जयपुर. द केरल स्टोरी फिल्म को लेकर भले ही सियासी बयानबाजी हो रही हो, लेकिन राजस्थान में बीजेपी के नेता भी इस फिल्म को प्रमोट करने में लगे हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी बीजेपी विधायकों और पदाधिकारियों के साथ शनिवार को फिल्म देखी. फिल्म देखने के बाद नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि यह फिल्म नहीं फीलिंग है, जिसे हमारी हर युवा पीढ़ी को देखना चाहिए. इस फिल्म में आतंकी साजिशों और धर्मांतरण की सच्चाई को उजागर किया गया है.
रील नहीं रियल है फिल्म : राठौड़ ने कहा कि हमारी बहन-बेटियों पर सुनियोजित साजिश के तहत संगठित गिरोह की ओर से किए जा रहे अत्याचार, जबरन धर्मांतरण और मानवीय मूल्यों के हास का फिल्मांकन किया गया है. फिल्म से जुड़े सभी लोगों ने बहुत खूबी के साथ किया है. फिल्म की कहानी सिर्फ केरल ही नहीं बल्कि हर उस राज्य, उस जगह की है जहां पर बहन-बेटियों को टारगेट कर आतंकी गतिविधियों में संलिप्त करने के लिए गुमराह किया जाता है. ये फिल्म नहीं फीलिंग है. रीयल लाइफ की कहानी है. इस कहानी में जिस तरह से आतंकियों की साजिश और धर्मांतरण की सच्चाई को जागृत किया है, उससे हमारे देश के हर नागरिक, खासतौर से युवा पीढ़ी को देखना चाहिए ताकि वह सजक और जागरूक हो सकें.
सरकार को टैक्स फ्री करना चाहिए : राठौड़ ने कहा कि ये फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है. देश में किस प्रकार की शक्तियां किस प्रकार से हमारी बहन-बेटियों को गुमराह कर रही है, ये उनकी सच्चाई को बयां करती है. सामाजिक पहलुओं पर बनी ये फिल्म संदेश भी देती है, इस नाते इस फिल्म को टैक्स फ्री करना चाहिए. इसको लेकर पहले सीएम अशोक गहलोत से मांग की थी कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश की भांति प्रदेश में भी फिल्म को टैक्स फ्री किया जाए. इससे फिल्म को अधिक से अधिक लोग देख सकेंगे.
कांग्रेस आतंकी प्रवृति के साथ खड़ी : राठौड़ ने कहा कि द केरल स्टोरी फिल्म को बैन करने की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. वो इस कदर गिर चुकी है कि वह केरल में हमारी बहन-बेटियों के साथ हुए अत्याचार की सच्चाई को न खुद देखना चाहती है और न ही लोगों को देखने देना चाहती है. राठौड़ ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स के बाद अब द केरल स्टोरी फिल्म को लेकर कांग्रेस के स्टैंड से साफ दिख रहा है कि उनकी पार्टी देश को तहस-नहस करने वाली इस आतंकी प्रवृति के साथ खड़ी है.
राजस्थान में हो रहा धर्मांतरण का खेल : उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का चित्रण इस फिल्म में किया गया है, वो वास्तविकता पर आधारित है. जिस प्रकार की घटनाएं हमारे आसपास हो रही हैं, ऐसे मौके पर इन फिल्म की उपयोगिता और बढ़ जाती है. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में भी आदिवासी इलाके बांसवाड़ा, डूंगरपुर में इस तरह के धर्मांतरण हो रहे हैं. सरकार की खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के लोग और तंत्र सक्रिय हैं. निश्चित रूप से सरकार को इस फिल्म को सामाजिक सरोकार के साथ देखना चाहिए.
फिल्म सत्य घटना पर आधारित : बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि यह फिल्म काल्पनिक घटना पर आधारित नहीं है. केरल में जिस तरह की स्थिति पिछले 50 साल से चल रही है उसे सही तरीके से दिखाने की काम किया गया है. केरल में योजनाबद्ध तरीके से वहां के लोगों का धर्मांतरण और बहन-बेटियों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है, यह फिल्म इसपर आधारित है. इस फिल्म में बहन-बेटियों के साथ दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन का सही रूप से चित्रण किया गया है. चतुर्वेदी ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हम तुष्टिकरण कर रहे हैं, अगर सच बात कहना तुष्टिकरण है तो निश्चित रूप से हम तुष्टिकरण की बात कर रहे हैं. 50 साल तक देश में जिस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देने की उस को उजागर करना बहुत जरूरी है.