जयपुर. जयपुर शहर में उत्तरी रिंग रोड के लिए जयपुर जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण का अहम फैसला लिया है. फैसले के तहत उत्तरी रिंग रोड के लिए जयपुर जिले में 388 हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहित होगी. उत्तर रिंग रोड 45 किलोमीटर लंबी होगी और इससे यातायात दबाव भी कम होगा.
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने मंगलवार को बताया कि उत्तरी रिंग रोड के लिए जयपुर तहसील के गांव बगराना से आमेर तहसील के चौंप गांव तक 45 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी. इसके लिए जिला प्रशासन 388.3558 हैक्टेयर भूमि अधिग्रहित करेगा. कलेक्टर ने बताया कि उत्तरी रिंग रोड परियोजना निर्माण में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से जयपुर तहसील के 6, आमेर तहसील के 14 एवं जमवारामगढ़ के 14 गांवों को प्रभावित गावों की सूची में शामिल किया गया है.
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उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही के तहत अधिनियम की धारा 3(ए) का प्रस्ताव अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को 13 जनवरी को भेज दिया है. जल्द ही भारत के राजपत्र में प्रकाशन होने के बाद आपत्तियां मांगी जाएंगी. प्राधिकरण स्तर पर प्रस्ताव का भारत के राजपत्र में प्रकाशन करवाने के बाद सक्षम प्राधिकारी कार्यालय स्तर पर अधिसूचना दो स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाई जाएगी. राजपत्र में इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 21 दिन के भीतर आपत्तियां दी जा सकेंगी.
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प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि भूमि मुआवजा प्रकाशन की तिथि की डीएलसी दर से नकद देय होगा. नकद मुआवजा राशि डीएलसी दर के साथ 100 प्रतिशत सोलेशियम एवं मौके पर निर्मित संरचना का तकनीकी मूल्यांकन के अनुसार देय होगी. परियोजना निर्माण के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय अमृता चौधरी को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सक्षम प्राधिकारी (भूमि अवाप्ति) के रूप में प्राधिकृत किया गया है. इस साल अक्टूबर तक भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की जानी है.