जयपुर. राजधानी के विद्याधर नगर थाना इलाके में अपनी ताई की बेरहमी से हत्या कर (Saroj Devi Murder Case) मार्बल कटर से शरीर के 10 टुकड़े किए और फिर उन टुकड़ों को एक-एक कर ठिकाने लगाया. लेकिन इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने के बाद भी आरोपी को कोई पछतावा नहीं है. आलम यह है कि पुलिस भी उसके हाव-भाव को देख दंग है. साथ ही पूछताछ में सामने आया कि हत्यारा अनुज शर्मा पिछले सात सालों से हरे रामा हरे कृष्णा मिशन (Hare Rama Hare Krishna Mission) में बतौर प्रचारक सेवारत था. वहीं, बीटेक करने के बाद कुछ समय तक उसने नौकरी भी की थी, लेकिन बाद उसने नौकरी छोड़ दी और आखिरकार हरे रामा हरे कृष्णा मिशन से जा जुड़ा. इस दौरान उसने वृंदावन में सात साल बिताए, जहां वो कई मंदिरों से जुड़ा. इस बीच उसने कई बार दिल्ली और हरिद्वार की यात्रा भी की. वहीं, ताई की हत्या के बाद भी वो 13 दिसंबर को हरिद्वार के पतंजलि संस्थान में पेट के इलाज के लिए गया था. वहां से लौटते समय पहले गाजियाबाद गया और फिर दिल्ली में अपने मित्र से मिला, जहां संकीर्तन करने के बाद फिर वहां से जयपुर लौट लाया.
इधर, पुलिस रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद मंगलवार यानी आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. जहां पुलिस उसे जेल भेजने की मांग करेगी. लेकिन हत्यारे अनुज शर्मा से की गई पूछताछ (Jaipur Crime news) में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. साथ ही पुलिस की ओर से बताया गया कि हत्यारे अनुज को देख उसके शातिर दिमाग का अंदाजा लगा पाना बेहद मुश्किल है. खैर, अब एक के बाद एक उसके कारनामों की परतें खुल रही है. पुलिस की मानें तो परिवार की एक और महिला अनुज के निशाने पर थी, लेकिन वो किसी तरह से बच निकली.
बुआ से की मारपीट और फिर... ताई के हत्यारे अनुज शर्मा को ना सुनने की आदत नहीं थी. ऐसा होने पर वो अपना आपा खो देता और बदसलूकी पर उतर आता था. एडिशनल डीसीपी नॉर्थ धर्मेंद्र सागर ने बताया कि कुछ माह पहले ही अनुज अपनी बुआ के यहां चंडीगढ़ गया था. जहां से उसे जम्मू प्रचार के लिए जाना था. उस दौरान अनुज की बुआ ने उसे जम्मू जाने से टोका था, जिस पर अनुज ने अपनी बुआ के साथ बदसलूकी करते हुए मारपीट की और फिर उन्हें कमरे में बंद करके वहां से भाग गया था. जयपुर में भी उसकी ताई ने उसे जाने से टोका था और उसके बाद उसने इस वारदात को अंजाम दिया.
तीन घंटे में किए ताई के 10 टुकड़े: हत्यारे अनुज ने अपनी सगी ताई की 11 दिसंबर को हत्या कर दी और फिर थाने जाकर खुद ही गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने बताया कि हत्यारे अनुज ने अपनी ताई सरोज शर्मा के शव को करीब तीन घंटे में मार्बल कटर (Jaipur Murder Case) की सहायता से 10 टुकड़ों में काट डाला. जिसके बाद उसी दिन करीब 3.30 से 4 बजे के आसपास डेड बॉडी के टुकड़ों को बकेट और सूटकेस में भरकर अपनी कार में लेकर लगभग 12 से 13 किलोमीटर दूर जाकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया. पुलिस अब तक मृतका के शरीर के 8 टुकड़े ही बरामद कर पाई है. शेष टुकड़ों की तलाश लगातार जारी है. एडिशनल डीसीपी नॉर्थ धर्मेंद्र सागर का कहना है कि जिन स्थानों पर मृतका के शव के टुकड़े फेंके गए, वो जंगल क्षेत्र है. जहां पर कई जंगली जानवर मौजूद हैं. ऐसे में इस बात की संभावना अधिक है कि शेष टुकड़ों को जंगली जानवर अपने साथ ले गए होंगे. उधर, अभी तक सरोज शर्मा के शव का अंतिम संस्कार भी नहीं किया गया है और परिवार का एक-एक दिन पहाड़ सा गुजर रहा है.
