जयपुर. प्रदेश में चल रहे मंत्रालयिक कर्मचारियों का महापड़ाव 38वें दिन भी जारी रहा. हालांकि बुधवार को राजधानी जयपुर में हुई तेज बारिश और तूफान की वजह से ही कर्मचारियों की महापड़ाव पर लगा टेंट पूरी तरीके से उखड़ गया. इस दौरान टेंट गिरने से आधा दर्जन कर्मचारियों के चोटें भी आईं हैं. बावजूद इसके कर्मचारियों ने साफ कर दिया कि जब तक सरकार उनकी समान काम, समान वेतन वाली मांग पूरी नहीं करती. तब तक कितने की आंधी-तूफान आएं लेकिन उनके हौसले टूटने वाले नहीं हैं. उन्होंने साफ कर दिया कि इस बार अपनी मांगे मनवाने के बाद ही वह अपने घर और काम पर लौटेंगे.
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जारी है महापड़ावः बता दें कि राजस्थान के हजारों मंत्रालयिक कर्मचारी मानसरोवर शिप्रा पथ जयपुर पर पिछले 38 दिनों से महापड़ाव डालकर आंदोलनरत है. कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने बताया कि काम के समान वेतन की मांग को लेकर मंत्रालय कर्मचारी पिछले 38 दिन से अपना महापड़ाव डाले हुए है. यह कर्मचारी तब तक अपने घर वापस नहीं लौटेंगे जब तक सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं कर देती. फिर चाहे कितनी ही भीषण गर्मी पड़े या आंधी तूफान आए. चौधरी ने कहा कि आज भी आंधी तूफान से महापड़ाव का टेंट पूरी तरह टूट गया. जिसमें करीब आधा दर्जन महापड़ाव में शामिल कर्मचारियों की चोट आई है. जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद उनके घर भेज दिया है. चौधरी ने कहा कि सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा न लें. यहां पर सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी हैं. अगर सरकार समय रहते इन कर्मचारियों की मांग को पूरा नहीं करेगी तो आने वाले दिनों में प्रदेशभर के हजारों की संख्या कर्मचारी इस महापड़ाव में शामिल होंगे.
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अनशन से पहले ब्लड डोनेशन कैंप भी लगायाः चौधरी ने बताया कि महापड़ाव पर हर दिन अलग अलग तरीके से कर्मचारियों की मांगों की सरकार का ध्यान खींचने के लिए कार्यक्रम किये जा रहे हैं. पांच दिन पहले मंत्रलयिक कर्मचारियों के 11 सदस्यों ने आमरण अनशन पर बेठे गए थे. जिसके बाद गहलोत सरकार में मंत्री महेश जोशी एक दिन पहले मंगलवार को महापड़ाव स्थल पर पहुंचे थे. चार दिन में सकारात्मक मांगों पर आदेश जारी कराने का आश्वासन दिया और उन्होंने आमरण अनशनकारियों को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जन्म दिन पर महापड़ाव स्थल पर ही रक्तदान शिविर का आयोजन कर 1072 युनिट ब्लड एकत्रित किया गया. चौधरी ने कहा कि लगातार गांधीवादी तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाया जा रहा है. हमारी सरकार से मांग है कि समान काम समान वेतन के फार्मूले को जल्द लागू करें. इन कर्मचारियों के सब्र का इम्तिहान नहीं लें