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बदलेगा जयपुर टोंक रोड का नाम! भैरो सिंह शेखावत के नाम पर रखने की कवायद, कांग्रेस ने सुझाया आयरन लेडी का नाम

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Published : Dec 21, 2022, 1:36 PM IST

जयपुर नगर निगम के गलियारों से खबर है कि पूर्व उपराष्ट्रपति और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरो सिंह शेखावत ( Tonk Road can be Bhairon Singh Shekhawat Marg) के नाम से राजधानी के एक व्यस्त मार्ग को नगर निगम ग्रेटर समर्पित करने वाला है.

Jaipur Tonk Road will be renamed
टोंक रोड का नाम भैरो सिंह शेखावत के नाम पर रखने की कवायद
टोंक रोड का नाम देश के पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के नाम पर रखने की कवायद

जयपुर. किसी भी शहर में सड़कों का नामकरण राजनेताओं के नाम से होना आम बात है. कई मर्तबा इस नामकरण के पीछे सियासी पैगाम भी छिपे होते हैं. लिहाजा राजनीतिक दल नाम बदलने की कवायद में पीछे नहीं रहते हैं. राजधानी जयपुर में सड़क के नामकरण का मसला फिलहाल सुर्खियों में है. नगर निगम के गलियारों से खबर है कि पूर्व उपराष्ट्रपति और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरो सिंह शेखावत ( Tonk Road may be named after Bhairon Singh Shekhawat) के नाम से राजधानी के एक व्यस्त मार्ग को नगर निगम ग्रेटर समर्पित करने वाला है. वहीं, अंदर खबर ये है कि सत्ताधारी कांग्रेस सरकार भी अपने एक वरिष्ठ नेता के नाम पर इसी सड़क के नामकरण की तैयारी कर रही है. ऐसे में सड़क के जरिए सियासत का रंग जल्द जयपुर शहर की राजनीति के दरमियां नजर आ सकता है.

सड़क के जरिए सियासत का रंग: ग्रेटर नगर निगम का बीजेपी बोर्ड चुनावी साल में राजस्थान के वरिष्ठ नेता भैरो सिंह शेखावत को सम्मान देने की कवायद में जुटी है. गौर करने वाली बात ये है कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले नवनिर्मित सोडाला एलिवेटेड रोड का नाम भारत जोड़ो सेतु किया था. वहीं, बीते दिनों जयपुर के अल्बर्ट हॉल के नाम को भी बदले जाने की चर्चाएं तेज हुई थी. ऐसे दौर में अब टोंक रोड का नाम भैरो सिंह शेखावत मार्ग किए जाने की चर्चाएं सियासी सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक दिलचस्पी पैदा कर रही है.

एक साल से ज्यादा समय से चल रही नाम बदलने की कवायद : ग्रेटर नगर निगम के उप महापौर पुनीत कर्णावट ने इसे जनता की मांग बताते हुए कहा कि जयपुर में टोंक रोड एक ऐसी मुख्य सड़क है, जिसका नामकरण भैरो सिंह शेखावत के नाम पर किया जाना उचित होगा. इस संबंध में बीते साल 17 अक्टूबर 2021 को महापौर को नोटशीट लिखकर आग्रह किया था कि प्रस्ताव लाया जाए. पिछले महीने जो एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग हुई, उसमें किसी कारणवश ये प्रस्ताव छूट गया. इसलिए दोबारा महापौर को पत्र लिखकर ये आग्रह किया है. उसकी आगामी तारीख तय करके अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ भैरो सिंह शेखावत के नाम से टोंक रोड का नामकरण करने का प्रस्ताव लेकर आएं. ताकि अजमेरी गेट से जहां तक ग्रेटर नगर निगम की सीमा है. सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया से आगे तक भैरों सिंह शेखावत मार्ग रखा जाए. ये भैरो सिंह शेखावत के प्रति जयपुर की जनता की ये छोटी सी श्रद्धांजलि होगी.

