जयपुर. प्रदेश के चिकित्सक शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बीते महीने से काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं. अब उन्होंने गांधीवादी तरीके से अपने आंदोलन की शुरुआत की है. सोमवार को मेडिकल टीचर्स ने वर्षों से लंबित अपनी मांगों को लेकर जेएमए सभागार में राज्य सरकार के लिए चेतना यज्ञ किया. साथ ही एकेडमी अलाउंस, परामर्श शुल्क बढ़ाने जैसी मांगे रखी. सरकार की ओर से जल्द फैसला नहीं लेने की स्थिति में उन्होंने 1 जून से आईसीयू और इमरजेंसी को छोड़कर बाकी सेवाएं पूरी तरह बंद करने की चेतावनी दी है.
40 सालों में नहीं बढ़ा अलाउंस : राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धनंजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार की बुद्धि ठीक है, केवल उसे चेतना कराने की आवश्यकता है. यही वजह है कि चेतना यज्ञ रखा गया है. सरकार अपने डिसीजन को कागज पर इंप्लीमेंट कर दे तो डॉक्टर्स भी संतुष्ट होंगे और मरीजों की भी अच्छी केयर हो सकेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को लंबे समय से डिमांड बता रखी है, उनमें प्रमुख एकेडमिक अलाउंस है जो बीते 40 सालों में नहीं बढ़ा है.
सीनियर चिकित्सक का परामर्श शुल्क 200 रुपए : उन्होंने दावा किया फिलहाल उन्हें ₹229 प्रतिमाह एकेडमिक अलाउंस मिलता है, जबकि दूसरे समकक्ष इंस्टिट्यूट में ये ₹40000 प्रति महीना दिया जाता है. वहीं परामर्श शुल्क की अगर बात करें तो एसएमएस अस्पताल का सीनियर मोस्ट डॉक्टर ₹200 में देखता है. सरकार ने इसके लिए 2014 और 2016 में कमेटी गठित की थी, उसके रिकमेंडेशन को इंप्लीमेंट कराना चाहते हैं. इसके अलावा अन्य मांगों में राज्य सरकार पर किसी तरह का वित्तीय भार नहीं पड़ेगा. कई डॉक्टर की पदोन्नति लंबित हैं, उन्हें एक साथ सहायक आचार्य पद पर प्रमोट कर दिया जाए.
एक महीने बाद भी फैसला नहीं बता दें कि मेडिकल टीचर्स की 15 सूत्री मांगे हैं, जिन्हें बीते दिनों राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी के सामने भी रखा गया था. हालांकि एक महीना बीत जाने के बाद भी इस पर अब तक फैसला नहीं लिया गया है. ऐसे में गुस्साए डॉक्टर्स ने अब आंदोलन की राह चुन ली है. इसकी शुरुआत चेतना यज्ञ से की गई है और आगे 1 जून से कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी है.