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फर्जीवाड़ा: चौमूं में भूमाफियाओं ने करोड़ों की जमीन हड़प कर बसाई कॉलोनी

जयपुर के चौमूं कस्बे में भू माफिया ने करोड़ों रुपयों की भूमि का फर्जी वसीयतनामा तैयार कर अनुसूचित जाति के पीड़ित की जमीन को हड़प कर सरस्वती विहार के नाम से कॉलोनी बसा दी. इतना ही नहीं एक सोसाइटी के जरिए फर्जी तरीके से पट्टे भी जारी कर दिए हैं.

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चौमूं में भूमाफियाओं ने करोड़ों की जमीन हड़प कर बसाई कॉलोनी
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Published : Mar 3, 2021, 7:53 AM IST

जयपुर. चौमूं में भू माफिया ने केवल एक मकान ही नहीं, बल्कि पूरी कॉलोनी के नकली कागजात बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. यह मामला है चौमूं कस्बे के सरस्वती विहार आवासीय कॉलोनी का, जहां भू माफिया ने करोड़ों रुपये की भूमि का फर्जी वसीयतनामा तैयार कर अनुसूचित जाति के पीड़ित की जमीन को हड़पकर सरस्वती विहार के नाम से कॉलोनी बना दी.

चौमूं में भूमाफियाओं ने करोड़ों की जमीन हड़प कर बसाई कॉलोनी

वर्ष 2003 में कुछ लोगों ने अनुसूचित जाति की भूमि पर तत्कालीन गिरदावर, पटवारी से सांठगांठ करके करीब 3 भूमि का फर्जी तरीके से वारिस नामा तैयार कर जमीन की रजिस्ट्री करवा ली. इसको लेकर पुलिस थाना और एडीएम के पास मामला दर्ज हुआ. इधर, पुलिस ने इस पूरे मामले में कार्रवाई कर वर्ष 2003 में जमीन को लेने वाले 2-3 लोगों को गिरफ्तार किया. वर्ष 2017 में एडीएम ने भी अपना फैसला सुना दिया और फर्जी वारिसनामा के आधार पर खुले नामांतरण को खारिज कर वास्तविक वारिस नरसीराम के नाम नामांतरण खोलने के निर्देश दिए.

इससे पहले भूमाफियाओं ने करीब 3 बीघा भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी बसा दी और प्लॉटिंग कर लोगों को प्लॉट बेच दिए. इतना ही नहीं इस कॉलोनी पर काटे गए प्लॉट के पट्टे भी एक सोसाइटी के जरिए वितरित कर दिए गए. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक भू माफियाओं ने पहले इस भूमि को सिरसली गृह निर्माण सहकारी समिति को सरेंडर किया और इस सोसाइटी के जरिए ही भूमि खरीदने वाले लोगों को पट्टे जारी कर दिए.

पढ़ें- बड़ी कार्रवाई: चूरू में ट्रक से 1 करोड़ का डोडा पोस्त बरामद, 2 सगे भाई गिरफ्तार

वर्ष 2018 में पीड़ित नरसी राम ने चौमूं पुलिस थाने में धोखाधड़ी करने पर जमीन हड़पने का मामला फिर से दर्ज करवाया, लेकिन यह फाइल दबी रही और इस पर कोई काम नहीं हुआ. अब पुलिस ने इस फाइल पर काम करना शुरू किया तो सिरसली गृह निर्माण सहकारी समिति के संयोजक रामकरण इंदौरा को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपी रामकरण इंदौरा शहर में संचालित न्यू शाइन इंटरनेशनल स्कूल का निदेशक भी हैं.

चौमूं ACP राजेंद्र सिंह निर्वाण इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. एसीपी राजेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में कई लोग जुड़े हैं. जिनकी पुलिस को तलाश है. अब रामकरण इंदौरा की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपी भी भूमिगत हो गए हैं. हालांकि पुलिस आरोपियों को ढूंढ रही है.

