जयपुर. कांग्रेस में मंत्री बनाम मंत्री की एक और दास्तां आज Narrate की गई. कल खाचरियावास तो आज मंत्री महेश जोशी फुल फॉर्म में नजर आए. उन्होंने पीसी में बगैर नाम लिए कई पूछे और कई न पूछे गए सवालों के जवाब बेलौस देते रहे.
गहलोत के खासमखास मंत्रियों में से एक महेश जोशी ने आज मंत्री खाचरियावास के गुलाम शब्द का खुलकर जवाब दिया. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि किसी को अपशब्द कहना उस शख्स की मानसिकता को दर्शाता है. इसके साथ ही उन्होंने ACR के तकनीकी पक्ष को भी स्पष्ट किया. पार्टी में असहमति को लोकतंत्र के लिए जरूरी भी करार दिया.
मेरे विभाग को शिकायत नहीं: जोशी ने कहा कि परसों मैंने प्रताप सिंह जी ने अधिकारियों की कार्यशैली पर जो सवाल उठाए उसका मैंने जवाब भी दिया था, कि मेरे विभाग के अधिकारियों से मुझे कोई शिकायत नहीं है. प्रताप सिंह जी को यदि अपने विभाग के अधिकारियों से दिक्कत होगी तो वो और मुख्यमंत्री जी ठीक कर देंगे.
गुलाम कहना ठीक नहीं: इसके साथ ही जोशी ने कहा कि मेरा मानना है कि हम लोकतंत्र में रहते हैं, हम फासिस्ट लोग नहीं है लोकतंत्र में आज असहमति का अपना स्थान होता है. कोई किसी की बात से सहमत होता है कोई किसी की बात से असहमत होता है ,लेकिन यदि मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूं तो यह कह सकता हूं कि सहमत नहीं हूं. लेकिन किसी को सहमति नहीं होने के आधार पर किसी को गुलाम बनाना उचित नहीं है.
Joshi Vs Pratap : महेश जोशी ने गुलामी का ठेका ले रखा है, हम अधिकार बचाना जानते हैं - खाचरियावास
हां मैं हूं गुलाम: जोशी ने कहा कि प्रताप सिंह ने मुझे गुलाम बताया मैं स्वीकार करता हूं कि मैं गुलाम हूं, मैं कांग्रेस पार्टी का गुलाम हूं. मैं शालीन व्यवहार का गुलाम हूं, मैं सभ्यता से बोलने का गुलाम हूं. मैं किसी से गाली गलौज नहीं करता. मैं सभ्य तरीके से अपनी बात रखता हूं. एक मानव स्वभाव में जो बात होती है जो गुणों की श्रेणी में आती है, मैं उन सभी बातों का गुलाम हूं, मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है.
जय श्रीराम का नारा सुखद: महेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक बार विधानसभा में जय श्री राम का नारा लगाया था सब लोगों ने पूछा जय श्री राम! तो मुख्यमंत्री जी ने पूछा था अच्छा लगा ,साथ में उन्होंने कहा जय श्री राम का नारा लगाते हैं, तो श्रद्धा पैदा होती है. सकारात्मकता पैदा होती है लेकिन ऐसे भी लोग हैं देश में जो श्री राम के नाम पर राजनीति करते हैं. लेकिन श्री राम का नारा ऐसे लगाते हैं जैसे खौफ पैदा हो.
हम गांधी के अनुयायी: जोशी बोले- हम गांधीजी के अनुयायी हैं. मैं इसलिए कहना चाहता हूं मैंने किसी सीमा का उल्लंघन नहीं किया ना किसी मंत्री की वर्किंग पर सवाल उठाए न अपने आप को ताकतवर बताया. मुख्यमंत्री कार्यालय तो सारे मंत्रियों के साथ खड़ा है और मुख्यमंत्री की इच्छा से ही हम सब मंत्री बने हैं. मुख्यमंत्री के लिए सारे मंत्री एक समान है जो अच्छा काम करेगा उसे शाबाशी मिलेगी जिसके काम में कमी होगी उसे ठीक करने की कोशिश करेंगे.
ACR से मैं था अनजान: एसीआर देने की बात आई मुझे तो पता भी नहीं था कि उन्होंने ACR को लेकर कोई बात कही. एसीआर लिखने का अपना सिस्टम है सरकार ने इसमें तीन अथॉरिटी बना रखी है. किसी विभाग में जिसमें सेक्रेटरी हेड ऑफ डिपार्टमेंट है उसमें एसीआर लिखने का अधिकार मंत्री को है. तीन अथॉरिटी 2008 के सर्कुलर में है अगर किसी ने नहीं पढ़ा हो तो 2008 का सर्कुलर पढ़ ले.