ये भी पढ़ें: MP रामचरण बोहरा ने टोंक रोड और रिंग रोड का किया दौरा, विकास कार्यों की ली रिपोर्ट

टोंक रोड का नाम आयरन लेडी इंदिरा गांधी के नाम पर क्यों नहीं? : उधर, ग्रेटर नगर निगम की ईसी मीटिंग में इस प्रस्ताव को लाए जाने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस पार्षद करण शर्मा ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी का बोर्ड है तो भैरों सिंह शेखावत के नाम से ही क्यों? टोंक रोड का नाम आयरन लेडी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Congress suggested Indira Gandhi name) या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम से भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी टोंक रोड का नाम बदलकर जबरन विवाद क्यों बढ़ाने में लगी है.

जयपुर से जुड़े ऐतिहासिक व्यक्ति के नाम पर हो टोंक रोड : इस बहस के बीच जयपुर में सक्रिय धरोहर बचाओ समिति के संयोजक भारत शर्मा ने मांग उठाई है कि जब टोंक रोड का नाम बदला ही जा रहा है तो फिर जयपुर से जुड़े किसी ऐतिहासिक व्यक्ति के नाम पर रखा जाए. फिर चाहे इस रोड को सवाई जयसिंह कहें या सवाई मानसिंह रोड.

जयपुर में सड़कों के नाम का रहा है इतिहास : राजधानी की बसावट से ही यहां सड़कों और मार्गों के नाम आमेर और जयपुर के राजाओं, मंत्रियों, सामंतों और दीवान के नाम पर रखने की परंपरा रही है. गली मोहल्लों के नाम स्थानीय बसावट के आधार पर रखे गए थे.

पहले भी बदले गए हैं नाम : जयपुर में सबसे पहले तहदिलदार का रास्ता नाम बदलकर बाबा हरिशचंद्र रखा गया था. अजमेर रोड का नाम बदलकर मिर्जा इस्माईल रोड, अजमेर एलिवेटेड का नाम आचार्य तुलसी सेतु, क्वीन्स रोड का नाम होशियार सिंह मार्ग किया गया. वहीं वर्तमान जवाहरलाल नेहरू रोड पहले सवाई मानसिंह हाईवे हुआ करता था. जबकि टोंक रोड का नाम पूर्व में सवाई राम सिंह हाईवे था. जबकि पिछली सरकार में एयरपोर्ट जाने वाली टोंक रोड और जेएलएन मार्ग को जोड़ने वाले आश्रम मार्ग को भी रामदास अग्रवाल के नाम पर रखा गया था.

मार्गों के नामकरण की ये है प्रक्रिया : शहर के मार्गों के नामकरण का अधिकार नगर निगमों के पास होता है. एक्जीक्यूटिव कमेटी या फिर बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव लाकर पास होने पर नामकरण किया जा सकता है. राज्य सरकार की ओर से तय किए गए मापदंडों के अनुसार, ये नाम प्रमुख हस्तियों, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के नाम पर होना चाहिए. यही वजह है कि ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने महापौर सौम्या गुर्जर को एक पत्र लिखकर एग्जीक्यूटिव कमिटी की अगली मीटिंग में ये प्रस्ताव लाने का आग्रह किया है. चूंकि ग्रेटर निगम में बीजेपी का बोर्ड है और एग्जीक्यूटिव कमेटी के पास शहर के मार्गों का नामकरण करने का अधिकार है. ऐसे में अगर ये प्रस्ताव ईसी में आता है, तो ये बात तय है कि अजमेरी गेट से ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में आने वाले टोंक रोड का नाम भैरो सिंह शेखावत के नाम से हो सकता है ( Tonk Road can be Bhairon Singh Shekhawat Marg), बशर्ते राज्य सरकार इसमें कोई खलल ना डालें.