पीड़ित नरसी लाल वर्मा के नाम से इस भूमि का नामांतरण खुल जाने के बाद अब भू माफियाओं के द्वारा बेची गई भूमि यानी सरस्वती विहार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सिसरली गृह निर्माण सहकारी समिति के द्वारा वितरित किए गए पट्टे भी अब खटाई में पड़ते नजर आ रहे हैं, तो वहीं इस सोसाइटी से जुड़े अन्य पदाधिकारियों की भी पुलिस तलाश कर रही है.

जयपुर. चौमूं में भू माफिया ने केवल एक मकान ही नहीं, बल्कि पूरी कॉलोनी के नकली कागजात बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. यह मामला है चौमूं कस्बे के सरस्वती विहार आवासीय कॉलोनी का, जहां भू माफिया ने करोड़ों रुपये की भूमि का फर्जी वसीयतनामा तैयार कर अनुसूचित जाति के पीड़ित की जमीन को हड़पकर सरस्वती विहार के नाम से कॉलोनी बना दी.

चौमूं में भूमाफियाओं ने करोड़ों की जमीन हड़प कर बसाई कॉलोनी

वर्ष 2003 में कुछ लोगों ने अनुसूचित जाति की भूमि पर तत्कालीन गिरदावर, पटवारी से सांठगांठ करके करीब 3 भूमि का फर्जी तरीके से वारिस नामा तैयार कर जमीन की रजिस्ट्री करवा ली. इसको लेकर पुलिस थाना और एडीएम के पास मामला दर्ज हुआ. इधर, पुलिस ने इस पूरे मामले में कार्रवाई कर वर्ष 2003 में जमीन को लेने वाले 2-3 लोगों को गिरफ्तार किया. वर्ष 2017 में एडीएम ने भी अपना फैसला सुना दिया और फर्जी वारिसनामा के आधार पर खुले नामांतरण को खारिज कर वास्तविक वारिस नरसीराम के नाम नामांतरण खोलने के निर्देश दिए.

इससे पहले भूमाफियाओं ने करीब 3 बीघा भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी बसा दी और प्लॉटिंग कर लोगों को प्लॉट बेच दिए. इतना ही नहीं इस कॉलोनी पर काटे गए प्लॉट के पट्टे भी एक सोसाइटी के जरिए वितरित कर दिए गए. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक भू माफियाओं ने पहले इस भूमि को सिरसली गृह निर्माण सहकारी समिति को सरेंडर किया और इस सोसाइटी के जरिए ही भूमि खरीदने वाले लोगों को पट्टे जारी कर दिए.

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वर्ष 2018 में पीड़ित नरसी राम ने चौमूं पुलिस थाने में धोखाधड़ी करने पर जमीन हड़पने का मामला फिर से दर्ज करवाया, लेकिन यह फाइल दबी रही और इस पर कोई काम नहीं हुआ. अब पुलिस ने इस फाइल पर काम करना शुरू किया तो सिरसली गृह निर्माण सहकारी समिति के संयोजक रामकरण इंदौरा को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपी रामकरण इंदौरा शहर में संचालित न्यू शाइन इंटरनेशनल स्कूल का निदेशक भी हैं.

चौमूं ACP राजेंद्र सिंह निर्वाण इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. एसीपी राजेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में कई लोग जुड़े हैं. जिनकी पुलिस को तलाश है. अब रामकरण इंदौरा की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपी भी भूमिगत हो गए हैं. हालांकि पुलिस आरोपियों को ढूंढ रही है.

पीड़ित नरसी लाल वर्मा के नाम से इस भूमि का नामांतरण खुल जाने के बाद अब भू माफियाओं के द्वारा बेची गई भूमि यानी सरस्वती विहार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सिसरली गृह निर्माण सहकारी समिति के द्वारा वितरित किए गए पट्टे भी अब खटाई में पड़ते नजर आ रहे हैं, तो वहीं इस सोसाइटी से जुड़े अन्य पदाधिकारियों की भी पुलिस तलाश कर रही है.

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