जयपुर. गैर प्रशासनिक सेवा से आईएएस चयन का विरोध तेज हो गया है. इस विरोध में आरएएस के कई अधिकारी उतर आए है. वहीं इसका विरोध करते हुए मुख्यसचिव को ज्ञापन भी दिया. दरअसल, गैर प्रशासनिक सेवा से आईएएस में पदोन्नती का विरोध तेज हो गया है. सरकार की ओर से विभिन्न विभागों से आवेदन मांगने पर आरएएस अधिकारी इसके विरोध में उतर आये. आरएएस अधिकारियों के संगठन राजस्थान सेवा परिषद के प्रतिनिधियों ने पदोन्नति रुकवाने की मांग को लेकर मुख्यसचिव को ज्ञापन भी दिया.
बता दें कि आरएएस संगठन की नाराजगी इस बात से है की सरकार अन्य राज्यों की तर्ज पर नहीं. बल्कि अपने हिसाब से आईएएस पदोन्नति कर रही है. ज्ञापन में बताया गया है कि अन्य सेवा से आईएएस पदोन्नति सिर्फ विशेष परिस्थितियों में किये जाने का प्रावधान है.
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आरएएस एसोसीएशन का प्रतिनिधिमंडल नॉन आरएएस से आईएएस बनाने के प्रस्ताव मांगे जाने के विरोध में अध्यक्ष शहीन ने बताया कि अन्य सेवाओं से हमेशा आईएएस बनाए जाने का कोई अधिकार नहीं है. नियमों में सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि विशेष परिस्थिति में योग्यता के आधार पर किसी अन्य सेवा के अधिकारी को भी आईएएस बना सकती है. परंतु आरएएस अधिकारीयों की उपलब्धता के बावजूद अन्य सेवा के अधिकारियों को आईएएस बना दिया जाता है.
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ये अधिकारी प्रायः आरएएस अधिकारियों से जूनियर होते है. इन्हे प्रशासनिक अनुभव भी नहीं होता है. ये अधिकारी कुछ साल की सेवा के बाद हीं आईएएस बन जाते है. जबकि आरएएस से आईएएस में पदोन्नती लगभग 30 साल बाद हो रही है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से ये व्यवस्था बंद कर दी है. इसलिए राजस्थान में भी अन्य सेवाओं से आईएएस में चयन को बंद कर आरएएस सेवा से भरा जाना चाहिए. वहीं इस प्रतिनिधिमंडल में महासचिव सुनील भाटी, गौरव बजाड, हरजी लाल अटल, अनिल अग्रवाल सहित अन्य आरएएस अधिकारी मौजूद रहे.