मीडिया में नहीं करनी थी बात: इसके साथ ही प्रताप सिंह के मीडिया में जाकर बात करने पर उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री से बात की जा सकती है लेकिन इस तरीके से मीडिया में बात करना यह परंपरा नहीं होना चाहिए. प्रताप सिंह पर हमला करते हुए महेश जोशी ने कहा कि हम जो बोलते हैं वो हमारी मानसिकता का परिचायक होता है और जहां तक मुख्यमंत्री और सरकार के लिए जीने मरने की बात हो तो हम मरने में नही जीने की बात करने में यकीन करते हैं. मरने की बात कमजोर लोग करते हैं.
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खाचरियावास ने कहा था चापलूस और गुलाम: गुरुवार को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने महेश जोशी को लेकर बड़े आरोप लगाए थे. कहा था कि अगर पॉलिटिकल पार्टी में कोई काम करता है और वह अपने अधिकार के लिए नहीं लड़ सकता तो फिर वह दूसरे के अधिकार के लिए कैसे लड़ेगा? उन्होंने कहा कि अगर मंत्री-विधायक खुद अपने अधिकार नहीं ले सकते, तो वह दूसरे को क्या अधिकार दिलाएंगे. ऐसे लोगों को राजनीति से दूर हो जाना चाहिए. खाचरियावास ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह मामला व्यवस्था का है, जो मंत्रियों को संविधान में विभाग के अधिकारियों की ACR भरने का अधिकार देती है. मंत्री महेश जोशी के बयान पर खाचरियावास भड़क गए और उन्होंने कहा कि अगर मंत्री महेश जोशी यह कह रहे हैं कि मेरे सब काम हो रहे हैं तो वह हमको क्या सिखा रहे हैं?
उन्होंने साफ कहा कि मंत्री महेश जोशी झूठ बोल रहे हैं. उन्हें दिव्या मदेरणा और संयम लोढ़ा से सीखना चाहिए. यह कोई बुरा मानने की बात नहीं है कि मंत्री जिस विभाग का है वहीं एसीआर लिखे. उन्होंने कहा कि मंत्री महेश जोशी को खुल कर बोलना चाहिए, बेवजह गुलामी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जोशी ने अगर गुलामी का ठेका ले रखा है तो वह लें. उन्होंने कहा कि महेश जोशी से मेरी कोई लड़ाई नहीं है, लेकिन वह झूठ बोल रहे हैं. अगर महेश जोशी एसीआर लिख रहे हैं और बाकी मंत्री नहीं लिख रहे तो फिर महेश जोशी तो राजस्थान के सुपर पावर हो गए.पढ़ें. महेश जोशी का पायलट पर तंज,
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि पूरा राजस्थान जानता है कि प्रदेश में महेश जोशी की ज्यादा चलती है या प्रताप सिंह खाचरियावास की. खाचरियावास ने कहा कि जबसे उन्होंने एसीआर भरने की मांग उठाई है, उसके बाद ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध किया है. लेकिन हम मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं हैं. यह तो गलत व्यवस्था को सुधारने की लड़ाई है.खाचरियावास ने कहा कि हम जानते हैं कि अशोक गहलोत बनने में 50 साल लगते हैं, लेकिन अपने अधिकार के लिए बोलना मुख्यमंत्री का विरोध नहीं होता. उन्होंने कहा कि इस मामले में मैंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है. वह हमारे नेता हैं और उनके सरकार को बचाने के लिए मैंने सबसे आगे होकर लड़ाई भी लड़ी है. अगर हमारे नेता की सरकार को बचाने के लिए हम लड़ाई लड़ सकते हैं तो उनसे हम अपने अधिकार की बात भी कर सकते हैं.
खाचरियावास से पहले जोशी ने कहा था : मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के एसीआर भरने (Mahesh Joshi statement on ACR) की मांग पर मंत्री महेश जोशी ने कहा था कि हर किसी की अपनी सोच होती है. मैं यह कह सकता हूं कि मुझे मेरे विभाग में ऐसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है. मेरे पास मेरे विभाग के सभी अधिकार हैं और मुझसे पूछे बिना विभाग में कोई काम नहीं होता. उन्होंने कहा था कि मंत्री प्रताप सिंह की बात तो प्रताप सिंह जानें, लेकिन