जयपुर. जिले में नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य की ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों की रोकथाम और प्रोत्साहन गतिविधियों के संचालन की प्रक्रिया निर्धारण करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं.
नाहरगढ़ और जमवारामगढ़ के ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी. यादव ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियों का संचालन नहीं हो.
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने दोनों ईको सेंसेटिव जोन में प्रतिबंधित एवं अनुमत गतिविधियों की सूची तैयार करने के लिए अधिकारियों को कहा है. कलेक्टर ने निर्देशित किया कि ईको सेंसेटिव जोन में गतिविधियों से संबंधित ज्यादातर मामले पर्यावरण एवं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से संबंधित है. इसलिए ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए उसे नोडल बनाया जाए.
कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में प्रदूषणयुक्त फैक्ट्री, खनन और निर्माण गतिविधियों पर रोक रहेगी. कुछ गतिविधियां ऐसी होगी, जिन्हें रेगुलेट किया जाएगा. इसके अलावा वन विभाग और टूरिज्म को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाने को कहा गया है. इसके लिए प्रतिबंधों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा. इसके लिए टीम बनाई गई है. इसमें प्रधान, उपखंड अधिकारी और वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. कुछ ऐसी फैक्ट्रियां होंगी, जो प्रदूषण फैलाती है. उनको रीलोकेट करने की कार्रवाई भी की जाएगी. खनन इन दोनों ही क्षेत्रों में पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.