जयपुर. जयपुर ग्रेटर नगर निगम के महापौर उपचुनाव में भाजपा की ओर से रश्मि सैनी को महापौर प्रत्याशी घोषित किया गया था. लेकिन पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद रश्मि सैनी महापौर नहीं बन पाई. रश्मि सैनी के महापौर नहीं बनने से माली समाज काफी नाराज है. राजस्थान माली महासभा ने बीजेपी पर धोखा और षड्यंत्र का आरोप लगाया (Mali Samaj allegations on BJP) है. माली महासभा का कहना है कि विवादित महापौर से पहले ही त्याग पत्र लेकर रश्मि सैनी को प्रत्याशी घोषित किया जाता, तो इस तरह का विवाद नहीं होता. जयपुर नगर निगम ग्रेटर के महापौर के उपचुनाव में माली समाज का अपमान किया गया है.
राजस्थान प्रदेश माली सैनी महासभा के पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा ने षडयंत्र पूर्वक एक तरफ पार्टी के अधिवक्ताओं को पूर्व महापौर के साथ मुकदमे बाजी में लगाए रखा और वोटिंग प्रक्रिया को देरी करने के उद्देश्य से पार्षद मतदाताओं को 12:30 बजे तक रोके रखा और कोर्ट के आदेशों का इंतजार करते रहे. माली समाज पूछना चाहता है कि जयपुर के बहुसंख्यक माली और कुमावत, जाट, यादव समेत अन्य ओबीसी जातियों को दरकिनार कर असामान्य परिस्थितियों में महापौर बनाया गया, जोकि नियुक्ति होने के बाद से ही विवादित रही हैं.
पढ़ें: सौम्या गुर्जर का 10 नवंबर के साथ किस्मत कनेक्शन, मेयर की सीट फिर सौम्या की
आहत होकर माली समाज के पदाधिकारियों ने तय किया है कि प्रदेश भाजपा नेतृत्व आगामी दो दिनों में महापौर चयन प्रक्रिया को सुधार ले, वरना आगामी सरदारशहर उपचुनाव में समाज एकजुट होकर कांग्रेस का समर्थन करने का एलान करेगा. संपूर्ण राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के षड्यंत्र को लेकर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा. भाजपा को हराने के लिए मतदाताओं को एकजुट किया जाएगा.
राजस्थान प्रदेश माली (सैनी) महासभा के अध्यक्ष छुट्टन लाल सैनी ने बताया कि हमें बताया गया कि माली समाज की रश्मि सैनी को महापौर प्रत्याशी बनाया जा रहा है, तो हम सभी ने एकजुट होकर कहा कि हम बीजेपी के साथ हैं. हमें खुशी हुई कि पहली बार जयपुर शहर में माली समाज का महापौर चुना जाएगा. लेकिन माली समाज के साथ धोखा किया गया है. इससे माली समाज में काफी आक्रोश है. आगामी चुनाव में समाज के लोग बीजेपी के खिलाफ वोट करेंगे. हम समाज के लोग हाथ का साथ देंगे.
पढ़ें: Mayor By Election 2022: उपचुनाव के लिए वोटिंग सम्पन्न
राजस्थान प्रदेश माली सैनी महासभा के संगठन महामंत्री मनोज अजमेरा ने कहा कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि बार-बार एक सस्पेंडेड और डिसक्वालीफाई व्यक्ति को महापौर के पद पर बिठाया जा रहा है. भाजपा ने सस्पेंडेड महापौर से इस्तीफा लेकर नया प्रत्याशी घोषित क्यों नहीं किया. अगर आरोपी व्यक्ति से इस्तीफा लेकर नए महापौर प्रत्याशी को घोषित किया जाता तो यह विवाद उत्पन्न नहीं होता. मनोज अजमेरा ने कहा कि अगर आगामी 2 दिनों में इस प्रक्रिया को दुरुस्त नहीं किया गया, तो मजबूरन उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ कार्य करना पड़ेगा. बीजेपी के विरोध में समाज बंधुओं से अपील करनी पड़ेगी. भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने माली समाज के साथ जानबूझकर धोखा किया है. यह बात पूरे राजस्थान में बुलंद करेंगे.