बता दें कि अजमेरी गेट से सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया से आगे तक टोंक रोड ग्रेटर नगर निगम का क्षेत्र है. जिसमें मालवीय नगर, सांगानेर और बगरू विधानसभा लगती है. इनमें से दो में बीजेपी जबकि एक में कांग्रेस की विधायक हैं. विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले भैरो सिंह शेखावत के नाम पर टोंक रोड का नामकरण करने की कवायद की वजह से इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

टोंक रोड का नाम देश के पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के नाम पर रखने की कवायद

जयपुर. किसी भी शहर में सड़कों का नामकरण राजनेताओं के नाम से होना आम बात है. कई मर्तबा इस नामकरण के पीछे सियासी पैगाम भी छिपे होते हैं. लिहाजा राजनीतिक दल नाम बदलने की कवायद में पीछे नहीं रहते हैं. राजधानी जयपुर में सड़क के नामकरण का मसला फिलहाल सुर्खियों में है. नगर निगम के गलियारों से खबर है कि पूर्व उपराष्ट्रपति और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरो सिंह शेखावत ( Tonk Road may be named after Bhairon Singh Shekhawat) के नाम से राजधानी के एक व्यस्त मार्ग को नगर निगम ग्रेटर समर्पित करने वाला है. वहीं, अंदर खबर ये है कि सत्ताधारी कांग्रेस सरकार भी अपने एक वरिष्ठ नेता के नाम पर इसी सड़क के नामकरण की तैयारी कर रही है. ऐसे में सड़क के जरिए सियासत का रंग जल्द जयपुर शहर की राजनीति के दरमियां नजर आ सकता है.

सड़क के जरिए सियासत का रंग: ग्रेटर नगर निगम का बीजेपी बोर्ड चुनावी साल में राजस्थान के वरिष्ठ नेता भैरो सिंह शेखावत को सम्मान देने की कवायद में जुटी है. गौर करने वाली बात ये है कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले नवनिर्मित सोडाला एलिवेटेड रोड का नाम भारत जोड़ो सेतु किया था. वहीं, बीते दिनों जयपुर के अल्बर्ट हॉल के नाम को भी बदले जाने की चर्चाएं तेज हुई थी. ऐसे दौर में अब टोंक रोड का नाम भैरो सिंह शेखावत मार्ग किए जाने की चर्चाएं सियासी सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक दिलचस्पी पैदा कर रही है.

एक साल से ज्यादा समय से चल रही नाम बदलने की कवायद : ग्रेटर नगर निगम के उप महापौर पुनीत कर्णावट ने इसे जनता की मांग बताते हुए कहा कि जयपुर में टोंक रोड एक ऐसी मुख्य सड़क है, जिसका नामकरण भैरो सिंह शेखावत के नाम पर किया जाना उचित होगा. इस संबंध में बीते साल 17 अक्टूबर 2021 को महापौर को नोटशीट लिखकर आग्रह किया था कि प्रस्ताव लाया जाए. पिछले महीने जो एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग हुई, उसमें किसी कारणवश ये प्रस्ताव छूट गया. इसलिए दोबारा महापौर को पत्र लिखकर ये आग्रह किया है. उसकी आगामी तारीख तय करके अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ भैरो सिंह शेखावत के नाम से टोंक रोड का नामकरण करने का प्रस्ताव लेकर आएं. ताकि अजमेरी गेट से जहां तक ग्रेटर नगर निगम की सीमा है. सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया से आगे तक भैरों सिंह शेखावत मार्ग रखा जाए. ये भैरो सिंह शेखावत के प्रति जयपुर की जनता की ये छोटी सी श्रद्धांजलि होगी.

