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पुलिस उपाधीक्षक अपनी पत्नी से घरेलू हिंसा न करे, 15 हजार रुपए बतौर भरण पोषण भी देने के आदेश - Rajasthan hindi news

घरेली हिंसा के मामले में कोर्ट ने आदेश दिया है कि उपाधीक्षक पति अपनी पत्नी से घरेलू हिंसा न करे और 15 हजार रुपए बतौर भरण पोषण भी अदा करे.

Jaipur Sessions Court orders DSP
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Published : Mar 14, 2023, 7:45 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-2 महानगर प्रथम ने पुलिस उपाधीक्षक नरेश कुमार को पाबंद किया है कि वह अपनी पत्नी से घरेलू हिंसा न करें. इसके साथ ही वह अपनी पत्नी को दैनिक जरूरतों के लिए मासिक पन्द्रह हजार रुपए भी अदा करें. अदालत ने यह आदेश अंजू मेहरा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि वर्ष 2009 में उसका विवाह नरेश कुमार बंशीवाल के साथ हुआ था. इसमें प्रार्थिया के पिता ने हैसियत से बढ़कर और लोन लेकर शादी में खर्चा किया था. दहेज में कार, 18 तोला सोना और दो लाख रुपए नकद सहित अन्य कीमती सामान दिया गया था. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि शादी के बाद से उसका पति नरेश कुमार व अन्य परिवारजन उसे कम दहेज लाने के लिए ताने मारने लगे और शादी तोड़ने की धमकी देने लगे. इसके साथ ही उसे आए दिन कमरे में बंद कर प्रताड़ित भी किया जाता था.

पढ़ें. दुष्कर्म और अपहरण मामले में दो दोषियों को कोर्ट ने 10 महीने में सुनाई फांसी की सजा

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसे अपने भरण पोषण सहित दैनिक जरूरतों के लिए राशि दिलाई जाए. इसका विरोध करते हुए प्रार्थिया के पति की ओर से कहा गया कि प्रार्थना पत्र में सभी तथ्य आधारहीन हैं. प्रार्थिया स्वयं जिद्दी और झगड़ालू प्रकृति की महिला रही है. वह अपनी मनमर्जी कर उसे प्रताड़ित करती थी. इसके साथ ही वह उसके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए दहेज का झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देती थी. महिला स्वयं बीएड है और 16 हजार रुपए कमाती है. ऐसे में प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अप्रार्थी नरेश कुमार बंशीवाल को निर्देश दिए कि वह प्रार्थिया को भरण पोषण के तौर पर पन्द्रह हजार रुपए मासिक अदा करे और उसके साथ हिंसा न करे.

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-2 महानगर प्रथम ने पुलिस उपाधीक्षक नरेश कुमार को पाबंद किया है कि वह अपनी पत्नी से घरेलू हिंसा न करें. इसके साथ ही वह अपनी पत्नी को दैनिक जरूरतों के लिए मासिक पन्द्रह हजार रुपए भी अदा करें. अदालत ने यह आदेश अंजू मेहरा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि वर्ष 2009 में उसका विवाह नरेश कुमार बंशीवाल के साथ हुआ था. इसमें प्रार्थिया के पिता ने हैसियत से बढ़कर और लोन लेकर शादी में खर्चा किया था. दहेज में कार, 18 तोला सोना और दो लाख रुपए नकद सहित अन्य कीमती सामान दिया गया था. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि शादी के बाद से उसका पति नरेश कुमार व अन्य परिवारजन उसे कम दहेज लाने के लिए ताने मारने लगे और शादी तोड़ने की धमकी देने लगे. इसके साथ ही उसे आए दिन कमरे में बंद कर प्रताड़ित भी किया जाता था.

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प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसे अपने भरण पोषण सहित दैनिक जरूरतों के लिए राशि दिलाई जाए. इसका विरोध करते हुए प्रार्थिया के पति की ओर से कहा गया कि प्रार्थना पत्र में सभी तथ्य आधारहीन हैं. प्रार्थिया स्वयं जिद्दी और झगड़ालू प्रकृति की महिला रही है. वह अपनी मनमर्जी कर उसे प्रताड़ित करती थी. इसके साथ ही वह उसके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए दहेज का झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देती थी. महिला स्वयं बीएड है और 16 हजार रुपए कमाती है. ऐसे में प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अप्रार्थी नरेश कुमार बंशीवाल को निर्देश दिए कि वह प्रार्थिया को भरण पोषण के तौर पर पन्द्रह हजार रुपए मासिक अदा करे और उसके साथ हिंसा न करे.

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