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राजस्थान में फिर भड़क सकती है आरक्षण की 'आग', 17 अक्टूबर को महापंचायत

राजस्थान में एक बार फिर से एमबीसी आरक्षण की आग भड़कने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने आगामी 17 अक्टूबर को मलारना डूंगर में महापंचायत बुलाई है.

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17 अक्टूबर को कर्नल बैंसला ने बुलाई महापंचायत
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Published : Oct 4, 2020, 6:05 PM IST

जयपुर. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी है. कर्नल बैंसला ने हाल ही में राज्य सरकार द्वारा एमबीसी आरक्षण मसले में कैबिनेट सब कमेटी के पुनर्गठन को लेकर भी कहां कि हमने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कमेटी का गठन उसके बाद हुआ अब कमेटी से हम क्या चर्चा करें. बैंसला ने कहा कि हमारी मांगें सरकार की जानकारी में है, इसलिए कैबिनेट सब कमेटी और सदस्यों से चर्चा का कोई औचित्य नहीं रहता.

बैंसला ने बुलाई महापंचायत

वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला और भूरा भगत भी मौजूद रहे. विजय बैंसला ने बताया कि आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से समाज में जबरदस्त आक्रोश है. विजय सिंह के कहा कि हमारी मांगों को लेकर हम पूर्व में मुख्यमंत्री से चार बार मुलाकात कर चुके हैं. मुख्य सचिव और अधिकारियों के साथ तीन मार्च को बैठक भी कर चुके हैं और बैठक के दौरान एमबीसी आरक्षण को लेकर तमाम मांगें भी रखी गई. ऐसे में सब कमेटी के समक्ष जाकर वापस से उन्हें दोहराने का कोई औचित्य नहीं है. बैंसला ने कहा कि हम वही मांग कर रहे हैं जिसे देने का वादा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी किया था.

ये भी पढ़ें: धौलपुर: ग्राम पंचायत बरा में उपद्रव के बाद हालात सामान्य, कलेक्टर-एसपी के नेतृत्व में उपसरपंच का चुनाव संपन्न

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की ये हैं प्रमुख मांगें...

साल 2011 से जो 4 प्रतिशत एमबीसी में रिजर्व पद रखे गए हैं उनकी भर्ती की मांग की जा रही है. ऑन गोइंग भर्तियों में 5 प्रतिशत एमबीसी आरक्षण का लाभ दिया जाए की भी मांग है. कर्नल बैंसला के मुताबिक, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इस समाज से जो वादे किए थे वह पूरे करे. वहीं केंद्र सरकार को एमबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भेजे गए पत्र पर तुरंत कार्रवाई करने की भी मांग शामिल है. आरक्षण संघर्ष समिति की इन मांगों को लेकर राज्य सरकार को 15 दिन और केंद्र सरकार को 1 महीने का का अल्टीमेटम दिया गया था जो अब पूरा हो गया है.

जयपुर. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी है. कर्नल बैंसला ने हाल ही में राज्य सरकार द्वारा एमबीसी आरक्षण मसले में कैबिनेट सब कमेटी के पुनर्गठन को लेकर भी कहां कि हमने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कमेटी का गठन उसके बाद हुआ अब कमेटी से हम क्या चर्चा करें. बैंसला ने कहा कि हमारी मांगें सरकार की जानकारी में है, इसलिए कैबिनेट सब कमेटी और सदस्यों से चर्चा का कोई औचित्य नहीं रहता.

बैंसला ने बुलाई महापंचायत

वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला और भूरा भगत भी मौजूद रहे. विजय बैंसला ने बताया कि आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से समाज में जबरदस्त आक्रोश है. विजय सिंह के कहा कि हमारी मांगों को लेकर हम पूर्व में मुख्यमंत्री से चार बार मुलाकात कर चुके हैं. मुख्य सचिव और अधिकारियों के साथ तीन मार्च को बैठक भी कर चुके हैं और बैठक के दौरान एमबीसी आरक्षण को लेकर तमाम मांगें भी रखी गई. ऐसे में सब कमेटी के समक्ष जाकर वापस से उन्हें दोहराने का कोई औचित्य नहीं है. बैंसला ने कहा कि हम वही मांग कर रहे हैं जिसे देने का वादा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी किया था.

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गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की ये हैं प्रमुख मांगें...

साल 2011 से जो 4 प्रतिशत एमबीसी में रिजर्व पद रखे गए हैं उनकी भर्ती की मांग की जा रही है. ऑन गोइंग भर्तियों में 5 प्रतिशत एमबीसी आरक्षण का लाभ दिया जाए की भी मांग है. कर्नल बैंसला के मुताबिक, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इस समाज से जो वादे किए थे वह पूरे करे. वहीं केंद्र सरकार को एमबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भेजे गए पत्र पर तुरंत कार्रवाई करने की भी मांग शामिल है. आरक्षण संघर्ष समिति की इन मांगों को लेकर राज्य सरकार को 15 दिन और केंद्र सरकार को 1 महीने का का अल्टीमेटम दिया गया था जो अब पूरा हो गया है.

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