जयपुर. राइट टू एजुकेशन के तहत शिक्षा विभाग में प्राइमरी क्लासेज में एडमिशन को लेकर guideline जारी की गई है. हालांकि पुराना बकाया भुगतान और प्रवेश की नई गाइडलाइन की वजह से निजी स्कूल संचालकों में नाराजगी है. उन्होंने पीपी 3, पीपी 4, और पीपी 5 में छात्रों की फीस पुनर्भरण राशि देने की मांग उठाई है. इस बीच जयपुर के शिक्षा महकमें ने प्राइवेट स्कूलों का पुराना करीब 12 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान करते हुए, अब प्री प्राइमरी क्लासेज में एडमिशन लिए जाने को लेकर सख्त रुख अख्तियार करने की चेतावनी दी है.
फीस पुनर्भरण को लेकर संशयः प्रदेश में पहली बार प्राइवेट स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेज से पहली कक्षा तक एक साथ एडमिशन हो सकेंगे. हालांकि नई गाइडलाइन में प्री प्राइमरी क्लासेज की फीस पुनर्भरण को लेकर संशय है. वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि प्राइवेट स्कूल में तो 25 फीसद सीटों पर प्री प्राइमरी क्लासेज में भी छात्रों को निशुल्क शिक्षा देनी होगी. इसके साथ ही पहली कक्षा से सरकार की ओर से उनकी फीस का पुनर्भरण किया जाएगा. हालांकि कई स्कूलों की शिकायत मिल रही है कि वो प्री प्राइमरी राशि में निशुल्क प्रवेश नहीं ले रहे हैं.
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नहीं चलेगी किसी भी स्कूल की मनमानीः जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजेंद्र शर्मा ने स्पष्ट कर दिया कि प्री प्राइमरी क्लासेज में एडमिशन लेना अनिवार्य है. स्कूलों के लिए एक कॉमन आदेश जारी किया गया है कि जिन छात्रों का RTE के तहत एडमिशन हुआ है, उनको अनिवार्य रूप से एडमिशन दें. यदि वो स्कूल ऐसा नहीं करते हैं तो उन स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. यहां तक की आवश्यकता पड़ी तो उनकी NOC विड्रा करने के लिए निदेशालय को लिखा जाएगा. किसी भी स्कूल की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी और सरकार के आदेशों का पालन सभी प्राइवेट स्कूलों को करना पड़ेगा.
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नए सत्र के लिए जल्द मांगे जाएंगे आवेदनः जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक जगदीश नारायण मीणा ने बताया कि इस वर्ष करीब 12 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. जिसमें 2022-23 का 7.19 करोड़ और 2020-21, 2021-22 का बकाया 5 करोड़ का भुगतान किया गया है. उन्होंने बताया कि 2022-23 की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और नए सत्र के लिए जल्द आवेदन मांगे जाएंगे. आपको बता दें कि आरटीई की नई गाइडलाइन के अनुसार अभिभावक छात्रों के 5 प्राइवेट स्कूल में आवेदन कर सकेंगे और आवेदन के दौरान स्कूलों को वरीयता भी देनी होगी. वहीं अब प्राइवेट स्कूल लॉटरी से चयनित छात्रों के दस्तावेज पर केवल आपत्ति जाता सकेंगे. उन्हें रिजेक्ट करने का अधिकार नहीं होगा. स्कूल की ओर से दर्ज कराई गई आपत्ति को सीबीईओ की ओर से जांचने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा.