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बजट सत्र में सीएम गहलोत से 'एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल' पास कराने की मांग...

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि मानवाधिकार विभाग और आरटीआई विभाग अध्यक्ष सुशील शर्मा ने गहलोत सरकार से इसी बजट सत्र में एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लागू करने की मांग की है.

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Published : Jun 24, 2019, 11:12 PM IST

वकीलों ने रखी गहलोत के सामने 'एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल' पास करने की मांग

जयपुर. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व चेयरमैन सुशील शर्मा ने प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ ही विधि एवं न्याय मंत्री शांति कुमार धारीवाल को कांग्रेस का वादा याद दिलाया है. जो उन्होंने अपने पत्र में वकीलों के लिए रखा था.

चेयरमैन सुशील शर्मा ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में सर्वसम्मति से अधिवक्ताओं के वेलफेयर हेतु कई प्रस्ताव पारित किए गए थे, जो कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किए थे. उन्होंने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा की गई मांगों को राज्य सरकार की कैबिनेट ने भी अपने दो दिवसीय कार्य योजना में शामिल किया था. ऐसे में अब उन मांगों को सरकार बजट सत्र में ही पूरा कर दे.

वकीलों ने रखी गहलोत के सामने 'एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल' पास करने की मांग

कुछ इस प्रकार हैं मांगें

  • बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा अधिवक्ताओं के वेलफेयर हेतु एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2019.
  • एडवोकेट वेलफेयर फंड में संशोधन तथा सरकारी अनुदान.
  • अजमेर में एडवोकेट भवन हेतु स्थान आवंटन.
  • न्यायालयों में केंद्रीय लाइब्रेरी.
  • अधिवक्ताओं के चेंबर हेतु वित्तीय सहायता.
  • अधिवक्ताओं हेतु सस्ती आवासी योजना.
  • युवा अधिवक्ताओं के लिए स्थाई फंड और राज्य सरकार के बोर्ड निगमों में अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दिए जाने के प्रस्ताव राज्य शामिल है.

वहीं, उन्होंने कहा कि एडवोकेट की ये मांगें जायज हैं. उन्हें इसी बजट सत्र में पूरा किया जाना चाहिए. शर्मा ने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को राजस्थान सरकार इसी बजट सत्र में रखे.

जयपुर. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व चेयरमैन सुशील शर्मा ने प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ ही विधि एवं न्याय मंत्री शांति कुमार धारीवाल को कांग्रेस का वादा याद दिलाया है. जो उन्होंने अपने पत्र में वकीलों के लिए रखा था.

चेयरमैन सुशील शर्मा ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में सर्वसम्मति से अधिवक्ताओं के वेलफेयर हेतु कई प्रस्ताव पारित किए गए थे, जो कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किए थे. उन्होंने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा की गई मांगों को राज्य सरकार की कैबिनेट ने भी अपने दो दिवसीय कार्य योजना में शामिल किया था. ऐसे में अब उन मांगों को सरकार बजट सत्र में ही पूरा कर दे.

वकीलों ने रखी गहलोत के सामने 'एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल' पास करने की मांग

कुछ इस प्रकार हैं मांगें

  • बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा अधिवक्ताओं के वेलफेयर हेतु एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2019.
  • एडवोकेट वेलफेयर फंड में संशोधन तथा सरकारी अनुदान.
  • अजमेर में एडवोकेट भवन हेतु स्थान आवंटन.
  • न्यायालयों में केंद्रीय लाइब्रेरी.
  • अधिवक्ताओं के चेंबर हेतु वित्तीय सहायता.
  • अधिवक्ताओं हेतु सस्ती आवासी योजना.
  • युवा अधिवक्ताओं के लिए स्थाई फंड और राज्य सरकार के बोर्ड निगमों में अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दिए जाने के प्रस्ताव राज्य शामिल है.

वहीं, उन्होंने कहा कि एडवोकेट की ये मांगें जायज हैं. उन्हें इसी बजट सत्र में पूरा किया जाना चाहिए. शर्मा ने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को राजस्थान सरकार इसी बजट सत्र में रखे.

Intro:वकीलों नहीं याद दिलाई सरकार को अपनी बात कहा एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल सरकार लागू करें इसी बजट सत्र में


Body:राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि मानवाधिकार विभाग एवं आरटीआई विभाग के अध्यक्ष और बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व चेयरमैन सुशील शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ ही विधि एवं न्याय मंत्री शांति कुमार धारीवाल को कांग्रेस का वह वादा याद दिलाया है जो उन्होंने अपने पत्र में वकीलों के लिए रखा था बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व चेयरमैन सुशील शर्मा ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में सर्वसम्मति से अधिवक्ताओं के वेलफेयर हेतु कई प्रस्ताव पारित किए गए थे जो कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किए थे उन्होंने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा की गई मांगों को राज्य सरकार की कैबिनेट ने भी अपने दो दिवसीय कार्य योजना में शामिल किया था ऐसे में अब उन मांगों को सरकार को बजट सत्र में ही पूरा कर देना चाहिए शर्मा ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा अधिवक्ताओं के वेलफेयर हेतु एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2019 एडवोकेट वेलफेयर फंड में संशोधन तथा सरकारी अनुदान अजमेर में एडवोकेट भवन हेतु स्थान आवंटन न्यायालयों में केंद्रीय लाइब्रेरी व अधिवक्ताओं के चेंबर हेतु वित्तीय सहायता अधिवक्ताओं हेतु सस्ती आवासी योजना युवा अधिवक्ताओं के लिए स्थाई फंड और राज्य सरकार के बोर्ड निगमों में अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दिए जाने के प्रस्ताव राज्य सरकार को दिए हैं उन्होंने कहा कि एडवोकेट की यह मांग जायज है और उन्हें इसी बजट सत्र में पूरा किया जाना चाहिए शर्मा ने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को राजस्थान सरकार इसी बजट सत्र में रखें
सुशील शर्मा विधि एवं मानवाधिकार विभाग अध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस


Conclusion:ऐसे नहीं कहा जा सकता है कि जब बजट सत्र है और हर संगठन अपने लिए कुछ ना कुछ मांग रहा है तो फिर वकील भी ऐसे में पीछे क्यों रहें
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