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जानिए आखिर क्यों साईं कुत्ते का रूप लेकर पहुंचे भक्त के घर - Sai came to the devotee

गुरुवार का दिन साईं बाबा का दिन माना जाता है. ऐसा माना जाता है की भगवान और गुरु तो सच्चे प्रेम से ही खुश हो जाते हैं. साईं बाबा के चमत्कारिक कहानियों के पीछे जीवन से जुड़ी कोई न कोई सीख है. कुछ ऐसी ही कहानियां आज हम हमको बताएंगे.

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Published : Sep 19, 2019, 8:03 AM IST

जयपुर. एक बार साईं के एक भक्त ने साईं बाबा को भोजन के लिए घर पर बुलाया. समय से पहले ही साईं बाबा कुत्ते का रूप धारण करके भक्त के घर पहुंच गए. साईं के भक्त ने अनजाने में चूल्हे में जलती हुई लकड़ी से कुत्ते को मारकर भगा दिया. इसके बाद जब साईं बाबा नहीं आए, तो उनका भक्त घर पर जा पहुंचा. तब बाबा मुस्कुराये और कहा 'मैं तो तुम्हारे घर भोजन के लिए आया था. लेकिन तुमने जलती हुई लकड़ी से मारकर मुझे भगा दिया.' साईं का भक्त अपनी भूल पर पछताने लगा और उनसे माफी मांगी. साईं बाबा ने स्नेह पूर्वक उसकी भूल को क्षमा कर दिया.

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चमत्कारिक का है साईं की भक्ति

भिक्षा को जीवों के साथ बांटकर खाते थे साईं

शिरडी के लोग शुरू में साईं बाबा को पागल समझते थे. लेकिन धीरे-धीरे उनकी शक्ति और गुणों को जानने के बाद भक्तों की संख्या बढ़ती गई. साईं बाबा शिरडी के केवल पांच परिवारों से रोज दिन में दो बार भिक्षा मांगते थे. वे टीन के बर्तन में तरल पदार्थ और कंधे पर टंगे हुए कपड़े की झोली में रोटी और ठोस पदार्थ इकट्ठा किया करते थे. सभी सामग्रियों को वे द्वारिका माई लाकर मिट्टी के बड़े बर्तन में मिलाकर रख देते थे. यहां कुत्ते, बिल्लियां, चिड़िया सभी आकर उस खाने का कुछ अंश खा लेते थे. इतना ही नहीं बची हुए भिक्षा को साईं बाबा भक्तों के साथ मिल बांट कर खाया करते थे.

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गुरुवार के दिन करे साईं की पूजा

पढ़ें- तबरेज मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड पुलिस का यू टर्न, हार्ट अटैक नहीं पिटाई है मौत की वजह

स्नान करके साईं बाबा की मूरत या फोटो को सबसे पहले पानी, दूध और दही के मिश्रण से स्नान करना चाहिए. फिर साफ पानी से पुनः स्नान कराकर साफ रेशमी कपड़े से धीरे-धीरे पोछना चाहिए. 2 दीपक साईं बाबा के आगे घी से जलाने चाहिए. दीपक में घी इतना डाले की वो कम से कम 20 मिनट तक जल सके. श्री साई सत्चरित्र का फिर पाठ करे या बाबा साईं के बारे में दिल से मनन करे. फिर साई बाबा के 108 नाम वाली नामवाली का पाठ भी करें.

पढ़ें- जयपुरः मेयर के औचक निरीक्षण में फिर 200 कर्मचारी और 21 अधिकारी मिले अनुपस्थित

साई बाबा के मंत्रो का उच्चारण करे. जय-जय साईं राम साईं राम हरे हरे या ॐ साईं नाथाय नमः ॐ श्री शिर्डी देवाय नमः का जाप करें. बाबा को फिर भोजन फ्रूट अर्पित करें. वहीं भोजन अर्पण के बाद आप प्रसाद ले लें और बचे हुए भोजन को गाय कुत्ते और अन्य जीवों में बांट दें.

जयपुर. एक बार साईं के एक भक्त ने साईं बाबा को भोजन के लिए घर पर बुलाया. समय से पहले ही साईं बाबा कुत्ते का रूप धारण करके भक्त के घर पहुंच गए. साईं के भक्त ने अनजाने में चूल्हे में जलती हुई लकड़ी से कुत्ते को मारकर भगा दिया. इसके बाद जब साईं बाबा नहीं आए, तो उनका भक्त घर पर जा पहुंचा. तब बाबा मुस्कुराये और कहा 'मैं तो तुम्हारे घर भोजन के लिए आया था. लेकिन तुमने जलती हुई लकड़ी से मारकर मुझे भगा दिया.' साईं का भक्त अपनी भूल पर पछताने लगा और उनसे माफी मांगी. साईं बाबा ने स्नेह पूर्वक उसकी भूल को क्षमा कर दिया.

