जयपुर. प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठे हैं. राजधानी जयपुर में एक लड़की को गोली मारने और पूर्व मंत्री की बेटी का अपहरण की घटना ने एक बार फिर (Crime in Rajasthan) गहलोत सरकार को विपक्ष के निशाने पर ला दिया है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था का मजाक बना दिया है.
तीन बार का मुख्यमंत्री, कुर्सी के लिए निचले स्तर पर : कटारिया ने कहा कि इस सरकार के क्रियाकलाप को देखकर साफ समझ आ रहा है कि प्रदेश की जनता भगवान भरोसे है. मंत्रियों के आचरण और एक दूसरे के कमेंट को देखकर, जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. राजस्थान का तीसरी बार बना मुख्यमंत्री मौन धारण करके अपने मंत्रियों को कंट्रोल करने की कोशिश भी नहीं कर रहा है. इससे ज्यादा राजनीतिक कुछ नहीं हो सकता. प्रदेश की कानून-व्यवस्था फेल हो गई है. माफिया खुलेआम घूम रहे हैं.
कटारिया ने कहा कि एक तरह से सरकार ने ट्रांसफर को उद्योग बना दिया है. सब जगह लूट मची है और मुख्यमंत्री सिर्फ इसलिए खामोश हैं, क्योंकि उन्हें (Minister Bureaucracy Controversy in Rajastha) किसी तरह से भी मुख्यमंत्री बने रहना है. कटारिया ने कहा कि अशोक गहलोत जैसा व्यक्ति जो पार्टी को इतना अच्छे से समझने वाला है, वो सिर्फ और सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए इतने नीचे स्तर पर जा सकता है, इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं हो सकता.
कानून-व्यवस्था राम भरोसे : बीजेपी की जनआक्रोश रैली की तैयारियों को लेकर हुई कार्यशाला के बाद मीडिया से बात करते हुए कटारिया ने कहा कि जिस तरह से लड़की को गोली मारी गई, यह घटना बताती है कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. त्वरित एक्शन होना चाहिए, लेकिन एक्शन नहीं हो रहा है. कानून के लोग कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. आज अपराधी खुलेआम घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि एक पूर्वमंत्री की बेटी का अपहरण (Girl Kidnapping Case in Rajasthan) हो जाता है और मुख्यमंत्री इस पर एक शब्द तक नहीं बोल रहे.
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अफसर तो क्या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी अपमान नहीं सहेगा : ब्यूरोक्रेसी को लेकर कटारिया ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी के साथ इस तरह से बर्ताव ठीक नहीं है. गहलोत सरकार के मंत्रियों ने ब्यूरोक्रेसी के साथ जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वह ठीक नहीं है. उनका मनोबल गिराने वाली है. कटारिया ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी को सरकार के कामकाज को ठीक से करने के लिए डांटना हमारा काम है, उन्हें अच्छी दिशा में काम करवाना भी हमारा काम है, लेकिन उनका अपमान करने का अधिकार हमारे पास नहीं है. अपमानित शब्दों का प्रयोग करेंगे तो अफसर तो क्या एक चपरासी को भी गुस्सा आएगा और वह भी बदला लेना चाहेगा. अगर आज आईएएस एसोसिएशन के समर्थन में आईपीएस और आईएफएस एसोसिएशन आई है और ब्यूरोक्रेसी निंदा प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है तो यह समझना होगा कि उनके साथ किस स्तर पर मंत्री का व्यवहार किया जा रहा है.
वसुंधरा ने किया कानून-व्यवस्था को लेकर ट्वीट : पूर्व मंत्री की बेटी के अपहरण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मौजूदा गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए (Vasundhara Raje on Gehlot Government) कहा कि जिस बच्ची को जयपुर से किडनैप किया गया है, वह किसी पार्टी के नेता की बेटी नहीं, बल्कि राजस्थान की बेटी है. पीड़ित किसी की भी बेटी हो, लेकिन राजनीति का विषय नहीं होना चाहिए, बल्कि विषय यह है कि प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार से पूछ रही है कि आखिर कब होगा न्याय ?