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SMS Hospital Jaipur : ACS शुभ्रा सिंह ने मरीजों से की मुलाकात, चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को दी क्लीन चिट

एसएमएस अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में ऑपरेशन के बाद संक्रमण की शिकायत के बीच एसीएम शुभ्रा सिंह ने मरीजों से मुलाकात की. उन्होंने संक्रमण का पता लगने तक ऑपरेशन नहीं करने के निर्देश दिए. जबकि मरीजों से मिलने पहुंचे चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को क्लीन चिट दे दी है.

ACS Shubhra Singh Visited SMS Hospital
ACS शुभ्रा सिंह एसएमएस अस्पताल पहुंची
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Published : Jul 4, 2023, 6:36 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 5:44 PM IST

ACS शुभ्रा सिंह ने मरीजों से की मुलाकात

जयपुर. सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में फैले संक्रमण के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है. हालांकि संक्रमित मरीजों को दिए जा रहे ट्रीटमेंट से कुछ फायदा मिला है. इस बीच मंगलवार को चिकित्सा विभाग की एसीएस (अतरिक्त मुख्य सचिव) शुभ्रा सिंह स्यूडोमोनास बैक्टीरिया से संक्रमित के मरीजों से मिलने अस्पताल पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने संक्रमण के कारणों का खुलासा नहीं होने तक ऑपरेशन नहीं करने और इंपॉर्टेंट केस होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए. हालांकि टेस्ट के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने से पहले की चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर्स को क्लीन चिट दे दी है.

इंपॉर्टेंट केस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था : एसीएस शुभ्रा सिंह ने बताया कि करीब 17 केस जो यहां ऑपरेट किए गए, उनमें संक्रमण हुआ है. एक केस दूसरे अस्पताल से यहां लाया गया था, उसका भी उसी दौरान ऑपरेशन हुआ था. उन्होंने इसे गंभीर विषय बताते हुए कहा कि पूरा अस्पताल प्रशासन संक्रमण का कारण पता करने में जुटा हुआ है. अब तक सामने आई कल्चर रिपोर्ट में इन्फेक्शन का कारण समझ नहीं आ रहा है. अस्पताल प्रशासन को हिदायत यही है कि जब तक संक्रमण के कारण का पता न लगे यहां नेत्र सर्जरी न की जाए. वैसे ये एक इलेक्टिव सर्जरी है. ऐसे में जो लोग वेटिंग में हैं उनमें से इंपॉर्टेंट केस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें. SMS Hospital Jaipur : नेत्र विभाग में अभी कुछ दिन और नहीं होंगे ऑपरेशन, वेटिंग 160 पार

मरीजों से लिया जा रहा फॉलोअप : उन्होंने बताया कि संक्रमित मरीजों के पास जाकर उनका हालचाल पूछा है. कुछ मरीजों का दर्द कम है, कुछ को फायदा है, जिन्हें अस्पताल प्रशासन की ओर से डिस्चार्ज करने पर विचार किया जा रहा है. बता दें कि नेत्र रोग विभाग के ऑपरेशन थिएटर में संक्रमण मिलने के चलते प्रोटोकॉल के तहत ऑपरेशन बंद किए गए हैं. साथ ही संक्रमित मरीजों की आंखों में से बैक्टीरियल सैंपल लेकर उन्हें माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजा गया है. इसके अलावा 26, 27, 28 जून को जिन मरीजों के ऑपरेशन हुए थे, उनका फॉलोअप भी लिया जा रहा है.

चिकित्सा मंत्री पहुंचे अस्पताल : मंगलवार को संक्रमित मरीजों से मुलाकात करने पहुंचे चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि यदि एसएमएस अस्पताल की कोई गलती होती तो सभी मरीजों के शिकायत आती. अस्पताल का सिस्टम पूरी तरह एक्यूरेट था, किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई. अब मरीजों को भी पहले से फायदा है. एक-दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. हालांकि मंत्री के इस बयान के बाद मरीजों के परिजनों ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने दावा किया कि अभी तो उनके पेशेंट को ठीक से दिखाई तक नहीं दे रहा. वहीं जोधपुर के मथुरा दास अस्पताल के मनोरोग विभाग में भर्ती मरीजों के चूहे के काटने के मामले पर पल्ला झाड़ते हुए मंत्री ये कहते हुए निकल गए कि अभी एसएमएस की बात करो, जोधपुर की बात बाद में करेंगे.

सुनिए मरीजों के परिजनों और चिकित्सा मंत्री की बयान

पीड़ितों के परिजनों का दर्द : 8 दिन पहले अपने पति का ऑपरेशन कराने पहुंची पिंकी तंवर ने बताया कि ऑपरेशन के बाद कोई असर नहीं दिखा. घर में कमाने वाले इकलौते उनके पति हैं और एक छोटा बच्चा है. फिलहाल स्थिति ये है कि उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा. डॉक्टर कह रहे हैं कि एक-दो दिन में छुट्टी दे देंगे, फिर बाद में दोबारा बुलाएंगे. असमंजस है कि उनके पति की आंखों की रोशनी आएगी या नहीं.