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चमत्कारिक का है साईं की भक्ति

भिक्षा को जीवों के साथ बांटकर खाते थे साईं

शिरडी के लोग शुरू में साईं बाबा को पागल समझते थे. लेकिन धीरे-धीरे उनकी शक्ति और गुणों को जानने के बाद भक्तों की संख्या बढ़ती गई. साईं बाबा शिरडी के केवल पांच परिवारों से रोज दिन में दो बार भिक्षा मांगते थे. वे टीन के बर्तन में तरल पदार्थ और कंधे पर टंगे हुए कपड़े की झोली में रोटी और ठोस पदार्थ इकट्ठा किया करते थे. सभी सामग्रियों को वे द्वारिका माई लाकर मिट्टी के बड़े बर्तन में मिलाकर रख देते थे. यहां कुत्ते, बिल्लियां, चिड़िया सभी आकर उस खाने का कुछ अंश खा लेते थे. इतना ही नहीं बची हुए भिक्षा को साईं बाबा भक्तों के साथ मिल बांट कर खाया करते थे.

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गुरुवार के दिन करे साईं की पूजा

पढ़ें- तबरेज मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड पुलिस का यू टर्न, हार्ट अटैक नहीं पिटाई है मौत की वजह

स्नान करके साईं बाबा की मूरत या फोटो को सबसे पहले पानी, दूध और दही के मिश्रण से स्नान करना चाहिए. फिर साफ पानी से पुनः स्नान कराकर साफ रेशमी कपड़े से धीरे-धीरे पोछना चाहिए. 2 दीपक साईं बाबा के आगे घी से जलाने चाहिए. दीपक में घी इतना डाले की वो कम से कम 20 मिनट तक जल सके. श्री साई सत्चरित्र का फिर पाठ करे या बाबा साईं के बारे में दिल से मनन करे. फिर साई बाबा के 108 नाम वाली नामवाली का पाठ भी करें.

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साई बाबा के मंत्रो का उच्चारण करे. जय-जय साईं राम साईं राम हरे हरे या ॐ साईं नाथाय नमः ॐ श्री शिर्डी देवाय नमः का जाप करें. बाबा को फिर भोजन फ्रूट अर्पित करें. वहीं भोजन अर्पण के बाद आप प्रसाद ले लें और बचे हुए भोजन को गाय कुत्ते और अन्य जीवों में बांट दें.

Intro:जयपुर



एंकर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चांदपोल से बड़ी चैपड़ के बीच निर्माणाधीन जयपुर मेट्रो के फेज वन-बी को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस भूमिगत मेट्रो के ट्रायल रन को शीघ्र प्रारंभ कर इसे यात्रियों के लिए शुरू किया जाए। सीएम गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जयपुर मेट्रो को लेकर समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने ही मानसरोवर से चांदपोल के बीच मेट्रो के फेज वन-ए को रिकाॅर्ड समय में पूरा कर जयपुर को मेट्रो के रूप में सार्वजनिक परिवहन की एक नई सौगात दी थी। हमें इस बात का गौरव है कि जयपुर देश का एकमात्र अग्रणी टियर-टू शहर था जहां किसी राज्य सरकार ने अपने संसाधनों के बूते मेट्रो सेवा शुरू की थी। दुर्भाग्य से हमारी सरकार के जाने के बाद फेज वन-बी को अपेक्षानुरूप गति नहीं मिल पाई और जो प्रोजेक्ट 2016 में पूरा होना था वह अब तक चल रहा है। हमारी सरकार ने जयपुरवासियों की सुविधा को देखते हुए इसे गति दी है। जल्द ही इसका काम पूरा होगा। सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि जयपुर मेट्रो के आगामी चरण तथा इसके विस्तार के लिए भी प्रयास किए जाएं। इससे जयपुर में यातायात का बढ़ते दबाव को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और आमजन को बेहतर सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिल सकेगी। मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक में सीतापुरा से अम्बाबाड़ी के बीच मेट्रो के फेज-द्वितीय का विस्तृत प्रस्तुतीकरण देखा। साथ ही फेज-वन बी के चल रहे कार्यों के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली और कहा कि इसका काम जल्द पूरा करें ताकि मेट्रो की कनेक्टिविटी बेहतर हो और चारदीवारी में आवागमन सुचारू हो। बैठक में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, वित्त, आयोजना तथा जयपुर मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहें।Body:ViConclusion:Vo
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