लिया जाए.
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बैठक में सुभाष गर्ग ने कहा कि ई-लर्निंग के माध्यम से विद्यार्थियों को जोड़ा जाए. उन्होंने विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के लिए पॉलीटेक्निक शिक्षकों को तकनीकी शिक्षा के नवाचार, शैक्षणिक उन्नयन की सूचनाएं सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए निर्देश दिए. तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सीईजी के विभागीय पोर्टल विकसित करने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि इससे 15 लाख रुपए की बचत हुई है.
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने टीईक्यूआईपी-3 के अन्तर्गत साल 2019 की तुलना में 2020 में आयोजित गेट (जीएटीई) परीक्षा में क्वालीफाईड विद्यार्थियों की संख्या में 6 प्रतिशत ग्रोथ पर प्रसन्नता जताई. साल 2019 में गेट परीक्षा में 15 प्रतिशत विद्यार्थियों ने क्वालीफाई किया था जबकि साल 2020 में गेट परीक्षा में 21 प्रतिशत विद्यार्थियों ने क्वालीफाई किया है. पूरे देश में ये उल्लेखनीय ग्रोथ है.
तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मंत्री सुभाष गर्ग को बताया कि प्रदेश के युवाओं को अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो, इसके लिए 29 राजकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में विद्यमान ब्रांच की क्षमता में परिवर्तन करते हुए सत्र 2020-21 से 18 पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में और 3 इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में व्यवसायिक नई ब्रांच रोबोटिक्स, मैकेट्रॉनिक्स, साइबर फॉरेंसिक इन्फोर्मेशन शुरू कर दिए गए है.
पॉलीटेक्निक कॉलेज जोधपुर में टी.टी.सी. जोधपुर के सहयोग से ऑटो केड का एक सप्ताह का कोर्स आयोजित किया जा चुका है. टी.टी.सी. जोधपुर में रोबोटिक्स का एक माह का कोर्स कराया जा चुका है.
डॉ. गर्ग ने कहा कि विद्यार्थियों को डूप्लीकेट मार्कशीट और माइग्रेशन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए असुविधा ना हो. इसके लिए हमें प्रयास करने चाहिए. इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग विद्यार्थियों को संभागीय जिला मुख्यालयों पर ऑनलाइन डूप्लीकेट मार्कशीट और माइग्रेशन प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाएं. इससे विद्यार्थियों को इन कार्यो के लिए जोधपुर नहीं जाना पड़ेगा.
डॉ. गर्ग ने आरटीयू के वीसी को तकनीकी शिक्षा विभाग के कर्मचारियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों से सम्बधित समस्त डाटा एकीकृत कर ऑनलाईन करने के निर्देश दिए. इससे सिंगल क्लिक पर शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की सूचनाएं देखी जा सकेंगी.
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री को बताया कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों को 60 दिन के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है. औद्योगिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित कर समय-समय पर व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं. तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता संवर्धन के लिए संचालित टैक्यूप-3 परियोजना में अप्रैल 2017 से सितम्बर 2020 तक के लिए एन.पी.आई.यू. की ओर से 130 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं. पूर्व सरकार की ओर से अप्रैल 2017 से दिसम्बर 2018 तक मात्र 17 करोड़ 57 लाख का उपयोग किया गया. बैठक में सोशल डिस्टिसिंग और सैनिटाइजेशन का पालन भी किया गया.