ETV Bharat / state

Jaipur serial bomb blast case: जिंदा बम से जुड़े प्रकरण में आईएएस जोगाराम के हुए बयान

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 11, 2023, 9:31 PM IST

जयपुर बम ब्लास्ट मामले की विशेष अदालत में वर्ष 2008 में हुए जयपुर सीरियल बम कांड के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में आईएएस जोगाराम के बयान दर्ज हुए.

Jaipur serial bomb blast case
जयपुर सीरियल बम कांड

जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट मामले की विशेष अदालत में वर्ष 2008 में हुए जयपुर सीरियल बम कांड के दौरान जिंदा मिले बम के मामले में आईएएस जोगाराम के बयान दर्ज हुए. जोगाराम ने बतौर कलेक्टर रहते प्रकरण में विस्फोटक अधिनियम के तहत अभियोजन स्वीकृति दी थी. जानकारी के अनुसार जोगाराम ने अपने बयानों में कहा कि उन्होंने पत्रावली का अवलोकन कर नियमानुसार प्रकरण में मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.

गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर की चारदीवारी के भीतर स्थित बाजारों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. जिसमें दर्जनों लोगों की मौत के साथ ही कई लोग घायल हुए थे. वहीं इस दौरान एक जगह से बम निरोधक दस्ते ने जिंदा बम भी बरामद किया था. प्रकरण में बम धमाकों के मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने मोहम्मद सैफ और सरवर आजमी सहित अन्य को आरोपी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं बाद में हाईकोर्ट ने इनकी फांसी की सजा को रद्द कर इन्हें बरी कर दिया था.

पढ़ें: Jaipur Serial Blast Case: जिंदा बम मिलने से जुड़े मामले में बहस पूरी, कोर्ट ने 11 सितंबर तक आदेश रखा सुरक्षित

हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार व पीड़ित पक्ष की ओर से पेश विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रही है. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने जिंदा मिले बम को लेकर समान धाराओं में अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया. जिस पर विशेष न्यायालय में सुनवाई चल रही है. आरोपियों की ओर से पूर्व में अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर इस प्रकरण से दोष मुक्त करने की गुहार भी की गई थी. आरोपियों का कहना था कि दोनों मामलों में समान धाराएं हैं और गवाह, दस्तावेज और तथ्य भी समान ही हैं. मूल प्रकरण से वे बरी हो चुके हैं. इसलिए जिंदा मिले बम के मामले में भी उन्हें दोषमुक्त किया जाए.

जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट मामले की विशेष अदालत में वर्ष 2008 में हुए जयपुर सीरियल बम कांड के दौरान जिंदा मिले बम के मामले में आईएएस जोगाराम के बयान दर्ज हुए. जोगाराम ने बतौर कलेक्टर रहते प्रकरण में विस्फोटक अधिनियम के तहत अभियोजन स्वीकृति दी थी. जानकारी के अनुसार जोगाराम ने अपने बयानों में कहा कि उन्होंने पत्रावली का अवलोकन कर नियमानुसार प्रकरण में मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.

गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर की चारदीवारी के भीतर स्थित बाजारों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. जिसमें दर्जनों लोगों की मौत के साथ ही कई लोग घायल हुए थे. वहीं इस दौरान एक जगह से बम निरोधक दस्ते ने जिंदा बम भी बरामद किया था. प्रकरण में बम धमाकों के मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने मोहम्मद सैफ और सरवर आजमी सहित अन्य को आरोपी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं बाद में हाईकोर्ट ने इनकी फांसी की सजा को रद्द कर इन्हें बरी कर दिया था.

पढ़ें: Jaipur Serial Blast Case: जिंदा बम मिलने से जुड़े मामले में बहस पूरी, कोर्ट ने 11 सितंबर तक आदेश रखा सुरक्षित

हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार व पीड़ित पक्ष की ओर से पेश विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रही है. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने जिंदा मिले बम को लेकर समान धाराओं में अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया. जिस पर विशेष न्यायालय में सुनवाई चल रही है. आरोपियों की ओर से पूर्व में अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर इस प्रकरण से दोष मुक्त करने की गुहार भी की गई थी. आरोपियों का कहना था कि दोनों मामलों में समान धाराएं हैं और गवाह, दस्तावेज और तथ्य भी समान ही हैं. मूल प्रकरण से वे बरी हो चुके हैं. इसलिए जिंदा मिले बम के मामले में भी उन्हें दोषमुक्त किया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.