जयपुर. राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह के ट्रॉमा सेंटर में पतंगबाजी के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं और मांझे से कटने की वजह से घायल लोगों के उपचार के लिए 24 डॉक्टर्स को तैनात किया गया था. ये डॉक्टर्स अस्पताल में अलर्ट मोड पर रहे, इससे अस्पताल पहुंचने वाले घायलों को समय पर उपचार दिया गया. रविवार को 29 घायल अस्पताल पहुंचे, जिनमें पतंगबाजी के दौरान छत से गिरे दो मासूम की हालत सीरियस बताई जा रही है.
एसएमएस अस्पताल के एडीशनल सुपरीटेंडेंट डॉ प्रदीप ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में हर वर्ष मकर संक्रांति पर कई घायल शहर वासी ट्रॉमा सेंटर लाए जाते हैं. इस बार परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पहले ही 24 डॉक्टर की टीम तैनात की गई थी. उन्होंने बताया कि रविवार को 5 और 6 साल को दो बच्चे को छत से गिरने की वजह से सीरियस हेड इंजरी हुई है, जिन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया है. सीनियर डॉक्टर्स इन बच्चों का ट्रीटमेंट कर रहे हैं.
पतंगबाजी के दौरान 11 लोग छत से गिरकर घायल होने की वजह से एसएमएस अस्पताल पहुंचे, जिनमें कुछ को फ्रैक्चर और कुछ को टिशु इंजरी हुई थी, पतंगबाजी में मामूली रूप से घायल लोगों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. इसी तरह रास्ते में वाहन चलाते वक्त मांझे की चपेट में आने से भी घायल हुए 16 लोग अस्पताल पहुंचे. हालांकि इनमें कोई भी घायल सीरियस कंडीशन में नहीं है.