जयपुर. मंडावा विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद निकाय चुनाव में भी कांग्रेस से पिछड़ी भारतीय जनता पार्टी इस हार के कारणों को लेकर चिंतन और मंथन के दौर से गुजर रही है. पार्टी के नेता इस हार के कारणों पर खुलकर बोलने से तो बच रहे हैं लेकिन कुछ नेता ऐसे हैं जो पार्टी के भीतर चल रही आंतरिक कलह को इसका प्रमुख कारण मानते हैं.
हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक कैलाश मेघवाल और उसके बाद राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के बयान इसी ओर इशारा कर रहे हैं. कैलाश मेघवाल के बाद अब किरोड़ी लाल मीणा ने निकाय चुनाव में अधिकतर स्थानों पर बीजेपी की हार का प्रमुख कारण पार्टी नेताओं के बीच आपसी झगड़ा और गलत टिकट वितरण करार दिया है.
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मीणा ने कहा की पार्टी में हल्की-फुल्की आपसी लड़ाईयां थी और टिकट वितरण में धड़ेबाजी हुई, जिसकी वजह से ऐसे परिणाम आए लेकिन गलतियों को सुधार लेंगे. किरोड़ी लाल मीणा ने बड़े ही सधे हुए शब्दों में अपने मन की बात मीडिया के सामने रख दी.
लेकिन वह भूल गए कि उनकी ओर से दिया गया यह बयान सीधे तौर पर पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के कामकाज और कार्यशैली पर सवालिया निशान है. क्योंकि नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सतीश पूनिया पार्टी के एकजुट होने का दावा करते हैं लेकिन मीणा पार्टी में आपसी झगड़े का बयान देकर सबको चौंका रहे हैं.