ETV Bharat / state

जयपुर: नाहरगढ़-जमवारामगढ़ ईको सेंसेटिव जोन के लिए बनेगा मास्टर प्लान, प्रशासन की रहेगी सीधी नजर

जयपुर में नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य की ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों की रोकथाम और प्रोत्साहन गतिविधियों के संचालन की प्रक्रिया निर्धारण करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. कलेक्टर यादव ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं.

Jamwaramgarh Eco Sensitive Zone, जमवारामगढ़ ईको सेंसेटिव जोन
author img

By

Published : Oct 8, 2019, 3:08 AM IST

Updated : Oct 8, 2019, 4:17 AM IST

जयपुर. जिले में नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य की ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों की रोकथाम और प्रोत्साहन गतिविधियों के संचालन की प्रक्रिया निर्धारण करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं.

नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ के ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी. यादव ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों का संचालन नहीं हो.

पढ़ें: वर्दी का रौबः महिला ने टोल मांगने पर टोल प्लाजा में की तोड़फोड़...बोली- मैं हेड कांस्टेबल की पत्नी हूं...VIDEO

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने दोनों ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित एवं अनुमत गतिविधियों की सूची तैयार करने के लिए अधिकारियों को कहा है. कलेक्टर ने निर्देशित किया कि ईको सेंसेटिव जोन में गतिविधियों से संबंधित ज्यादातर मामले पर्यावरण एवं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से संबंधित है. इसलिए ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए उसे नोडल बनाया जाए.

जयपुर में ईको सेंसेटिव जोन के लिए बनेगा मास्टर प्लान

कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में प्रदूषणयुक्त फैक्ट्री, खनन और निर्माण गतिविधियों पर रोक रहेगी. कुछ गतिविधियां ऐसी होगी, जिन्हें रेगुलेट किया जाएगा. इसके अलावा वन विभाग और टूरिज्म को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाने को कहा गया है. इसके लिए प्रतिबंधों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा. इसके लिए टीम बनाई गई है. इसमें प्रधान, उपखंड अधिकारी और वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. कुछ ऐसी फैक्ट्रियां होंगी, जो प्रदूषण फैलाती है. उनको रीलोकेट करने की कार्रवाई भी की जाएगी. खनन इन दोनों ही क्षेत्रों में पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.

जयपुर. जिले में नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य की ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों की रोकथाम और प्रोत्साहन गतिविधियों के संचालन की प्रक्रिया निर्धारण करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं.

नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ के ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी. यादव ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों का संचालन नहीं हो.

पढ़ें: वर्दी का रौबः महिला ने टोल मांगने पर टोल प्लाजा में की तोड़फोड़...बोली- मैं हेड कांस्टेबल की पत्नी हूं...VIDEO

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने दोनों ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित एवं अनुमत गतिविधियों की सूची तैयार करने के लिए अधिकारियों को कहा है. कलेक्टर ने निर्देशित किया कि ईको सेंसेटिव जोन में गतिविधियों से संबंधित ज्यादातर मामले पर्यावरण एवं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से संबंधित है. इसलिए ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए उसे नोडल बनाया जाए.

जयपुर में ईको सेंसेटिव जोन के लिए बनेगा मास्टर प्लान

कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में प्रदूषणयुक्त फैक्ट्री, खनन और निर्माण गतिविधियों पर रोक रहेगी. कुछ गतिविधियां ऐसी होगी, जिन्हें रेगुलेट किया जाएगा. इसके अलावा वन विभाग और टूरिज्म को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाने को कहा गया है. इसके लिए प्रतिबंधों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा. इसके लिए टीम बनाई गई है. इसमें प्रधान, उपखंड अधिकारी और वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. कुछ ऐसी फैक्ट्रियां होंगी, जो प्रदूषण फैलाती है. उनको रीलोकेट करने की कार्रवाई भी की जाएगी. खनन इन दोनों ही क्षेत्रों में पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.

Intro:जयपुर। जयपुर जिले में नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ वन्य जीव अभयारण्य की ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों की रोकथाम अनुमत गतिविधियों के नियंत्रण व प्रोत्साहन गतिविधियों के संचालन की प्रक्रिया निर्धारण करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।


Body:जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं। दोनों ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी की गई थी। यादव ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि ईको सेंसेटिव जोन के संबंध जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार प्रतिबंधित किसी भी गतिविधि का संचालन नहीं हो। यादव ने दोनों को ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित एवं अनुमत गतिविधियों की सूची तैयार करने के लिए अधिकारियों को कहा है। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि ईको सेंसेटिव जोन में गतिविधियों से संबंधित ज्यादातर मामले पर्यावरण एवं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से संबंधित है। इसलिए ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए उसे नोडल बनाया जाए।
कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में प्रदूषणयुक्त फैक्ट्री, खनन, निर्माण सामग्री आदि गतिविधियों पर रोक रहेगी कुछ गतिविधियां ऐसी होगी जिन्हें रेगुलेट किया जाएगा। इसके अलावा वन विभाग और टूरिज्म को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाने को कहा गया है। इसके लिए प्रतिबंधों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा इसके लिए टीम बनाई गई है जिसमें प्रधान, उपखंड अधिकारी और वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। कुछ ऐसी फैक्ट्रीयां होगी जो प्रदूषण फैलाती है उनको रीलोकेट करने की कार्रवाई भी की जाएगी। खनन इन दोनों ही क्षेत्रों में पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।


बाईट जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव


Conclusion:
Last Updated : Oct 8, 2019, 4:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.