जयपुर. कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को ग्रस्तोदय खग्रास चंद्रग्रहण रहा. राजस्थान में सबसे पहले धौलपुर में 5:28 पर चंद्रग्रहण दिखा. राजधानी में चंद्रग्रहण का समय 5:37 का था, लेकिन यहां आसमान में बादल छाए होने की वजह से चंद्रग्रहण दिखाई नहीं दिया. इस दौरान गोविंद देव जी मंदिर को छोड़ अन्य मंदिरों के पट बंद (Govind dev mandir remained opened in lunar eclipse) रहे. इस दौरान शहरवासियों ने मंदिर पहुंच संकीर्तन किया. वहीं शाम को 6:18 पर ग्रहण खत्म होने के बाद जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में रास पूर्णिमा की झांकी सजाई गई.
शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में चंद्रग्रहण के चलते शाम की झांकियों में बदलाव किया गया. शाम को ग्वाल झांकी 4:45 से 5:15 बजे तक हुई. जबकि संध्या झांकी रात 8:00 से 8:15 बजे तक हुई. इसके बाद शयन झांकी रात 9:30 से 9:45 बजे तक हुई. हालांकि चंद्रग्रहण के दौरान शाम 5:30 से 6:20 बजे तक ठाकुर जी के पट खुले रहे. लेकिन ग्रहण के चलते भक्त मंदिर में परिक्रमा नहीं लगा पाए. भक्तों ने यहां हरिनाम संकीर्तन किया. वहीं मंगलवार को रात 8:45 से 9:00 बजे ठाकुर जी के रास पूर्णिमा की विशेष झांकी सजाई गई. इस दौरान ठाकुरजी को सुनहरी पारचे की पोशाक धारण करवाई गई और खीर का भोग लगाया गया.
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उधर, चन्द्रग्रहण काल में शहरवासियों में घरों में भी संकीर्तन किया. वहीं आगरा रोड स्थित हरि सिंह भोमिया जी के विश्वजन कल्याण के लिए जप और हवन किया गया. यहां मौजूद रहे धर्म प्रचारक और गुनी जनों ने अपने आराध्य इष्ट देव गणेश जी, हनुमान जी, देवी जी, शिव जी और अन्य सभी देवी-देवताओं का जाप कर हवन आहुतियां दीं. वहीं पुर्णाहुति कर सभी ने गलता जी में स्नान शुद्धि कर गायों को चारा डाला और दान पुण्य किया.
बस्सी में की टेलिस्कोप से चंद्रग्रहण देखने की व्यवस्था: बस्सी के चितौड़ी पाटन मोड़ के पास समता माता मंदिर में एस्ट्रो नाइट स्काई कार्यक्रम के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से आकाशीय पिंडों का अवलोकन उच्च स्तरीय टेलिस्कोप के माध्यम से करवाने की विशेष व्यवस्था की गई. चंद्रग्रहण को देखने के लिए स्थानीय ग्रामीणों के अलावा विद्यार्थी मौजूद रहे. साइंस पार्क के कार्मिकों ने चंद्रग्रहण का अवलोकन टेलिस्कोप के माध्यम से करवाया गया एवं विषय विशेषज्ञों ने इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला.