जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने 24 साल के इस अभियुक्त पर 1 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अभियुक्त रिश्ते में पीड़िता के भाई की होने वाली पत्नी का भाई लगता है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि संबंध बनाने में अभ्यस्त होने की रिपोर्ट आने से अभियुक्त को यह अधिकार नहीं मिल जाता कि वह नाबालिग से संबंध बनाए. इसके अलावा यदि संबंध बनाने में उसकी सहमति है तो भी नाबालिग पीडिता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 17 अक्टूबर, 2021 को पीड़िता के पिता ने फागी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि 14 अक्टूबर को वो अपनी रिश्तेदार के यहां गया हुआ था और उसका बेटा व चार बेटियां घर पर सो रहे थे. सुबह करीब चार बजे वह घर पहुंचा तो उसकी एक बेटी घर में नहीं मिली. उसे शक है कि उसके बेटे का साला उसकी बेटी को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि 14 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे अभियुक्त उसके घर आया और उसकी होने वाली भाभी से मिलाने की बात कहकर अपने साथ ले गया.
इसे भी पढ़ें - चचेरी बहन से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा, 50 हजार जुर्माना
अभियुक्त पहले उसे अपने दोस्त के घर ले गया और उसके साथ संबंध बनाए. इसके बाद वह उसे गणेश मंदिर ले गया. यहां भी अभियुक्त ने उससे दुष्कर्म किया. वहीं, बाद में अभियुक्त उसे बीसलपुर के पास स्थित आंवला फॉर्म ले गया. यहां वह दो दिन तक साथ रहे और अभियुक्त ने समय-समय पर उससे संबंध बनाए. इस दौरान वहां उसके रिश्तेदार और पुलिस आ गई, जिसे देखकर अभियुक्त वहां से भाग गया. वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसने अपनी बहन की शादी पीड़िता के भाई से करने से मना किया था, जिसके चलते उसे मामले में झूठा फंसाया गया है. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता संबंध बनाने में अभ्यस्त है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.