पुलिस कराएगी डीएनए टेस्ट: हत्यारे अनुज शर्मा इतना शातिर है कि वह पूछताछ के दौरान पुलिसकर्मियों को कह रहा है कि अभी उस पर हत्या के आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं. कोर्ट ही उसे हत्यारा करार दे सकता है. हत्यारे की इस किस्म की मानसिकता को देखते हुए पुलिस ने (Shraddha like murder in Jaipur) जंगल से मृतका के शव के जो टुकड़े बरामद किए हैं, उनकी डीएनए जांच करवाई जाएगी. एडिशनल डीसीपी नॉर्थ धर्मेंद्र सागर ने बताया कि मृतका की बेटियों से सैंपल लेने के बाद उसका मिलान जंगल से बरामद किए गए शव के टुकड़ों से लिए गए डीएनए सैंपल से किए जाएंगे. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जंगल से जो शव के टुकड़े बरामद हुए हैं, वो सरोज शर्मा के ही हैं.
डॉ अनिता गौतम ने घटना के पीछे बताया ये कारणः जयपुर के विद्याधर नगर में हाल ही में सरोज देवी हत्याकांड के बाद मानवता के मूल्यों पर चर्चा तेज हो गई है. इस बारे में विकृत मानसिकता को लेकर मनोचिकित्सक डॉक्टर अनिता गौतम ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि कैसे इस विकृत मानसिकता में आसपास की खबरें बढ़ते अपराध के पीछे की वजह बन रही है. डॉ गौतम ने कहा कि जिस तरह से किसी वारदात की घटने के बाद उसकी रिपोर्टिंग की जाती है, वह वारदात की तैयारी कर रहे किसी शख्स को इस बारे में अलर्ट कर देता है. लिहाजा श्रद्धा हत्याकांड में टुकड़े-टुकड़े करके लाश फेंके जाने के बाद अब इस तरह की खबरें सामने आने लगी हैं.
वारदात की जानकारी के साथ मानसिकता बड़ी वजहः मनोचिकित्सक डॉक्टर अनिता गौतम के मुताबिक मानसिक बीमारियों से परेशान लोगों की संख्या में वर्तमान जीवन शैली में इजाफा हुआ है. यह जरूरी है कि ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए. क्या हमारे इर्द-गिर्द ऐसे लोग हैं? आमतौर पर रोजमर्रा के बर्ताव में आने वाली तब्दीली के जरिए ऐसे लोगों को पहचाना जा सकता है. छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाहट पेश करना, झगड़ा करना, मारपीट करना ऐसी वजह है, जो मानसिकता के बदलाव को इंगित करती है. इसी तरह से मानसिक रूप से परेशान या बीमार शख्स के मनोवैज्ञानिक परिवर्तन को नजदीकी परिजन आसानी से नोटिस कर सकते हैं. ऐसे वक्त में किसी की बीमारी को छुपाए जाने से बेहतर है कि उस बीमारी को लेकर विशेषज्ञ से बातचीत की जाए. जयपुर में हुए सरोज हत्याकांड में भी आरोपी अनुज अपनी ताई के बार-बार रोकने-टोकने से परेशान था और कुछ समय पहले उसने अपने एक रिश्तेदार के घर में मारपीट भी की थी. वह परिवार से कटकर एक संस्था से जुड़ गया था, जो धार्मिक गतिविधियों में लिप्त थी. यह तमाम वजह है, जो बताती है कि किसी शख्स की मानसिकता में परिवर्तन आ रहा है. अगर यह परिवर्तन परिवार को नकारात्मक लगते हैं, तो ऐसी परिस्थिति में साइटोलॉजिस्ट या काउंसलर से तत्काल संपर्क किया जाना आवश्यक होता है.