ये भी पढ़ें: MP रामचरण बोहरा ने टोंक रोड और रिंग रोड का किया दौरा, विकास कार्यों की ली रिपोर्ट

टोंक रोड का नाम आयरन लेडी इंदिरा गांधी के नाम पर क्यों नहीं? : उधर, ग्रेटर नगर निगम की ईसी मीटिंग में इस प्रस्ताव को लाए जाने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस पार्षद करण शर्मा ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी का बोर्ड है तो भैरों सिंह शेखावत के नाम से ही क्यों? टोंक रोड का नाम आयरन लेडी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Congress suggested Indira Gandhi name) या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम से भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी टोंक रोड का नाम बदलकर जबरन विवाद क्यों बढ़ाने में लगी है.

जयपुर से जुड़े ऐतिहासिक व्यक्ति के नाम पर हो टोंक रोड : इस बहस के बीच जयपुर में सक्रिय धरोहर बचाओ समिति के संयोजक भारत शर्मा ने मांग उठाई है कि जब टोंक रोड का नाम बदला ही जा रहा है तो फिर जयपुर से जुड़े किसी ऐतिहासिक व्यक्ति के नाम पर रखा जाए. फिर चाहे इस रोड को सवाई जयसिंह कहें या सवाई मानसिंह रोड.

जयपुर में सड़कों के नाम का रहा है इतिहास : राजधानी की बसावट से ही यहां सड़कों और मार्गों के नाम आमेर और जयपुर के राजाओं, मंत्रियों, सामंतों और दीवान के नाम पर रखने की परंपरा रही है. गली मोहल्लों के नाम स्थानीय बसावट के आधार पर रखे गए थे.

पहले भी बदले गए हैं नाम : जयपुर में सबसे पहले तहदिलदार का रास्ता नाम बदलकर बाबा हरिशचंद्र रखा गया था. अजमेर रोड का नाम बदलकर मिर्जा इस्माईल रोड, अजमेर एलिवेटेड का नाम आचार्य तुलसी सेतु, क्वीन्स रोड का नाम होशियार सिंह मार्ग किया गया. वहीं वर्तमान जवाहरलाल नेहरू रोड पहले सवाई मानसिंह हाईवे हुआ करता था. जबकि टोंक रोड का नाम पूर्व में सवाई राम सिंह हाईवे था. जबकि पिछली सरकार में एयरपोर्ट जाने वाली टोंक रोड और जेएलएन मार्ग को जोड़ने वाले आश्रम मार्ग को भी रामदास अग्रवाल के नाम पर रखा गया था.

मार्गों के नामकरण की ये है प्रक्रिया : शहर के मार्गों के नामकरण का अधिकार नगर निगमों के पास होता है. एक्जीक्यूटिव कमेटी या फिर बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव लाकर पास होने पर नामकरण किया जा सकता है. राज्य सरकार की ओर से तय किए गए मापदंडों के अनुसार, ये नाम प्रमुख हस्तियों, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के नाम पर होना चाहिए. यही वजह है कि ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने महापौर सौम्या गुर्जर को एक पत्र लिखकर एग्जीक्यूटिव कमिटी की अगली मीटिंग में ये प्रस्ताव लाने का आग्रह किया है. चूंकि ग्रेटर निगम में बीजेपी का बोर्ड है और एग्जीक्यूटिव कमेटी के पास शहर के मार्गों का नामकरण करने का अधिकार है. ऐसे में अगर ये प्रस्ताव ईसी में आता है, तो ये बात तय है कि अजमेरी गेट से ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में आने वाले टोंक रोड का नाम भैरो सिंह शेखावत के नाम से हो सकता है ( Tonk Road can be Bhairon Singh Shekhawat Marg), बशर्ते राज्य सरकार इसमें कोई खलल ना डालें.

बता दें कि अजमेरी गेट से सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया से आगे तक टोंक रोड ग्रेटर नगर निगम का क्षेत्र है. जिसमें मालवीय नगर, सांगानेर और बगरू विधानसभा लगती है. इनमें से दो में बीजेपी जबकि एक में कांग्रेस की विधायक हैं. विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले भैरो सिंह शेखावत के नाम पर टोंक रोड का नामकरण करने की कवायद की वजह से इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

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