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Special : राजधानी में फिर चला JDA का 'पीला पंजा'...अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ खोला मोर्चा

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Published : Dec 30, 2020, 10:36 PM IST

जयपुर शहर में बस रही अवैध कॉलोनियों की जांच के लिए अब कमेटी बनाकर जोनवार निरीक्षण और मौका मुआयना किया जाएगा. इसके लिए एक खाका तैयार करके JDA को सौंपा जाएगा. प्रवर्तन शाखा अवैध निर्माण को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई कर रहा है. देखिये जयपुर से ये रिपोर्ट...

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राजधानी जयपुर में फिर चला JDA का पीला पंजा

जयपुर. शहर में बस रही अवैध कॉलोनियों की वास्तविकता की जांच के लिए कमेटी बनाकर जोनवार निरीक्षण और मौका मुआयना अब किया जाएगा. इसके लिए एक खाका तैयार कर जेडीए को सौंपा जाएगा और फिर अवैध निर्माण करने वालों पर कर्रवाई की जाएगी. शहर में भवन विनियम के विरुद्ध निर्माण ना हो, इसके लिए जेडीए के प्रवर्तन शाखा को इसी साल अक्टूबर में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी.

अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई

प्रवर्तन शाखा ने अवैध निर्माण या अतिक्रमण को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई की. पिछले कुछ महीनों में जेडीए द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाया जा चुका है. अवैध निर्माण को हटाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना कर कार्रवाई की जा रही है.

जीरो टॉलरेंस की नीति अपना कर कार्रवाई...

जयपुर शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेटबैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन करने की सैकड़ों शिकायतों के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण ने कमर कसी है. खुद जेडीसी गौरव गोयल ने मोर्चा संभाला है और प्रवर्तन शाखा को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं. अवैध निर्माण और अतिक्रमण को जिन तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई की जा रही है उसे भी समझिए.

कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने वालों पर होगी कार्रवाई...

JDA के मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी की मानें तो शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्रवाई की जा रही है. अब फ्लैट्स, व्यवसायिक कांपलेक्स के अवैध निर्माणों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा रहा है. इसके अलावा अभियान के रूप में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. यही नहीं अब अगर कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाई जाती है तो संबंधित लोगों के खिलाफ राजस्थान टीनेंसी एक्ट की धारा 175 के तहत उपखंड अधिकारी के यहां खातेदारी निरस्त करने की अपील की जाती है.

ये भी पढ़ें: Special : कंपकंपाती ठंड...फुटपाथ पर आशियाना...फिर भी नहीं पसीज रहा सरकार का दिल

ये भी पढ़ें: Special: ग्राहकों को रुलाने के बाद अब किसानों को रुला रहा प्याज, दोहरी मार झेल रहा अन्नदाता

अवैध कॉलोनियों का सर्वे करने के लिए जोनवार कमेटी का गठन...

जेडीसी गौरव गोयल ने प्राधिकरण क्षेत्राधिकार में बिना सक्षम स्वीकृति और अनुमोदन के बसाए जाने वाली अवैध कॉलोनियों का सर्वे करने के लिए जोनवार कमेटी का गठन करने के भी निर्देश दिए हैं. जोन उपायुक्त की अध्यक्षता में अधिशासी अभियंता और प्रवर्तन अधिकारी की कमेटी निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करेगी और इसी के अनुसार अवैध रूप से बसाई जा रही कॉलोनियों पर कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जयपुर शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेट बैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन करने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

जेडीए द्वारा की जा रही इस कार्रवाई के बाद से अतिक्रमण और अवैध निर्माण करने वालों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. प्रशासन लगातार राजधानी में ऐसे में निर्माण तलाश रहा है जहां पर कार्रवाई की जा सके. प्रथम श्रेणी में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है.

लगभग 276.5 बीघा सरकारी जमीन हुई अतिक्रमण मुक्त...

इसके तहत जीरो टॉलरेंस के साथ यह कार्रवाई की गई है, जिसमें लगभग 276.5 बीघा सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है. इसी तरह से द्वितीय श्रेणी में नियमों में हेराफेरी कर निर्माण करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत अब तक 133 से ज्यादा अवैध फ्लैट सील किए जा चुके हैं. वहीं तृतीय श्रेणी में कृषि भूमि पर निर्माण की गई 71 अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया जा चुका है.

जयपुर. शहर में बस रही अवैध कॉलोनियों की वास्तविकता की जांच के लिए कमेटी बनाकर जोनवार निरीक्षण और मौका मुआयना अब किया जाएगा. इसके लिए एक खाका तैयार कर जेडीए को सौंपा जाएगा और फिर अवैध निर्माण करने वालों पर कर्रवाई की जाएगी. शहर में भवन विनियम के विरुद्ध निर्माण ना हो, इसके लिए जेडीए के प्रवर्तन शाखा को इसी साल अक्टूबर में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी.

अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई

प्रवर्तन शाखा ने अवैध निर्माण या अतिक्रमण को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई की. पिछले कुछ महीनों में जेडीए द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाया जा चुका है. अवैध निर्माण को हटाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना कर कार्रवाई की जा रही है.

जीरो टॉलरेंस की नीति अपना कर कार्रवाई...

जयपुर शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेटबैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन करने की सैकड़ों शिकायतों के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण ने कमर कसी है. खुद जेडीसी गौरव गोयल ने मोर्चा संभाला है और प्रवर्तन शाखा को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं. अवैध निर्माण और अतिक्रमण को जिन तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई की जा रही है उसे भी समझिए.

कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने वालों पर होगी कार्रवाई...

JDA के मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी की मानें तो शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्रवाई की जा रही है. अब फ्लैट्स, व्यवसायिक कांपलेक्स के अवैध निर्माणों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा रहा है. इसके अलावा अभियान के रूप में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. यही नहीं अब अगर कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाई जाती है तो संबंधित लोगों के खिलाफ राजस्थान टीनेंसी एक्ट की धारा 175 के तहत उपखंड अधिकारी के यहां खातेदारी निरस्त करने की अपील की जाती है.

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अवैध कॉलोनियों का सर्वे करने के लिए जोनवार कमेटी का गठन...

जेडीसी गौरव गोयल ने प्राधिकरण क्षेत्राधिकार में बिना सक्षम स्वीकृति और अनुमोदन के बसाए जाने वाली अवैध कॉलोनियों का सर्वे करने के लिए जोनवार कमेटी का गठन करने के भी निर्देश दिए हैं. जोन उपायुक्त की अध्यक्षता में अधिशासी अभियंता और प्रवर्तन अधिकारी की कमेटी निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करेगी और इसी के अनुसार अवैध रूप से बसाई जा रही कॉलोनियों पर कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जयपुर शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेट बैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन करने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

जेडीए द्वारा की जा रही इस कार्रवाई के बाद से अतिक्रमण और अवैध निर्माण करने वालों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. प्रशासन लगातार राजधानी में ऐसे में निर्माण तलाश रहा है जहां पर कार्रवाई की जा सके. प्रथम श्रेणी में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है.

लगभग 276.5 बीघा सरकारी जमीन हुई अतिक्रमण मुक्त...

इसके तहत जीरो टॉलरेंस के साथ यह कार्रवाई की गई है, जिसमें लगभग 276.5 बीघा सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है. इसी तरह से द्वितीय श्रेणी में नियमों में हेराफेरी कर निर्माण करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत अब तक 133 से ज्यादा अवैध फ्लैट सील किए जा चुके हैं. वहीं तृतीय श्रेणी में कृषि भूमि पर निर्माण की गई 71 अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया जा चुका है.

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