जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक (Gehlot cabinet meeting) हुई . बैठक में प्रदेश के 13 जिलों में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने, राजकीय भर्तियों में आरक्षण संबंधित छूट प्रदान करने के निर्णय किए गए. साथ ही उत्कृष्ट खिलाड़ियों का मनोबल और जैसलमेर में औद्योगिक निवेश बढ़ाकर रोजगार की संभावना में वृद्धि करने सहित कई अहम फैसले लिए गए.
ईआरसीपी को लेकर मंत्रिमंडल में अहम निर्णयः मंत्रिमंडल ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP in Gehlot cabinet meeting) को आगे बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिया है. अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार, ईआरसीपी निगम को जल संसाधन विभाग/सीएडी/ आईजीएनडी/ एसडब्ल्यूआरपीडी के स्वामित्व की अनुपयोगी भूमि एवं भूमि से संबंधित सम्पत्तियों का निःशुल्क हस्तानांतरण किया जाना है. साथ ही निगम के वित्तीय प्रबंधन के लिए विभागों की ओर से हस्तांतरित भूमि का प्रबंधन/बेचान/लीज/अन्य उपयोग में लिया जाकर प्राप्त शत-प्रतिशत आय का उपयोग निगम के कार्यों के लिए किया जाना है. बता दें कि ईआरसीपी प्रदेश के 13 जिलों (झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक) के लिए पेयजल के साथ-साथ सिंचाई की भी अतिमहत्वपूर्ण परियोजना है.
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नवीन राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 का अनुमोदनः मंत्रिमंडल ने नवीन राजस्थान स्टार्टअप नीति 2022 का अनुमोदन किया है. इस नीति से प्रदेश के स्टार्टअप, उद्यमशील विद्यार्थियों, ग्रामीण स्टार्टअप्स एवं संस्थानिक इन्क्यूबेशन सेंटर्स को फायदा मिलेगा. प्रदेश में निवेश और रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. बता दें कि बजट सत्र 2020-21 में आईस्टार्ट कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए नीति लागू करने संबंधित घोषणा की गई थी.
मिलेगी अनुकंपात्मक नियुक्तिः मंत्रिमंडल ने बैटल कैजुअल्टी, फिजिकल कैजुअल्टी के आश्रितों को अथवा स्थाई रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिकों तथा पैरा मिलिट्री (बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, कोस्ट गार्ड) कार्मिकों के आश्रितों को (decision on Compassionate Appointment) अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम 2002 में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दी गई है. इस संशोधन के बाद शहीद परिवार तथा उक्त सेवाओं के स्थाई रूप से अशक्त कार्मिकों के आश्रित सदस्यों को पे-लेवल 10 तक के पदों पर नियुक्तियां प्रदान की जाएगी. पूर्व की अपेक्षा ऐसे परिवारों को बेहतर रूप से संबल प्रदान किया जा सकेगा.
कार्मिकों पर लघु शास्ति पर एसीपी आगामी देय तिथि को मिल सकेगीः मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कार्मिकों के हितों में बड़ा निर्णय लिया है. इसमें राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 17 के अंतर्गत कार्मिक को दी गई लघु शास्तियों के मामलों में एसीपी में पारिणामिक प्रभाव को समाप्त किया जा रहा है.
आरक्षित वर्ग के समान आयु सीमा में छूटः मंत्रिमंडल ने राजस्थान समेकित बाल विकास (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 1998 में संशोधन किया है. इससे पर्यवेक्षक के पद पर अति पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को भी आरक्षित वर्ग के समान ऊपरी आयु सीमा में छूट मिलेगी. महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर सीधी भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट का प्रावधान है. जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट भी देय है. अब यह शिथिलता अन्य आरक्षित वर्गों के साथ-साथ अति पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को भी मिल सकेगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग के समान आयु सीमा में शिथिलन देने की घोषणा की गई थी.
