जयपुर. राजधानी जयपुर की सड़कों व गलियों में नशे का धंधा फल-फूल रहा है. अब इस धंधे में महिलाएं भी बड़ी संख्या में सक्रिय हैं. करीब दोगुना मुनाफा होने के कारण महिलाएं भी नशे की सौदागर बन रही हैं. वैसे तो हर उम्र की महिलाएं ड्रग पैडलिंग का काम कर रही हैं, लेकिन 25 से 40 साल तक की उम्र की महिलाएं ड्रग पैडलिंग में ज्यादा सक्रिय हैं.
यह बात जयपुर पुलिस की ओर से नशे के तस्करों और पैडलर्स के खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों और अनुसंधान में सामने आई है. नशे की तस्करी और ड्रग पैडलिंग के मुनाफे को देखकर महिलाएं इससे जुड़ रही हैं. साथ ही पुलिस की रेड के समय महिलाओं के बचने की संभावना पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है. इसलिए परंपरागत रूप से नशे का धंधा करने वाले परिवार अब तेजी से अपने घरों की महिलाओं को इससे जोड़ रहे हैं.
26 से 40 साल के उम्र की महिलाएं ज्यादा एक्टिव - पुलिस की जांच में सामने आया है कि अब तक नशे की तस्करी और ड्रग पैडलिंग के आरोप में 18 से कम उम्र की एक युवती को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, 18 से 25 साल तक की उम्र की 69 महिलाओं को पकड़ा गया है. नशे की तस्करी और ड्रग पैडलिंग में पकड़ी गई सबसे ज्यादा 149 महिलाएं 26 से 40 साल की उम्र की हैं. वहीं, 41 से 60 साल की उम्र की 74 और 61 साल से अधिक उम्र की दो महिलाएं भी नशे की तस्करी और ड्रग पैडलिंग के आरोप में पकड़ी जा चुकी हैं.
पुरुष भी 26 से 40 साल की उम्र के ज्यादा - ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत 18 साल से कम उम्र के 18 किशोर तस्करी या पैडलिंग में पकड़े गए हैं. वहीं, 18 से 25 साल की उम्र के 665, 26 से 40 साल की उम्र के 777, 41 से 60 साल की उम्र के 204 और 61 साल से अधिक उम्र के 24 पुरुष इन मामलों में पकड़े गए हैं.
ऑपरेशन क्लीन स्वीप में 295 महिलाएं गिरफ्तार - जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (संगठित अपराध) सुलेश चौधरी का कहना है कि राजधानी जयपुर में नशे के सौदागरों के खिलाफ साल 2019 में ऑपरेशन क्लीन स्वीप शुरू किया गया. इसके तहत अब तक 1570 मुकदमें दर्ज कर 1983 तस्करों और पैडलर्स को गिरफ्तार किया गया है. इनमें 295 महिलाएं शामिल हैं. इनमें कई महिलाएं ऐसी हैं, जिनपर नशे की तस्करी के आधा दर्जन से लेकर दर्जनभर तक मुकदमे हैं. ये एक बार पकड़े जाने के बाद जमानत पर छूटते ही वापस नशे की तस्करी और ड्रग पैडलिंग से जुड़ जाती हैं.
1.85 करोड़ नकद, 342 वाहन जब्त - नशे के धंधे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अब तक आरोपियों से 1 करोड़, 85 लाख 33 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं. इसके अलावा नशे की तस्करी की वारदात में काम में लिए जा रहे 342 वाहन भी जब्त किए गए हैं. इनमें 106 लग्जरी गाड़ियां, 218 बाइक, एक टाटा मैजिक, दो सवारी ऑटो और 15 बड़े वाहन भी शामिल हैं.
युवाओं में गांजे का चलन, छोटी पुड़िया पर डबल मुनाफा - पुलिस का कहना है कि बड़े तस्कर उड़ीसा, बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों से सस्ते भाव मे गांजा लाकर जयपुर सहित अन्य इलाकों में छोटे तस्करों को 8 हजार रुपए प्रति किलो के भाव मे बेचते हैं. ये लोग इनकी 50-100 ग्राम की पुड़िया बनाकर बेचते हैं. इस पुड़िया की ये मनमानी कीमत वसूल करते हैं. इससे इन्हें करीब दो गुना तक मुनाफा होता है. गांजे का चलन आजकल कॉलेज और स्कूली बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है, जबकि स्मैक का चलन मजदूर वर्ग और अपराधी किस्म के लोगों के बीच ज्यादा है. कई अपराधी वारदात करने से पहले और वारदात के बाद खास तौर पर स्मैक का नशा करते हैं.
परिवार शिफ्ट हुए तस्करी के काम में - पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि पहले अवैध रूप से शराब बेचने और हथकढ़ शराब बनाने वाले परिवारों के लोग अब नशे की तस्करी और ड्रग पैडलिंग के धंधे में भी शामिल हो रहे हैं. नशे की तस्करी और ड्रग पैडलिंग के धंधे में शामिल महिलाएं भी इन्हीं परिवारों से जुड़ी हुई हैं. अब तक जितनी भी महिलाएं तस्करी और पैडलिंग में शामिल पाई गई हैं, उनमें ज्यादातर महिलाएं ऐसे ही परिवारों से जुड़ी हुई हैं.