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जयपुर: महानवमी पर कन्या पूजन का चला दौर, बालिकाओं के पैर धोकर बांधा कलावा

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Published : Oct 7, 2019, 8:36 PM IST

जयपुर में नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी पर कन्या पूजन किया गया. इस दौरान कहीं 1100 तो कहीं 101 कन्याओं का दुर्गा का स्वरूप मानते हुए पूजन किया गया. साथ ही कन्याओं के पैरों को धोकर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए उनके हाथों में कलावा बांधा गया.

महानवमी पर कन्या पूजन, kanya poojan on navmi

जयपुर. राजधानी में नवरात्रि के आखिरी दिन यानी महानवमी को कन्या पूजन किया गया. जहां शुभ मुहूर्त में सुबह 9.10 से 12.05 बजे तक कन्या पूजन का दौर चला. जिसमें कंजकों में 10 वर्ष तक कि बच्चियों को आसन पर विराजमान करवाकर उनको दुर्गा का स्वरूप मानते हुए पूजन किया गया. इस परंपरा को कुमारी पूजन भी कहा जाता है.

महानवमी पर कन्या पूजन का चला दौर

वहीं शहर में आध्यात्मिक संस्था प्रतापनगर सोसायटी की ओर से नवरात्रि पूजन में देवी माता के 9 अवतारों के रूप का कन्या पूजन किया गया. प्रताप नगर सामुदायिक केंद्र पर हुए कार्यक्रम में बंगाली समाज के लोगों ने कन्याओं का विधिवत पूजन कर आशीर्वाद लिया. साथ ही कन्याओं का आवभगत कर उनको भोजन करवाया. इस दौरान संस्थान अध्यक्ष मनोज रॉय ने महानवमी पूजा और विजयदशमी पूजा भी की.

पढ़ें: मुझे और किसी पद की जरूरत नहीं : मंत्री हरीश चौधरी

इसी कड़ी में ज्योतिराव संस्थान में 'कुमारिका वंदन' का आयोजन किया गया. जिसमें करीब 2000 कन्याओं ने एक साथ मां दुर्गा की पूजा की. जहां सभी कन्याओं के पैरों को धोकर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए उनके हाथों में कलावा बांधा गया. जिसके बाद अक्षत और कुमकुम से उनको तिलक लगाया गया. उसके बाद उन्हें मां के प्रसाद के रूप में बनाए गए चने और हलवे का भोजन करवाया गया. साथ ही सामर्थ्य के अनुसार उन्हें कुछ न कुछ दक्षिणा स्वरूप राशि भी दी गई.

जयपुर. राजधानी में नवरात्रि के आखिरी दिन यानी महानवमी को कन्या पूजन किया गया. जहां शुभ मुहूर्त में सुबह 9.10 से 12.05 बजे तक कन्या पूजन का दौर चला. जिसमें कंजकों में 10 वर्ष तक कि बच्चियों को आसन पर विराजमान करवाकर उनको दुर्गा का स्वरूप मानते हुए पूजन किया गया. इस परंपरा को कुमारी पूजन भी कहा जाता है.

महानवमी पर कन्या पूजन का चला दौर

वहीं शहर में आध्यात्मिक संस्था प्रतापनगर सोसायटी की ओर से नवरात्रि पूजन में देवी माता के 9 अवतारों के रूप का कन्या पूजन किया गया. प्रताप नगर सामुदायिक केंद्र पर हुए कार्यक्रम में बंगाली समाज के लोगों ने कन्याओं का विधिवत पूजन कर आशीर्वाद लिया. साथ ही कन्याओं का आवभगत कर उनको भोजन करवाया. इस दौरान संस्थान अध्यक्ष मनोज रॉय ने महानवमी पूजा और विजयदशमी पूजा भी की.

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इसी कड़ी में ज्योतिराव संस्थान में 'कुमारिका वंदन' का आयोजन किया गया. जिसमें करीब 2000 कन्याओं ने एक साथ मां दुर्गा की पूजा की. जहां सभी कन्याओं के पैरों को धोकर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए उनके हाथों में कलावा बांधा गया. जिसके बाद अक्षत और कुमकुम से उनको तिलक लगाया गया. उसके बाद उन्हें मां के प्रसाद के रूप में बनाए गए चने और हलवे का भोजन करवाया गया. साथ ही सामर्थ्य के अनुसार उन्हें कुछ न कुछ दक्षिणा स्वरूप राशि भी दी गई.

Intro:नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी पर कन्या पूजन किया गया. इस दौरान कही 1100 तो कही 101 कन्याओं का दुर्गा का स्वरूप मानते हुए पूजन किया गया. साथ ही कन्याओं के पैरों को धोकर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए उनके हाथों में कलावा बांधा गया


Body:जयपुर : छोटी कांशी के नाम से विख्यात जयपुर शहर में नवरात्रि के आखिरी दिन यानी महानवमी को कन्या पूजन किया गया. जहां शुभ मुहूर्त में सुबह 9.10 बजे से 12.05 बजे तक कन्या पूजन का दौर चला. जिसमें कंजकों में 10 वर्ष तक कि बच्चियों को आसन पर विराजमान करवाकर उनको दुर्गा का स्वरूप मानते हुए पूजन किया गया. इस परंपरा को कुमारी पूजन भी कहा जाता है. वही शहर में आध्यात्मिक संस्था प्रतापनगर सोसायटी द्वारा नवरात्रि पूजन में देवी माता के 9 अवतारों का रूप में कन्या पूजन किया गया. प्रताप नगर सामुदायिक केंद्र पर हुए कार्यक्रम में बंगाली समाज के लोगों ने कन्याओं का विधिवत पूजन कर आशीर्वाद लिया. साथ ही कन्याओं का आवभगत कर उनको भोजन करवाया. इस दौरान संस्थान अध्यक्ष मनोज रॉय ने महानवमी पूजा और विजयदशमी पूजा भी की. साथ ही महोत्सव प्रतियोगिता के तहत प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित भी किया. वही इसी कड़ी में ज्योतिराव संस्थान में 'कुमारिका वंदन' का आयोजन किया गया. जिसमें करीब 2000 कन्याओं ने एक साथ मां दुर्गा की पूजा की. जहां सभी कन्याओं के पैरों को धोकर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए उनके हाथों में कलावा बांधा गया. फिर अक्षत और कुमकुम से उनको तिलक लगाया गया. उसके बाद उन्हें मां का प्रसाद के रूप में बनाए गए चने और हलवे का भोजन करवाया गया. जिसके बाद सामर्थ्य के अनुसार उन्हें कुछ न कुछ दक्षिणा स्वरूप राशि भी दी गई. बाइट 1- मनोज रॉय, अध्यक्ष, आध्यात्मिक संस्था प्रतापनगर सोसायटी बाइट 2- निर्मल पंवार, अध्यक्ष, MJRPU


Conclusion:।
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