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नवीन अनुसूचित क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को भी मिलेगा आरक्षण का लाभः मंत्रिमण्डल में राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों का दायरा बढ़ने के परिणामस्वरूप उस क्षेत्र के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. इस क्रम में राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, लिपिकवर्गीय और चतुर्थ श्रेणी (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2014 में भारत सरकार की 19 मई, 2018 को जारी हुई अधिसूचना के अनुसार संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. बता दें कि भारत सरकार की अधिसूचना के अन्तर्गत प्रदेश के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौड़गढ़, पाली व सिरोही जिलों में अनुसूचित क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया था. इस कारण बढ़े हुए क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था. उक्त अनुमोदन से अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ प्राप्त हो सकेगा.
खिलाडि़यों का बढ़ेगा मनोबलः मंत्रिमंडल ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राजकीय सेवाओं में 2 प्रतिशत आरक्षण का लाभ ‘राजस्थान इंजीनियरिंग सबऑर्डिनेट सविसेज (इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टोरेट ब्रांच) और ‘राजस्थान साइंस एंड टेक्नोलॉजी (स्टेट एंड सबऑर्डिनेट)‘ सेवाओं में भी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. राज्य सरकार ने 21 नवंबर 2019 को ही अधिसूचना जारी कर विभिन्न राजकीय सेवाओं में उत्कृष्ट खिलाडि़यों को आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान लागू कर दिया था. तब प्रक्रियाधीन होने के कारण उक्त दो सेवाओं में नियमों में संशोधन नहीं हो पाया था. साथ ही, बैठक में राष्ट्रीय खेलों में प्रतिनिधित्व करने वाले राजस्थान के उत्कृष्ट खिलाडि़यों को भी ‘आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्सपर्सन‘ की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया है. इस निर्णय से राज्य के उत्कृष्ट खिलाडि़यों का मनोबल बढ़ेगा.
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जैसलमेर में सीमेंट प्लांट एवं रेलवे साईडिंग की होगी स्थापनाः मंत्रिमंडल ने मैसर्स वंडर सीमेंट लिमिटेड को जैसलमेर में वृहद् उद्योग (सीमेंट प्लांट एवं रेलवे साईडिंग) की स्थापना के लिए कुल 400.5237 हैक्टेयर औद्योगिक आरक्षित भूमि का आवंटन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसमें ग्राम पारेवर (तहसील जैसलमेर) ग्राम सोनू (तहसील सम) तथा ग्राम लीला पारेवर (तहसील जैसलमेर) में 377.0650 हैक्टेयर प्लांट के लिए आवंटन का निर्णय किया गया है. साथ ही 23.4587 हैक्टेयर भूमि रेलवे साईडिंग व सड़क के लिए आवंटन पर निर्णय लिया गया है . यह परियोजना दो चरणों में स्थापित होगी. इनमें 4200 करोड़ रूपये का निवेश प्रस्तावित है. प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा.
अब सिर्फ महिला वार्डनः मंत्रिमंडल ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से संचालित महिला (बालिका) छात्रावासों में छात्रावास अधीक्षक ग्रेड-2 का पद केवल महिला अभ्यर्थियों द्वारा ही भरे जाने का निर्णय लिया है. इस निर्णय से इन छात्रावासों में रहकर अध्ययन कर रही बालिकाओं की सुरक्षा एवं निजता सुनिश्चित की जा सकेगी. महिला अधीक्षक की देखरेख में घरों से दूर रहकर पढ़ाई कर रही छात्राएं सहज भाव से अपने विचार व्यक्त कर सकेंगी. इनमें आश्रम छात्रावासों, खेल, कॉलेज व बहुउद्देशीय छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों के बालिका छात्रावास एवं मॉडल पब्लिक रेजिडेंशियल स्कूलों में महिला अधीक्षक को ही लगाया जाएगा. इस निर्णय से अब इन छात्रावासों में स्वीकृत 274 अधीक्षकों के पदों पर महिला वार्डन का पदस्थापन हो सकेगा.
बूंदी की राजकीय आईटीआई का नाम बदलाः मंत्रिमण्डल ने बूंदी के हिंडोली में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का नामकरण बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. मुख्यमंत्री ने 30 जुलाई 2022 को बूंदी यात्रा के दौरान हिण्डोली में बनने वाले आईटीआई. कॉलेज का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर आईटीआई. कॉलेज करने की घोषणा की थी.