वहीं एक अन्य पीड़ित मरीज के परिजन रूढ़मल शर्मा ने कहा कि उनकी धर्मपत्नी यहां भर्ती हैं. उनका मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन लेंस अनफिट रहा. इसके बाद एसएमएस अस्पताल आए थे. पत्नी का ऑपरेशन हुआ, लेकिन अगले दिन सुबह जब पट्टी खोली तो पता लगा कि आंख में संक्रमण हो गया है. अभी उनकी धर्मपत्नी की आंख में बहुत दर्द भी है.

ACS शुभ्रा सिंह ने मरीजों से की मुलाकात

जयपुर. सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में फैले संक्रमण के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है. हालांकि संक्रमित मरीजों को दिए जा रहे ट्रीटमेंट से कुछ फायदा मिला है. इस बीच मंगलवार को चिकित्सा विभाग की एसीएस (अतरिक्त मुख्य सचिव) शुभ्रा सिंह स्यूडोमोनास बैक्टीरिया से संक्रमित के मरीजों से मिलने अस्पताल पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने संक्रमण के कारणों का खुलासा नहीं होने तक ऑपरेशन नहीं करने और इंपॉर्टेंट केस होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए. हालांकि टेस्ट के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने से पहले की चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर्स को क्लीन चिट दे दी है.

इंपॉर्टेंट केस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था : एसीएस शुभ्रा सिंह ने बताया कि करीब 17 केस जो यहां ऑपरेट किए गए, उनमें संक्रमण हुआ है. एक केस दूसरे अस्पताल से यहां लाया गया था, उसका भी उसी दौरान ऑपरेशन हुआ था. उन्होंने इसे गंभीर विषय बताते हुए कहा कि पूरा अस्पताल प्रशासन संक्रमण का कारण पता करने में जुटा हुआ है. अब तक सामने आई कल्चर रिपोर्ट में इन्फेक्शन का कारण समझ नहीं आ रहा है. अस्पताल प्रशासन को हिदायत यही है कि जब तक संक्रमण के कारण का पता न लगे यहां नेत्र सर्जरी न की जाए. वैसे ये एक इलेक्टिव सर्जरी है. ऐसे में जो लोग वेटिंग में हैं उनमें से इंपॉर्टेंट केस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें. SMS Hospital Jaipur : नेत्र विभाग में अभी कुछ दिन और नहीं होंगे ऑपरेशन, वेटिंग 160 पार

मरीजों से लिया जा रहा फॉलोअप : उन्होंने बताया कि संक्रमित मरीजों के पास जाकर उनका हालचाल पूछा है. कुछ मरीजों का दर्द कम है, कुछ को फायदा है, जिन्हें अस्पताल प्रशासन की ओर से डिस्चार्ज करने पर विचार किया जा रहा है. बता दें कि नेत्र रोग विभाग के ऑपरेशन थिएटर में संक्रमण मिलने के चलते प्रोटोकॉल के तहत ऑपरेशन बंद किए गए हैं. साथ ही संक्रमित मरीजों की आंखों में से बैक्टीरियल सैंपल लेकर उन्हें माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजा गया है. इसके अलावा 26, 27, 28 जून को जिन मरीजों के ऑपरेशन हुए थे, उनका फॉलोअप भी लिया जा रहा है.

चिकित्सा मंत्री पहुंचे अस्पताल : मंगलवार को संक्रमित मरीजों से मुलाकात करने पहुंचे चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि यदि एसएमएस अस्पताल की कोई गलती होती तो सभी मरीजों के शिकायत आती. अस्पताल का सिस्टम पूरी तरह एक्यूरेट था, किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई. अब मरीजों को भी पहले से फायदा है. एक-दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. हालांकि मंत्री के इस बयान के बाद मरीजों के परिजनों ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने दावा किया कि अभी तो उनके पेशेंट को ठीक से दिखाई तक नहीं दे रहा. वहीं जोधपुर के मथुरा दास अस्पताल के मनोरोग विभाग में भर्ती मरीजों के चूहे के काटने के मामले पर पल्ला झाड़ते हुए मंत्री ये कहते हुए निकल गए कि अभी एसएमएस की बात करो, जोधपुर की बात बाद में करेंगे.

सुनिए मरीजों के परिजनों और चिकित्सा मंत्री की बयान

पीड़ितों के परिजनों का दर्द : 8 दिन पहले अपने पति का ऑपरेशन कराने पहुंची पिंकी तंवर ने बताया कि ऑपरेशन के बाद कोई असर नहीं दिखा. घर में कमाने वाले इकलौते उनके पति हैं और एक छोटा बच्चा है. फिलहाल स्थिति ये है कि उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा. डॉक्टर कह रहे हैं कि एक-दो दिन में छुट्टी दे देंगे, फिर बाद में दोबारा बुलाएंगे. असमंजस है कि उनके पति की आंखों की रोशनी आएगी या नहीं.

वहीं एक अन्य पीड़ित मरीज के परिजन रूढ़मल शर्मा ने कहा कि उनकी धर्मपत्नी यहां भर्ती हैं. उनका मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन लेंस अनफिट रहा. इसके बाद एसएमएस अस्पताल आए थे. पत्नी का ऑपरेशन हुआ, लेकिन अगले दिन सुबह जब पट्टी खोली तो पता लगा कि आंख में संक्रमण हो गया है. अभी उनकी धर्मपत्नी की आंख में बहुत दर्द भी है.

Last Updated : Jul 5, 2023, 5:44 PM IST
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