जयपुर. पांच दिवसीय जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का 15वां संस्करण मंगलवार को सम्पन्न हो (JIFF 2023 concluded) गया. कुल मिलाकर इस पांच दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में 83 देशों की 282 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई. कोरोना की दहशत के बाद बेखौफ माहौल में इस बार बड़ी संख्या में फिल्म जगत से जुड़े लोग जुटे. इस दौरान देश-विदेश के फिल्मकारों और अभिनेताओं ने जिफ में शिरकत की.
हनु रोज ने बताया कि चीन में कोरोना फिर से फैलने की वजह से जिफ के आयोजन को लेकर आशंकित (Events in JIFF 2023) थे. लेकिन फिल्मकारों से मिले सुझाव और समर्थन के आधार पर उन्होंने आयोजन में दुनियाभर के फिल्मकारों को आमंत्रित किया. इस बार आयोजन में पांच हजार सिने प्रेमियों और 800 फिल्म निर्माता-निर्देशकों ने शिरकत की. इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि साल 2024 में 5 जनवरी से जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 16वें संस्करण का आयोजन किया जाएगा.
पढ़ें. JIFF 2023: इरफान खान के नाम रही फिल्म फेस्टिवल की शाम, बेटे बाबिल ने शेयर की यादें
राजस्थान की 16 फिल्मों की स्क्रीनिंग : जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दौरान राजस्थान के सक्रिय और चर्चित 16 फिल्मकारों (Screening of 16 films from Rajasthan) की फिल्मों की भी स्क्रीनिंग की गई. इनमें तीन राजस्थानी भाषा की फुल लेंथ फिल्मों में नीरज खंडेलवाल की मिंजर, दीपांकर प्रकाश की नानेरा, अनिल भूप की सुभागी और हेमंत सीरवी की हिंदी फिल्म गोडलिया समेत 12 शॉर्ट कैटेगरी की फिल्में शामिल हैं. इसके अलावा इस बार जिफ में मानसिक योग थीम पर कई फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई है. जिफ के आयोजक हनु रोज ने कहा कि समाज और दुनिया में इस समय विभाजन और मानसिक तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है. ऐसे में हम फिल्मों के जरिए लोगों को मानसिक योग और सुकून की अनुभूति देने की कोशिश कर रहे हैं. फिल्म फेस्टिवल के बाद अब जिफ ऐसी फिल्मों को प्रोत्साहित करने का अभियान भी चलाएगा.
पढ़ें. JIFF 2023 का आगाज: अपर्णा सेन को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, 80 फिल्मों को दिए गए 122 अवॉर्ड
सिने प्रेमियों को खूब भाया जिफ : जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के समापन वाले दिन यूनाइटेड किंगडम से आई फिलिप्पा फ्रिस्बी ने बताया कि जिफ एक अनोखा मंच है, जो नए फिल्म मेकर और लेखकों को मौका देता है. उन्होंने कहा कि फेस्टिवल में अलग-अलग कलाकारों से मिलना, अलग कल्चर को जानना सच में बहुत अद्भुत लगा. अलग-अलग भाषाओं की बनी फिल्म को देखना और नए कलाकारों की अदाकारी को देखना अच्छा अनुभव रहा.
मध्य प्रदेश के जबलपुर से आए वैभव पाठक ने बताया कि जिफ एक शानदार मंच है. यहां वो अपने एक मित्र की फिल्म स्क्रीनिंग में आए थे. फेस्टिवल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि फेस्टिवल का आगाज बहुत क्लासिकल रहा है. फेस्टिवल के चौथे दिन रविंद्र उपाध्याय की आवाज ने बहुत सुकून दिया. उन्होंने बताया सोनाली बेंद्रे, बाबिल खान, पंकज पराशर और कमलेश पांडेय को सुनना बहुत अच्छा लगा. विदेशी फिल्मों के साथ-साथ देश की अलग-अलग भाषाओं तेलुगू, मलयालम और राजस्थानी की फिल्में देखना मुझे बहुत सुखद लगा.