जयपुर. पानी के बिलों को लेकर जलदाय विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. विभाग ने पिछले 3 महीनों का बिल उपभोक्ताओं को नहीं दिया है. इसके कारण लाखों उपभोक्ताओं को अब एक साथ 3 महीने का बिल जमा कराना होगा. कांग्रेस सरकार की 15000 लीटर और इसके बाद पेयजल उपभोग की दरों में संशोधन की घोषणा की थी.
सरकार ने बीती 8 मार्च को यह घोषणा की थी. इसके चलते जलदाय विभाग को बिल के फॉर्मेट में बदलाव करना था, लेकिन 3 माह बीतने के बाद भी फॉर्मेट में बदलाव नहीं किया जा सका है और ना ही सॉफ्टवेयर अपडेट हो पाया है. शहरी और ग्रामीण दोनों मुख्य अभियंताओं के पास बिल फॉरमेट बदलने की फाइल भी पहुंच चुकी थी, लेकिन उसमें देरी हो रही है.
जलदाय विभाग में शहरी क्षेत्र के मुख्य अभियंता आईडी खान ने बताया कि सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाना था. पहले सॉफ्टवेयर से रीडिंग के अनुसार बिल बनाए जाते थे. खान ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों में पानी को पूरी तरह फ्री कर दिया गया है. कुछ ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जो प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं, वहां 40 एलपीसीडी पानी फ्री किया गया है. इसके अलावा कुछ रेगिस्तानी इलाके हैं, जहां पशुधन ज्यादा है. वहां 70 एलपीसीडी पानी फ्री देने पर विचार किया जा रहा है. जल्द ही इस पर फैसला हो सकता है.
आईडी खान ने उम्मीद जताई है कि 25 जून तक सभी उपभोक्ताओं को बिल जारी कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 90 फीसदी लोगों का पानी फ्री कर दिया गया है. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में 15 हजार लीटर तक उपभोक्ताओं को कुछ चार्ज ही देना पड़ेगा. इसके कारण उपभोक्ताओं को 3 महीने का बिल इतना ज्यादा नहीं आएगा कि उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़े.
34 लाख है कुल उपभोक्ता
विभाग की मानें तो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर राज्य में कुल 34 लाख उपभोक्ता है. इनमें से 24 लाख शहरी क्षेत्र के और 10 लाख ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ता है. जयपुर शहर में साढ़े चार लाख से ज्यादा उपभोक्ता है. अब 3 माह का बिल एक साथ आने पर इन उपभोक्ताओं को एक साथ पानी का बिल जमा कराना होगा.