जयपुर. शिक्षा विभाग ने नो बैग डे की थीम में बदलाव के मद्देनजर हर शनिवार को नए प्रयोग किए जा रहे हैं. शिक्षा सचिव नवीन जैन ने बताया कि नो बैग डे के सही मायने तब ही हैं, जब इसे थीम बेस किया जाए. अब तक नो बैग डे पर थीम की कमी थी. लेकिन शिक्षा विभाग के साथ बातचीत करते हुए पहले गुड टच बैड टच, रोड सेफ्टी, तंबाकू निषेध के खिलाफ मुहिम छेड़ी.
उन्होने कहा कि स्कूल के अंदर भी कुछ फैसिलिटी ऐसी हैं जिसमें इंप्रूवमेंट होना चाहिए. इसमें सबसे पहले लाइब्रेरी और लैब आती है. बीते दिनों अधिकारियों ने स्कूलों का निरीक्षण किया, उसमें सामने आया की लाइब्रेरी और लैब में काफी कमी है. इसलिए पहले लाइब्रेरी डे मनाया गया तो स्कूलों की लाइब्रेरी के हालात सुधरे थे. साइंस और जियोग्राफी की लैब की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस वीक में स्कूलों की लैब में काफी सारे सुधार किए गए हैं, जिसमें नए इक्विपमेंट खरीदने, साफ सफाई जैसे काम हुए. लैब असिस्टेंट दोबारा वर्किंग करते दिखे, जो काम महीनों और सालों से पेंडिंग पड़ा था, उसे एक झटके में करने के लिए लैब डे अच्छा साबित हुआ है .
कई स्कुलों में लैब की सुविधा ही नहीं: ब्रह्मपुरी स्थित रथखाना स्कूल की प्राचार्य सुमन बाला शर्मा ने कहा कि कुछ स्कूल ऐसे हैं, जहां लैब ही नहीं हैं. उनका स्कूल भी ऐसे ही स्कूलों में शामिल है. फिर भी जो छात्र साइंस स्ट्रीम के हैं वो यदि प्रैक्टिकल नहीं करेंगे तो समझ ही नहीं पाएंगे. ऐसे में लैब डे एक सफल पहल कही जा सकती है. क्योंकि जो बच्चे प्रैक्टिकल कर पाएंगे वो थ्योरी में भी अच्छा काम कर पाएंगे.
शिक्षा सचिव नवीन जैन ने स्पष्ट किया कि कुछ स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है. उसका एक कारण स्कूलों का क्रमोन्नत होना भी है. स्कूलों में क्लासेस की संख्या बढ़ी है, लेकिन उस हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर आगे नहीं बढ़ पाया. कुछ जगह कमरों की कमी है. लेकिन डबल शिफ्ट और एडजस्टमेंट के जरिए जहां साइंस के स्टूडेंट है वहां लैब की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश भर में ऐसे 800 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं, जहां साइंस है. सरकार से निवेदन करेंगे कि बजट में साइंस फैकल्टी वाले स्कूलों में प्राथमिकता पर लैब बनाई जाए. शिक्षा विभाग इसका पूरा ड्राफ्ट भी तैयार कर रहा है. उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी और लैब डे के बाद स्मार्ट क्लास रूम, आईसीटी लैब, मिड डे मील जैसी विभागीय व्यवस्था का एक-एक दिन सेलिब्रेट किया जा सकता है.
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झालावाड़ में भी मनाया गया ‘लैब डे’: राज्य सरकार ने प्रयोगशालाओं के माध्यम से प्रभावी शिक्षण एवं विद्यार्थियों के सीखने के अवसरों में वृद्धि के उद्देश्य से ‘लैब डे’ मनाने का निर्णय लिया था. स्कूली बच्चों ने प्रयोगशाला में नए प्रयोग किए और लैब डे को कारगर दिन बताया स्कूली बच्चों ने कहा कि प्रयोगशालाएं विद्यार्थियों में विषय के प्रति रुचि जागृत करती हैं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी विकसित करती हैं. इस दौरान स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर राजेश बेरवा ने कहा कि विज्ञान शिक्षण में प्रयोगशालाए बैकबोन कहलाती हैं.