जयपुर. शिक्षक भर्ती पेपर लीक के आरोपियों के अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर जेडीए अपीलीय अधिकरण ने जेडीए से 13 जनवरी तक जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अधिकरण ने तब तक संबंधित निर्माण को ध्वस्त नहीं करने को कहा है.
अधिकरण ने यह आदेश आरोपी भूपेंद्र सारण की पत्नी एलची सारण व गोपाल सारण और उसकी पत्नी इंदु बाला की अपील पर दिए. इससे पूर्व हाईकोर्ट ने भूपेन्द्र सारण और गोपाल सारण की याचिका पर सुनवाई करते हुए जेडीए अधिकरण को स्टे प्रार्थना पत्र पर त्वरित सुनवाई करने को कहा. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि प्रकरण अधिकरण के समक्ष लंबित है. ऐसे में याचिकाकर्ता वहां अपना पक्ष रखें और अधिकरण स्टे प्रार्थना पत्र को तत्परता से निस्तारण करें.
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हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि जेडीए अधिकरण ने स्टे प्रार्थना पत्र पर बहस सुन ली है, लेकिन उस पर आदेश नहीं दिया है. इसके अलावा जेडीए यह कार्रवाई मनमाने तरीके से कर रहा है. उनका मकान 142 वर्ग गज में बना है और जेडीए ने गत 10 जनवरी को दिए अपने नोटिस में पेपर लीक का हवाला देते हुए तीन दिन का समय दिया है. जेडीए ने यह नहीं बताया है कि अवैध निर्माण क्या है और यदि अवैध निर्माण है, तो याचिकाकर्ता उसे अपने स्तर पर हटाने को तैयार है. याचिकाकर्ताओं की पत्नियां जेल में हैं और घर में गहने, नकदी आदि रखे हुए हैं. जिसका ध्यान रखने वाला कोई नहीं है. ऐसे में जेडीए के नोटिस पर रोक लगाई जाए.
वहीं जेडीए की ओर से अधिवक्ता युवराज सामंत और एएजी अनिल मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की पत्नियों ने नोटिस को जेडीए अधिकरण में चुनौती दे रखी है. इसके अलावा जेडीए को अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने का अधिकार है और इसके तहत विधिवत रूप से नोटिस जारी किया गया है. इस पर अदालत ने कहा कि अधिकरण में प्रकरण लंबित है तो कोर्ट उस पर सुनवाई नहीं कर रही है. अधिकरण मामले पर त्वरित सुनवाई करें और याचिकाकर्ता उस आदेश के खिलाफ अपने कानूनी अधिकार उपयोग में ला सकते हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद जेडीए अधिकरण ने जेडीए से 13 जनवरी तक जवाब मांगते हुए एक दिन के लिए अपीलार्थियों को राहत दे दी है.